दाखिल ख़ारिज क्या होता है? घर बैठे Mutation Entry कैसे करें? Dakhil Kharij Process

Mutation of Property in Hindi : म्‍यूटेशन राजस्‍व रिकार्ड यानि Dakhil Kharij की प्रक्रिया किसी भी व्‍यक्ति के लिये बहुत जरूरी और अनिवार्य प्रक्रिया है।

इस प्रक्रिया के बिना कोई भी व्‍यक्ति अपनी भूमि का पूर्णं रूप से स्‍वामी नहीं बन सकता है। भारत जैसे देश में कृषि भूमि अथवा आवासीय भूमि का हस्‍तांतरण एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी की ओर जाता है।

मान लीजिये कि आपके पास ऐसी जमीन है। जिसे आपके पिता ने खरीदा था। लेकिन अब उनकी मृत्‍यु हो चुकी है। ऐसी स्थिति में आपके लिये उस जमीन का Dakhil Kharij करवाना बहुत जरूरी होगा।

Dakhil Kharij के बारे में आपको नीचे विस्‍तार से जानकारी दी जा रही है। यदि आप इसे ध्‍यान से पढ़ेंगें तो आप इस प्रक्रिया के बारे में अच्‍छे से समझ पायेंगें।

दाखिल ख़ारिज क्या होता है? What is Mutation in Hindi?

What is Mutation in Hindi : देश के किसी भी राज्‍य में संपत्ति के हस्‍तांरण को उसके कानूनी हक दार को ट्रांसफर करने की एक प्रक्रिया होती है।

इस प्रक्रिया में परिवार के मुखिया जिसके नाम पर भूमि है। उसके नाम को हटा कर उसके पुत्र अथवा पुत्री का नाम Land Record में दर्ज करवाने को ही Dakhil Kharij कहा जाता है।

Dakhil Kharij करवाना क्‍यों जरूरी है?

अपनी पैतृक भूमि का दाखिल खारिज करवाना बहुत जरूरी होता है। Dakhil Kharij के बिना देश का कोई भी नागरिक भूमि का स्‍वामी नहीं बन सकता है।

भूमि हस्‍तांतरण के कानूनी टूर के जरिये ही कोई व्‍यक्ति संपत्ति का मालिक बनने में सक्षम हो पाता है। आपने सुना होगा कि कभी कभी सरकार के द्धारा भूमि का अधिग्रहण भी किया जाता है।

दाखिल ख़ारिज क्या होता है? घर बैठे Mutation Entry कैसे करें? Dakhil Kharij Process

इस स्थिति में उस व्‍यक्ति को ही मुआवजे की रकम प्राप्‍त होती है। जिसका नाम Dakhil Kharij की प्रक्रिया के तहत Land Record में दर्ज होता है।

Dakhil Kharij के लाभ

  • दाखिल खारिज का मतबल उस लाभ से है, जिसके जरिये एक व्‍यक्ति को पैतृक भूमि पर कानूनी अधिकार हासिल होता है।
  • भूमि के मालिकाना हक से संबंधित विवाद के निपटारे में इसका अहम योग दान माना जाता है।
  • Dakhil Kharij के कारण भूमि के खरीदार तथा विक्रेता को किसी प्रकार की कोई समस्‍या का सामना नहीं करना पड़ता है।

Mutation की प्रक्रिया किस विभाग के जरिये की जाती है?

दाखिल खारिज (Mutation) की पूरी प्रक्रिया देश के सभी राज्‍यों में राजस्‍व कार्यालयों (तहसीलदार) स्‍तर पर पूरी की जाती है। यदि आप भूमि का दाखिल खारिज कराना चाहते हैं तो आपको अपने शहर के तहसीलदार के कार्यालय में जाकर अर्जी देनी होगी।

बिहार में दाखिल खारिज के लिये अर्जी कैसे दी जाती है?

