नौकरी से अवैध निकाले पर क्या करें? नौकरी से निकालने पर शेष राशि कैसे प्राप्त करें?

नौकरी से अवैध निकाले का क्या अर्थ है? नौकरी से अवैध निकाला होने पर शेष राशि कैसे प्राप्त करें? (What is the meaning of illegal termination of service? How to get balance money in case of illegal termination of service?)

इन दिनों कई देशों की अर्थव्यवस्था पटरी से उतरी हुई है। भारत अपेक्षाकृत फिर भी संभला हुआ है। यद्यपि विपरीत हालात देखते हुए कई मल्टीनेशनल कंपनियों ने अपने खर्चे कम करने के लिए मैन पावर में कटौती कर दी है। वे अपने कर्मचारियों की छंटनी में लगी हुई हैं। कुछ कुछ समय पूर्व ट्विटर, फिर अमेजन और अब याहू जैसी कंपनी अपने कर्मचारियों की छंटनी कर रही है। कई कर्मचारियों को ऐसी स्थिति में निकाला गया, जब वे किसी अन्य कर्मचारी की नियुक्ति प्रक्रिया में संलग्न थे।

ऐसे कर्मचारियों ने इस अवैध निकाला (illegal termination) के खिलाफ आवाज उठाई है। नौकरी से अवैध निकाला क्या होता है? नौकरी से अवैध निकाला कब माना जाता है? नौकरी से अवैध निकाला होने पर शेष राशि कैसे प्राप्त करें? आज इस पोस्ट में हम आपको इन्हीं सब बिंदुओं पर जानकारी देंगे। आइए, शुरू करत हैं-

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नौकरी से अवैध निकाले का क्या अर्थ है? (What is the illegal termination of service?)

मित्रों, सबसे पहले यह जान लेते हं कि नौकरी से अवैध निकाले का क्या अर्थ है? आपको बता दें कि इसका अर्थ किसी कर्मचारी को बगैर किसी पर्याप्त कारण के नौकरी से निकाल दिया जाना होता है। इस स्थिति में न केवल उनके वेतन बल्कि अन्य भत्तों के भुगतान से भी वंचित हो जाना पड़ता है, जो किसी भी कर्मचारी के लिए एक तकलीफदेह स्थिति होती है। क्योंकि एक कर्मचारी की नौकरी के साथ अकेला वही नहीं, बल्कि अधिकांश केसों में उसका पूरा परिवार जुड़ा होता है।

नौकरी से अवैध निकाले पर क्या करें? नौकरी से निकालने पर शेष राशि कैसे प्राप्त करें?

कोई कंपनी कर्मचारी को कब नौकरी से निकाल सकती है? (When a company can terminate an employee?)

यह तो आप भी जानते हैं कि कंपनी किसी भी कर्मचारी को उचित आधार (fair ground) पर निकाल सकती है। ये उचित आधार क्या होते हैं, अब हम आपको इस बारे में बताएंगे, ये इस प्रकार से हैं-

  • यदि कर्मचारी कांट्रेक्ट (contract) की शर्तों का उल्लंघन कर रहा हो।
  • यदि कर्मचारी किसी कदाचार जैसे भ्रष्टाचार आदि में संलग्न हो।
  • यदि कर्मचारी कंपनी के नियम कानूनों (rules and regulations) के खिलाफ अन्य सहयोगियों को भड़काने में संलग्न हो।
  • यदि कर्मचारी कंपनी विरोधी गतिविधियों में संलग्न हो।
  • यदि कर्मचारी कंपनी में रहते हुए प्रतियोगी कंपनी के लिए कार्य कर रहा हो।

नौकरी से अवैध निकाला कब कब माना जाता है? (When it is treated as illegal termination of service?)

