एक बार यदि किसी को शराब पीने की लत लग जाए तो वह आसानी से नहीं छूटती। कहा जाता है कि पीने वाले को पीने का बहाना चाहिए। व्यक्ति खुशी के मौके पर पीता है तो गम भुलाने के लिए भी शराब का सहारा लेता है। जहां चार यार मिल जाते हैं, वहां जाम से जाम टकराए जाते हैं। नशे की हालत में आपस में सिर फुटौव्वल होते भी देखी गई है।
नशे में व्यक्ति अपने ऊपर से नियंत्रण खो बैठता है। कई बार हादसे भी होते हैं। लोग अमूमन सार्वजनिक स्थानों पर भी शराब पीने से नहीं हिचकते। क्या सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीना अपराध है? आज हम आपको इसी विषय पर इस पोस्ट में जानकारी देंगे। इसके हर पहलू पर बात करेंगे।
सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने को अपराध की श्रेणी में रखा गया है –
सामान्य तौर पर कहें तो निजी स्थान पर शराब पीना अपराध नहीं है, किंतु सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीना एवं लोगों की झुंझलाहट, परेशानी का कारण बनना, अतिचार करना अवश्य अपराध है।
इसके खिलाफ भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता अर्थात आईपीसी (IPC) की धारा- 510 के अंतर्गत इसके लिए दंड का प्रावधान किया गया है।
शराब पीने के कानून – आईपीसी की धारा 510
सार्वजनिक स्थान पर शराब पीने वालों एवं अतिचार करने वालों के खिलाफ पुलिस आईपीसी की धारा-510 के अंतर्गत कार्रवाई कर सकती है। इसके अनुसार नशे की हालत में किसी का सार्वजनिक अथवा लोक स्थान थवा किसी ऐसे स्थान में, जहां उसके प्रवेश से किसी व्यक्ति को क्षोभ हो, उसे 24 घंटे का कारावास अथवा 10 हजार रुपये का जुर्माना अथवा दोनों सजाएं साथ दी जा सकती हैं।
यह एक जमानती एवं असंज्ञेय अपराध है। यह अपराध समझौता योग्य भी नहीं है। यदि कोई व्यक्ति शराब के नशे में किसी सार्वजनिक क्षेत्र में उपद्रव करता मिलता है तो आईपीसी की धारा- 290 भी साथ में जोड़ी जा सकती है। यह धारा जमानत योग्य है। इसमें जुर्माने का भी प्रावधान है। किसी भी मजिस्ट्रेट के सामने यह मामला ले जाया जा सकता है। इसके अंतर्गत पांच हजार रुपये का जुर्माना नियत किया गया है।
शराब नीति एवं शराब पीने के कानून हर राज्य में अलग अलग है –
भारत में शराब की पूरे देश को लेकर कोई एक नीति एवं नियम नहीं हैं। हर राज्य को शराब से जुडे़ अपने नियम कायदे तय करने का हक है। ऐसे में भारत देश के 29 राज्यों में हरेक की अपनी अलग शराब नीति है। आप जानते ही हैं कि राज्य ही इसके उत्पादन, कीमत, बिक्री एवं टैक्स आदि तय कर सकते हैं।

विभिन्न राज्यों में शराब पीने की न्यूनतम उम्र क्या है?
शराबबंदी राज्यों का विषय है। कई राज्यों में शराब बिक्री पर प्रतिबंध है। वहीं, कुछ राज्यों में जहां यह बिक रही है, न्यूनतम उम्र को लेकर भी भिन्नता देखने को मिलती है। अलग अलग राज्य में शराब पीने की न्यूनतम उम्र निम्नवत है-
उत्तर प्रदेश | 18 |
उत्तराखंड | 21 |
हिमाचल प्रदेश | 18 |
दिल्ली | 25 |
पंजाब | 25 |
हरियाणा | 18 |
चंडीगढ़ | 25 |
मध्य प्रदेश | 18 |
तमिलनाडु | 21 |
पश्चिम बंगाल | 21 |
राजस्थान | 18 |
सिक्किम | 18 |
ओडिशा | 21 |
पुडुचेरी | 18 |
मेघालय | 25 |
महाराष्ट्र | 25 |
केरल | 21 |
कर्नाटक | 21 |
झारखंड | 21 |
जम्मू-कश्मीर | 21 |
गोवा | 18 |
असम | 25 |
अरुणाचल प्रदेश | 21 |
आंध्र प्रदेश | 21 |
इसके अतिरिक्त बिहार, गुजरात, लक्षद्वीप, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड में शराब निषेध अधिनियम लागू है। इन राज्यों में शराब की बिक्री एवं सेवन पर प्रतिबंध है।
शराब की बिक्री किन विशेष अवसरों पर निषिद्ध होती है?