बिहार राज्‍य का कोई ऐसा व्‍यक्ति जो भूमि के होल्डिंग अथवा उसके आंशिक भाग में किसी तरह का लिखित हित पाने की इच्‍छा रखता है।

उसे हल्‍का एवं अंचल कार्यालय में प्रपत्र 1 ख तथा प्रपत्र 3 में सूचना दर्ज कर अर्जी देनी होगी। यह अर्जी उस अंचल अधिकारी के कार्यालय में दी जाएगी। जिसके अधिकार क्षेत्र में वह भूमि आती होगी।

इसके अतिरिक्‍त कोई भी व्‍यक्ति राजस्‍व न्‍यायालय में अथवा उस क्षेत्र के अंचल अधिकारी द्धारा लगाये गये किसी कैंप में Dakhil Kharij याचिका दायर कर सकता है।

दाखिल खारिज याचिका के लिये जरूरी दस्‍तावेजों की जानकारी

  • किसी होल्डिंग अथवा उसके किसी हिस्‍से में हित लाभ होने तथा वह संपत्ति बदलैन, दान अथवा क्रय की गयी हो तो निबंधित विलेख की स्‍व प्रमाणित फोटो कॉपी।
  • ऐसी भूमि जिसका पूर्व में Dakhil Kharij नहीं हुआ है। इस स्थिति में पूर्वगामी विलेखों तथा आदेशों की स्‍व प्रमाणित फोटो कॉपी।
  • यदि वसीयत का हित लाभ हो रहा है, तो वसीयत के साथ साथ सक्षम न्‍यायालय के द्धारा पारित प्रोबेट आदेश की स्‍व प्रमाणित छाया प्रति।
  • यदि निबंधन के द्धारा बंटवारा हुआ है, तो निबंधित बंटवारे से संबंधित विलेख की स्‍व प्रमाणित फोटो कॉपी।
  • और यदि सक्षम न्‍यायालय के आदेश/डिक्री के जरिये हित लाभ हुआ है, तो न्‍यायलय के आदेश/डिक्री की स्‍व प्रमाणित फोटो कॉपी।
  • साथ ही यदि बंटवारा आपसी सहमति से हुआ है, तो सभी सह हिस्‍सेदारों की सहमति तथा उनके हस्‍ताक्षर जरूरी होंगें। जिनके हस्‍ताक्षरों की पहचान पंचायत समिति के सदस्‍यों, सरपंचों, मुखिया, वार्ड मेंबर अथवा शहरी क्षेत्रों के वार्ड पार्षद के द्धारा की जानी जरूरी होगी। तथा इस पहचान की स्‍व प्रमाणित फोटो कॉपी देना आवश्‍यक होगा।
  • यदि किसी व्‍यक्ति को उत्‍तराधिकारी के रूप में भूमि प्राप्‍त हो रही है, तो पूर्वज के देहांत होने अथवा मृतक के उत्‍तराधिकारी होने से संबंधित दस्‍तावेजों की स्‍व प्रमाणित छाया प्रति।
  • यदि मामला भूदान हित लाभ का है, तो भूदान यज्ञ समिति के द्धारा निर्गत बंदोबस्‍ती दस्‍तावेज / भूदान भूमि के पर्चा की स्‍व अभिप्रमाणित फोटो कॉपी।
  • इसके अलावा लोक भूमि, गैर मजरूआ मालिक / खास तथा गैर मजरूआ आम, भू – हदबंदी अधिशेष भूमि की बंदोबस्‍ती, हस्‍तांतरण, समनुदेशन के दस्‍तावेज आदि की स्‍व प्रमाणित फोटो कॉपी।
  • यदि Dakhil Kharij याचिका होल्डिंग या उसके किसी भी भाग के लिये दायर की जा रही है, तो अंतिम लगान रसीद उपलब्‍ध होने की दशा में स्‍व प्रमाणित करके संलंग्‍न की जा सकती है।

Dakhil Kharij याचिका दाखिल करने का समय

यदि आप बिहार में दाखिल खारिज याचिका दायर करने जा रहे हैं, तो आप RPTS काउंटर पर सुबह 10 बजे से लेकर शाम 3 बजे तक किसी भी कार्य दिवस में याचिका दायर कर सकते हैं।

जमीन रजिस्ट्री के कितने दिन बाद दाखिल खारिज होता है?