अब यह जानना चाहते होंगे कि अवैध निकाला कब-कब माना जाता है? तो दोस्तों, आपको बता दें कि अवैध निकाला बहुत सी स्थितियों में माना जाता है, जैसे-

  • यदि कर्मचारी को भेदभाव के आधार पर कंपनी से निकाल दिया जाए। जैसे कि यदि किसी कर्मचारी को जाति (caste), उम्र (age), राष्ट्रीयता (nationality) या लिंग (sex) के आधार पर निकाला जाता है तो यह अवेध निकाला होगा।
  • यदि किसी कर्मचारी को कांट्रेक्ट के नियमों को दरकिनार कर नौकरी से निकाला गया हो। यह तो आप जानते ही हैं दोस्तों कि कोई कंपनी जब किसी कर्मचारी को नियुक्त करती है तो दोनों के बीच एक कांट्रेक्ट होता है, जिसमें सभी नियम एवं कानूनों का उल्लेख होता है, जिनका पालन करना दोनों के लिए जरूर होता है। यदि कोई कंपनी इन्हें धता बताते हुए किसी कर्मचारी को निकालती है तो यह अवैध निकाला होगा।
  • यदि किसी कंपनी का किसी कर्मचारी से व्यक्तिगत विवाद या पूर्वाग्रह हो। दोस्तों, इस बात से आप भी नावाकिफ नहीं होंगे कि पूर्वाग्रह की स्थिति कई बार कंपनियों की ओर से ऐसी परिस्थितियां बनाई जाती हैं कि कर्मचारी को इस्तीफा देना पड़े। यह अवैध निकाला ही होता है।
  • यदि कोई कंपनी घाटे में चल रही हो तो ऐसे में कर्मचारी को निकाला जाना नौकरी से अवैध निकाला माना जाएगा।

अवैध निकाला होने की स्थिति में कौन से कानून काम आते हैं? (Which laws are help when there is an illegal termination of service?)

मित्रों, हम आपको इस पोस्ट में बताएंगे कि यदि आपको अवैध रूप से नौकरी से निकाल दिया गया है तो आप किन किन कानूनों का सहारा अपनी लड़ाई लड़ने के लिए ले सकते हैं। ये इस प्रकार से हैं-

  • औद्योगिक विवाद अधिनियम-1947
  • महिला मुआवजा अधिनियम-1923
  • अनुबंध अधिनियम-1872
  • मातृत्व लाभ अधिनियम-1961
  • राज्य दुकानें एवं स्थापना अधिनियम-1954 आदि।

यदि साबित होता है कि कंपनी द्वारा कर्मचारी को अवैध रूप से निकाला गया है तो क्या होगा? (What if it is proved that employee has been terminated illegally?)

दोस्तों, यदि यह साबित हो जाता है कि कंपनी ने कर्मचारी को उसकी नौकरी से अवैध रूप से निकाला है तो ऐसी स्थिति में कंपनी को कर्मचारी को संबंधित अवधि का वेतन/मजदूरी (salary/wages) (देय ब्याज समेत) एवं मुआवजा (compensation) देना होगा। इसके अतिरिक्त कंपनी पर विधिक कार्रवाई (legal action) भी संभव है।

नौकरी से अवैध निकाला होने पर कंपनी से शेष राशि कैसे प्राप्त करें? (How to get balance money in case of illegal termination of service?)

यदि आप भी ऐसे ही लोगों में हैं दोस्तों, जिन्हें उनके नियोक्ता (employer) अथवा कंपनी (company) ने अवैध रूप से निकाल दिया है और वेतन का पूर्ण भुगतान नहीं किया है अथवा उसे कुछ भुगतान करना शेष है तो यह राशि कैसे प्राप्त करें? अब हम आपको इस संबंध में जानकारी देंगे। साथ ही आपको बताएंगे कि आप इस कदम के खिलाफ क्या कर सकते हैं? आपको यह कदम उठाने होंगे-

1. कंपनी/नियोक्ता को शिकायती पत्र लिखें (write a complaint letter to your company/employer)-

सबसे पहले अपने नियोक्ता से इस संबंध में शिकायत करें। आप कंपनी के एचआर विभाग (HR department) अथवा अपने नियोक्ता (employment) को एक शिकायती पत्र (complaint letter) भेजकर अपने अवैध निकाले को चुनौती दे सकते हैं। इसमें आपको अपना मामला विस्तार (details) से बताना होगा। इसके बाद आप उन्हें मामले के समाधान (solution) के लिए कुछ समय दें। उदहारण के लिए –

Dear [Employer’s Name],

I am writing to express my deep disappointment and frustration with the illegal termination of my employment with your company. As a dedicated and hardworking employee, I am shocked and saddened by the way that my employment has been handled.