हमारे देश भारत में कुछ विशेष अवसरों पर शराब की बिक्री को निषिद्ध किया गया है। इनमें गणतंत्र दिवस (26 जनवरी), स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) एवं गांधी जयंती (2 अक्तूबर) शामिल हैं। राष्ट्रीय अवकाश होने के कारण इन दिनों में शराबबंदी लागू की गई है।
हालांकि सच यह है कि इन दिनों से पूर्व ही लोग पर्याप्त मात्रा में अपने पास शराब स्टोर करके रख लेते हैं, ताकि ‘ड्राई डे’ पर उन्हें किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े।
शराब पीकर गाड़ी चलाने पर भी रोक लगाई गई है –
भारत में शराब पीकर गाड़ी चलाए जाने पर रोक लगाई गई है। इसके बावजूद लोग शराब पीकर गाड़ी चलाने से बाज नहीं आते। शराब पीकर वाहन चलाने वाले का कंट्रोल अपने वाहन के ऊपर से हट जाता है। ऐसे में कई बार बड़े हादसे हो जाते हैं। शराब पीकर गाड़ी चलाते पाए जाने के लिए भी सजा मुकर्रर की गई है। मोटर वाहन अधिनियम-1988 की धारा 185 में इसके लिए प्रावधान किया गया है।
इसके अनुसार भारत में यदि कोई मोटर वाहन चलाते हुए किसी व्यक्ति 100 मिलीलीटर खून में शराब की मात्रा 30 मिलीग्राम तक पाई जाती है तो पहली बार अपराध के लिए छह माह तक की अवधि तक कारावास अथवा दो हजार रूपये तक जुर्माना होगा। अथवा दोनों सजाएं एक साथ दी जाएंगी।
यदि इसके तीन साल के भीतर व्यक्ति समान अपराध का दोषी पाया जाता है तो उसे कारावास, जिसे दो साल तक बढ़ाया जा सकता है, अथवा तीन हजार रूपये जुर्माना, अथवा दोनों सजाएं साथ में दी जा सकती हैं। पुलिस किसी व्यक्ति में शराब की मात्रा का आकलन ब्रीथ एनालाइजर की मदद से करती है।
कोर्ट भी कह चुकी-निजी स्थान पर शराब का सेवन अपराध नहीं है –
निजी स्थान पर शराब का सेवन अपराध नहीं है। अब यह केरल हाईकोर्ट ने भी शराब के सेवन से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बात कही है। उसके अनुसार यह कोई अपराध नहीं है। लेकिन तभी तक इसे अपराध की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा, जब तक उस स्थान पर कोई उपद्रव न हुआ हो। केवल शराब की गंध से किसी शख्स को नशे में साबित नहीं किया जा सकता।
पुलिस शराबियों के खिलाफ अक्सर अभियान चलाती है –
शराब पीकर व्यक्ति का अपने ऊपर से नियंत्रण हट जाता है। वह भले-बुरे का फर्क नहीं समझता। कई बार तो शराबी ठेके पर ही शराब पीकर सड़कों पर आने जाने वालों का जीना दुश्वार कर देते हैं। ऐसे में ठेकों के सामने से खास तौर पर लड़कियों, युवतियों, महिलाओं का गुजरना मुश्किल हो जाता है।
शिकायत अथवा सूचना पर पुलिस ऐसे शराबियों के खिलाफ अक्सर अभियान चलाती है। ऐसे लोग बड़ी संख्या में पकड़े जाते हैं। पुलिस निर्धारित कानून के अनुसार ऐसे शराबियों पर कार्रवाई करती है।
भारत दुनिया में शराब का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता –
भारत दुनिया में शराब का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। देश में 66.3 करोड़ लीटर अल्कोहल पिया जाता है। देश में प्रति व्यक्ति शराब की खपत में भी बढ़ोत्तरी हो रही है। भारत की बात करें तो सर्वाधिक खपत वाले राज्यों में दक्षिण भारत के राज्यों आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, केरल एवं कर्नाटक में ही 45 प्रतिशत से अधिक शराब की खपत हो रही है।
इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र एवं पश्चिम बंगाल में कमाई का 10 प्रतिशत से अधिक हिस्सा शराब पर टैक्स से आता है। एक और खास एवं रोचक जानकारी भी आपको दे दें।
वो ये है कि भारत दुनिया का सर्वाधिक व्हिस्की पीने वाला देश है। अमेरिका तक का स्थान भारत के बाद में आता है। संख्या की बात करें तो अमेरिकियों के मुकाबले भारत के लोग हर साल तीन गुना अधिक व्हिस्की को उदरस्थ करते हैं।
कोरोना काल के दौरान शराब की होम डिलीवरी का प्रावधान किया गया