  • यदि आपने नियमित दाखिल खारिज मामले में ऐसी याचिका दायर की है। जिसमें किसी प्रकार की कोई आपत्ति नहीं है। ऐसी स्थिति में याचिका प्राप्‍त होने की तरीख से 21 कार्य दिवस का समय लगेगा। जिसमें 18 कार्य दिवस आदेश पारित करने के लिये तथा 3 कार्य दिवस शुद्धि पत्र जारी करने के लिये निर्धारित हैं।
  • लेकिन ऐसी दाखिल खारिज याचिका जिसमें आपत्तियां न्‍यायालय को प्राप्‍त हुई हैं। इस स्थिति में 63 दिन का समय लगेगा। जिसमें 60 कार्य दिवस आदेश जारी करने के लिये तथा 3 दिन शुद्धि पत्र निर्गत करने के लिये निर्धारित किये गये हैं।

Dakhil Kharij मामले में शिविर न्‍यायालय कितना समय लेता है?

  • यदि शिविर न्‍यायालय में कोई ऐसी दाखिल खारिज याचिका आती है। जिसमें कोई आपत्ति दर्ज नहीं हुई है। तो मामले का निपटारा कर शुद्धि पत्र 18 दिन में याचिका कर्ता को सौंप दिया जाता है।
  • लेकिन आपत्ति दर्ज होने की स्थिति में मामले का निपटारा 63 दिन में करके शुद्धि पत्र याचिका कर्ता को सौंपा जाता है।

दाखिल खारिज में मनचाहा फैसला न होने पर कहां अपील करें?

यदि हम बिहार की बात करें तो अंचल अधिकारी के द्धारा दिये गये आदेश के खिलाफ अपील आदेश पारित होने के 30 दिनों के भीतर संबंधित भूमि सुधार उप समाहर्ता के न्‍यायालय में अपील की जा सकती है।

बिहार में दाखिल खारिज फार्म कैसे प्राप्‍त करें?

बिहार में Dakhil Kharij Form अं‍चल अधिकारी के कार्यालयों से प्राप्‍त किये जा सकते हैं। इन फार्म को राजस्‍व विभाग की ऑफीशियल वेबसाइट से भी Download किया जा सकता है।

Dakhil Kharij कैसे करें?

जैसा कि मैंनें आपको ऊपर बताया कि दाखिल खारिज की प्रक्रिया बहुत जरूरी है। इसलिये जरूरत पड़ने पर आप इस प्रक्रिया का पालन अवश्‍य करें।

दाखिल खारिज की याचिका कई प्रदेशों में Online Mode में भी डाली जाती है। यदि आपके प्रदेश में यह व्‍यवस्‍था ऑनलाइन है, तो आप ऑनलाइन भी दाखिल खारिज करा सकते हैं।

यदि ऑनलाइन व्‍यवस्‍था नहीं है तो आप अंचल अधिकारी के न्‍यायालय अथवा शिविर न्‍यायालय में याचिका डाल कर Dakhil Kharij करा सकते हैं।

प्रवेश कुमारी

मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।

Comments (6)

  1. Sir Mera bhai saotela h par wo log hissa dene se mana Kar Raha h koi ayesa upay bataye ki us jamin pe olog BHI kuchh na Kar sake.pls help me.sir

    Reply
  2. सर उतराखंड में आनलाईन दाखिला कब से होगा तथा उसकी साईट क्‍या है ।

    Reply
  3. नगरपालिका में नाम चड़वा लेने से, क्या ancestral प्रोपर्टी पर कब्ज़ा माना जाता है

    Reply
  4. BANA HUAA KHARIDANE PAR USKI DHAKHIL KHARIJ HOGI YAA NAHI AGAR PHLE SE DAKHIL KHARIJ NAA KARYI HO

    Reply

Leave a Comment