On [date of the incident], I was informed by [Name of HR/Manager] that my employment had been terminated without any prior notice or explanation. I was stunned to learn that this action was taken without any just cause and that it violated the terms of my employment agreement with the company.

I immediately requested an explanation for this illegal termination of employment, but I was met with unhelpful responses and a lack of action. The representative I spoke with was unprofessional, and dismissive, and failed to offer any meaningful explanation for this unlawful action.

I believe that this illegal termination of employment is a violation of my rights as an employee, and I demand that your company rectify this situation immediately. I expect a prompt response and a sincere apology for the inconvenience and distress caused by this situation.

Thank you for taking the time to consider my concerns. I look forward to your prompt response and resolution to this matter.

Sincerely, [Your Name]

2. कंपनी/नियोक्ता को लीगल नोटिस भेजें (send a legal notice to your company/employer)-

यदि शिकायती पत्र भेजने के पश्चात और पर्याप्त समय देने के बाद भी कंपनी/नियोक्ता अथवा एचआर डिपार्टमेंट का कोई संतोषजनक जवाब नहीं आता तो आप कंपनी अथवा नियोक्ता को लीगल नोटिस (legal notice) भेजें। इसमें वकील (advocate) के जरिए आपको अपने अवैध निकाले का सारा मामला सामने रखना होगा।

आपको आपकी सैलरी, अन्य भत्ते, हेल्थ इंश्योरेंस, पीएफ आदि की हानि संबंधी सारी डिटेल लिखकर भेजनी होगी। कंपनी से अपने वेतन/भत्ते/पीएफ के नुकसान की भरपाई (देरी के लिए ब्याज समेत) के लिए निश्चित समयावधि (time period) का उल्लेख करें। यह भी बताएं कि यदि निर्धारित समयावधि में नोटिस (notice) का जवाब नहीं मिलता तो आप कोर्ट (court) जाएंगे।

3. मुकदमा दायर करें (file your case)-

यदि कंपनी अथवा नियोक्ता आपके द्वारा लीगल नोटिस में बताई गई निर्धारित समयावधि के दौरान इस नोटिस का भी कोई संतुष्टिदायक जवाब नहीं देता तो अपको इस स्थिति में कोर्ट में मुकदमा कराना चाहिए। इस काम में वकील आपकी मदद करेगा। यदि आप चाहें तो अपने अवैध निकाले को लेकर स्थानीय लेबर कमिश्नर (labour commissioner) से मिलकर भी शिकायत कर सकते हैं। वहां कंपनी को भी अपना पक्ष रखने को कहा जाएगा। यदि लेबर कमिश्नर कार्यालय से 45 दिन के भीतर आपके वाद पर कोई कार्यवाही नहीं होती तो आप इंडस्ट्रियल कोर्ट (industrial court) जा सकते हैं अथवा दीवानी अदालत में केस कर सकते हैं।

लीगल नोटिस एवं मुकदमे के लिए कर्मचारी को कौन से आवश्यक दस्तावेज पेश करने होंगे? (Which documents an employee required to send legal notice and to file the case?)

साथियों, यदि आप नौकरी से अवैध निकाले के खिलाफ अपनी कंपनी अथवा नियोक्ता को लीगल नोटिस भेजना चाहते हैं या उस पर केस करना चाहते हैं तो आपके पास कुछ दस्तावेज (documents) आवश्यक रूप से होने चाहिए-

  • * कर्मचारी का अप्वाइंटमेंट लेटर (appointment letter)।
  • * कंपनी एवं कर्मचारी के बीच हुए अनुबंध का कांट्रेक्ट लेटर (contract letter)।
  • * नियत वेतन का भुगतान (payment) न आने के प्रूफ के तौर पर संबंधित अवधि का बैंक स्टेटमेंट (Bank statement)।
  • * यदि कर्मचारी का कोई अतिरिक्त लाभ या भत्ता (profit/allowance) प्राप्त होता है तो संबंधित दस्तावेज (related documents)।
  • याद रखें कि यदि आपके पास आपकी शिकायत से संबंधित कोई पुख्ता सुबूत नहीं हैं तो आप अपने न्याय की लड़ाई नहीं लड़ सकेंगे और स्वयं को इंसाफ नहीं निकाला दे सकेंगे।

वर्तमान में अधिकांश कंपनियां अपने कर्मचारियों की किस आधार पर छंटनी कर रही हैं? (On which basis at present the companies are doing retrenchment?)

जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि कई देशों की अर्थव्यवस्था (economy) बहुत खराब है, ऐसे में विभिन्न कंपनियां आर्थिक मंदी (economic slowdown) की आहट से सिहर गई हैं। आपको बता दें दोस्तों कि आज से करीब 15 वर्ष पूर्व सन् 2008 में भी देश में आर्थिक मंदी आई थी। वर्तमान में सबसे बड़ी खबर याहू (Yahoo) से आ रही है, जो अपने करीब 20 प्रतिशत स्टाफ को हटाने जा रही है।

वहीं, चाइनीज कंपनी टिक-टाक (tik-tok) ने भी भारत (India) में कार्य कर रहे अपने सभी 40 कर्मचारियों को हटा दिया है। इसके अतिरिक्त गिट हब, न्यूज काॅर्प जैसे कंपनियां भी अपने यहां कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही हैं, जो कि कर्मचारियों की दृष्टि से कतई उचित नहीं है।

नौकरी से अवैध निकाले जाने का कर्मचारियों पर क्या असर पड़ता है? (What effect an employee has due to illegal termination of service?)

दोस्तों, नौकरी यानी रोजगार ! जिससे किसी भी घर की रोजी रोटी चलती है। यह आसानी से समझा जा सकता है कि यदि किसी की नौकरी अचानक छिन जाए तो उसे किस प्रकार की स्थितियों का सामना करना पड़ेगा। इन दिनों नौकरी मिलनी यूं भी बेहद मुश्किल है। एक नौकरी के साथ ही बच्चों की पढाई, मां बाप की दवाई, फ्लैट का किराया, घर का राशन, लेना-देना न जाने कितनी चीजें जुड़ी होती हैं। नौकरी के बगैर गुजारा मुश्किल हो जाता है।

यदि किसी से अचानक उसका रोजगार छिन जाए तो उसका तनाव में आना स्वाभाविक है, क्योंकि उसके सामने फिर आजीविका का संकट खडा हो जाता है। ऐसे में अवैध निकाले जाने का कर्मचारियों पर बेहद नकारात्मक प्रभाव (negative impact) पड़ता है। बहुत से लोग जो इस तनाव एवं दबाव (tension and pressure) को सह नहीं पाते, वे खुदकुशी तक करने को विवश हो जाते हैं।

नौकरी से अवैध निकाले का क्या मतलब है?

जब किसी कर्मचारी को कोई कंपनी बगैर पर्याप्त कारणों के नौकरी से निकाल देती है तो उसे नौकरी से अवैध निकाला पुकारा जाता है।

नौकरी से कब कब अवैध निकाला माना जाता है?

यदि कांट्रेक्ट के नियम तोड़कर किसी कर्मचारी को निकाला जाए अथवा कंपनी घाटे में चल रही हो आदि तो इस प्रकार की स्थितियों में कर्मचारी को निकालना अवैध निकाला होता है।

नौकरी से अवैध निकाले जाने की स्थिति में कर्मचारी किन कानूनों का सहारा ले सकता है?

इनकी सूची हमने आपको ऊपर पोस्ट में दी है, आप वहां से देख सकते हैं।

क्या कोई कंपनी किसी कर्मचारी को भेदभाव के आधार पर निकाल सकती है?

जी नहीं, वह ऐसा नहीं कर सकती है। यदि वह ऐसा करती है तो वह अवैध निकाला होगा।

यदि किसी एचआईवी पीड़ित कर्मचारी को नौकरी से निकाला जाए तो क्या यह अवैध निकाला होगा?

जी हां, यह अवैध निकाला ही पुकारा जाएगा।

दोस्तों, हमने आपको इस पोस्ट (post) में आपको बताया कि नौकरी से अवैध निकाला होने पर शेष राशि कैसे प्राप्त करें। उम्मीद करते हैं कि सारे बिंदु आपको स्पष्ट हो गए होंगे। यदि आप इस विषय पर कुछ और जानना चाहते हैं तो अपने प्रश्न हमें नीचे दिए गए कमेंट बाक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके भेज सके हैं। ।।धन्यवाद।।

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प्रवेश कुमारी

मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।

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