कोरोना महामारी के दौरान राजस्व प्राप्ति के उद्देश्य से कई राज्यों ने शराब की दुकानें अवश्य खोलीं। इनके आगे ग्राहकों की लाइनें लग गईं। बाद कई स्थानों पर कोरोना काल के दौरान होम डिलीवरी का भी प्रावधान किया गया। कोरोना का भीषण काल समाप्त होने के पश्चात पुनेंः दुकानें खुलीं एवं बार आदि फिर से गुलजार हो गए।
देश के लगभग 19 प्रतिशत लोग मिलावटी शराब के शिकार
गरीब एवं गांवों में रहने वाले लोग बड़ी मात्रा में मिलावटी शराब के शिकार होते हैं। कई बार जहरीली एवं नकली शराब पीने की वजह से बड़े बड़े हादसे भी हुए हैं। बड़ी संख्या में नकली एवं जहरीली शराब पीने वालों की मौत भी हुई है। एक आकलन के अनुसार देश के लगभग 19 प्रतिशत लोग मिलावटी शराब पीने को मजबूर हैं।
पुलिस कई बार अभियान चलाकर कच्ची शराब, लाहन आदि के अवैध भट्टों के खिलाफ कार्रवाई करती है। एक बड़ी बात यह भी है कि यह शराब स्थानीय स्तर पर तैयार होती है। इसका कोई रिकाॅर्ड नहीं होता और न ही इस पर टैक्स लगता है। ऐसे में सरकार को भी इस तरह की शराब से बड़ी मात्रा में राजस्व का फटका लगता है।
शराब पीने से बचें, इससे बड़ी बीमारियां होती हैं –
यदि आप भी शराब पीने के आदी हैं तो जितना जल्दी हो सके, इसे त्याग दें, क्योंकि इससे बड़ी बड़ी बीमारियां होती हैं। लिवर सिरोसिस एक ऐसी ही बीमारी है। इससे होने वाली करीब 60 प्रतिशत मौतें शराब की ही वजह से होती हैं।
इसके अतिरिक्त महिलाओं के साथ घर में होने वाली हिंसा एवं दुर्व्यवहार के पीछे भी कहीं न कहीं व्यक्ति का शराब पिए होना होता है।
बहुत से लोग शराब पीने जाने के लिए पत्नी से मारपीट तक करते हैं। इसका उनके बच्चाें पर भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। बहुत से लोग मानते हैं कि शराब की कीमत को बढ़ाना लोगों को इससे दूर रखने का कोई बड़ा तरीका नहीं है। इसके लिए आवश्यकता है कि लोग भीतर से ही इसके नुकसानों के प्रति जागरूक हों एवं वे स्वयं इसे पीने से दूर रहें।
दिल्ली ने शराब की दुकानों के लिए नए नियम जारी किए हैं –
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 से नई आबकारी नीति लागू की है। उसने शराब की दुकानों के लिए नए नियम जारी किए हैं। वह औपचारिक रूप से शराब के कारोबार को बंद कर रही है। इसके बाद से शहर में शराब का रिटेल कारोबार निजी हाथों में आ गया है।
सरकार द्वारा संचालित करीब 600 सरकारी शराब के ठेके बंद कर दिए गए हैं। शहर में 200 से अधिक ब्रांड 10 होलसेल लाइसेंस होल्डर्स के साथ रजिस्टर्ड हैं। नए नियमों के अनुसार अब शराब की दुकानें न्यूनतम 500 वर्ग फुट क्षेत्र में खोली जाएंगी। सभी दुकानों पर अब एसी एवं सीसीटीवी लगेंगे।
इसके अतिरिक्त ढाई हजार वर्ग फुट के क्षेत्रफल वाले पांच सुपर प्रीमियम रिटेल सेलर भी दुकान खोलेंगे। यहां भी शराब पीने की सुविधा रहेगी।
यूपी में तय कर दी गई है शराब की रिटेल बिक्री की सीमा
उत्तर प्रदेश सरकार ने आबकारी नियमों में परिवर्तन करते हुए करीब छह माह पूर्व शराब की रिटेल बिक्री की सीमा कर दी है। उसने हर प्रकार की शराब का मानक तय कर दिया है। उससे अधिक शराब न रिटेल में बिकेगी और न ही कोई व्यक्ति उससे अधिक शराब रख सकेगा।
अब कोई भी व्यक्ति एक वक्त में देशी शराब (सादा) की 200 एमएल वाली पांच बोतल, देशी शराब (मसाला) की 200 एमएल वाली पांच बोतल अथवा विदेशी शराब भारत में भरी अथवा बनी 1.5 लीटर, आयातित विदेशी शराब 1. 5 लीटर, भारत में भरी वाइन दो लीटर, समुद्र पार से आयात हुई वाइन दो लीटर, भारत में भरी बीयर छह लीटर, समुद्र पार से आयातित बीयर छह लीटर के अतिरिक्त एलएबी छह लीटर से ज्यादा नहीं रख सकेगा।
शराब पीकर रैश ड्राइविंग करने के जुर्म में कौन से एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई होती है?
शराब पीकर रैश ड्राइविंग करने के जुर्म में मोटर वाहन अधिनियम-1988 के अंतर्गत कार्रवाई होती है।
सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीकर अतिचार करने पर किस धारा के अंतर्गत कार्रवाई होती है?
सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीकर अतिचार करने पर आईपीसी की धारा -510 के अंतर्गत कार्रवाई होती है।
भारत में किन किन दिवसों पर शराबबंदी लागू होती है?
भारत में 26 जनवरी, 15 अगस्त एवं दो अक्तूबर को पूर्णतः शराबबंदी लागू होती है।
कौन कौन से राज्यों में शराब की बिक्री एवं सेवन पर प्रतिबंध है?
बिहार, गुजरात, लक्षद्वीप, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड में शराब की बिक्री एवं सेवन पर प्रतिबंध है।
भारत में शराब पीने की न्यूनतम उम्र क्या है?
भारत में शराब पीने की कोई एक उम्र निर्धारित नहीं है। प्रत्येक राज्य ने इस संबंध में अपने अलग अलग नियम लागू किए हैं। कहीं शराब पीने की न्यूनतम आयु 18 वर्ष है, कहीं 21 वर्ष तो कहीं 25 वर्ष।
हमने आपको इस पोस्ट के माध्यम से बताया कि शराब पीना अपराध है अथवा नहीं। आशा है कि क्या शराब पीना अपराध है? शराब पीने के कानून | Is it crime to drink liquor? पोस्ट से आपके शराब पीने को लेकर काफी कुछ कन्फ्यूजन दूर हो गए होंगे। लोगों को शराब पीने को लेकर जागरूक करने के लिए आप इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करें, ताकि वह भी कानून के बारे में जानें एवं सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीकर उपद्रव न करें। धन्यवाद।
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मैं छत्तीसगढ़ से हूं और यदि मुझे अपने क्षेत्र में शराब से संबंधित कानूनी जानकारी RTI के मध्यम से चाहिए,तो मैं कहां,किसे और कैसे आवेदन करूं,pls बताइए
मेरा एक मित्र जो की मध्यप्रदेश का निवासी है ।
गुजरात पर्यटन हेतु तीन मित्रो के साथ गया था ।
ये साथ में 1बाटल अंग्रेज़ी शराब की ले गये थे ।
वहां शराब पीते हुए पुलिस ने पकड़ा
और प्रकरण दर्ज कर दिया है ।
कोर्ट से समन् आया है ।
गुजरात कानून के अनुसार क्या दंड सम्भावित है ?
गजेंद्र जी अलग अलग राज्य के अपने अलग-अलग नियम है कृपया अपने वकील से संपर्क करें वह आपको बेहतर सलाह दे सकते हैं ।
मेरा एक मित्र जो की मध्यप्रदेश का निवासी है ।
गुजरात पर्यटन हेतु तीन मित्रो के साथ गया था ।
ये साथ में 1बाटल अंग्रेज़ी शराब की ले गये थे ।
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और प्रकरण दर्ज कर दिया है ।
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गुजरात कानून के अनुसार क्या दंड सम्भावित है ?
गजेंद्र जी अलग अलग राज्य के अपने अलग-अलग नियम है कृपया अपने वकील से संपर्क करें वह आपको बेहतर सलाह दे सकते हैं ।