साइबर क्राइम कंप्लेंट ऑनलाइन – आधुनिक जीवन शैली में हमारे जीवन में कंप्यूटर का उपयोग करना आवश्यक हो गया है। बिना कंप्यूटर के हमारे बहुत से काम आसानी से नहीं हो पाते हैं। कंप्यूटर से ही शॉपिंग, नौकरी ढूंढना, रिश्ते ढूंढना जैसे जरूरी कार्य भी किया जा सकता है। बच्चों से लेकर बड़ों तक का भी काम कंप्यूटर में होना लाजमी है। स्कूल, कॉलेज, ऑफिस में कंप्यूटर का उपयोग रिकॉर्ड रखने में भी किया जाता है। जैसे-जैसे हम आधुनिक शैली को अपना रहे हैं, वैसे ही अपराध का दायरा बढ़ता जा रहा है। कभी-कभी इन अपराधों का पता लगाना आसान भी नहीं होता है।
साइबर क्राइम क्या है? What is Cybercrime?
साइबर क्राइम एक प्रकार का क्राइम होता है, जो अक्सर कंप्यूटर के माध्यम से किया जाता है। इसमें कंप्यूटर के माध्यम से कई प्रकार के अपराध कर लिए जाते हैं। यह अपराध कई प्रकार के होते हैं जैसे- स्पैम ईमेल, हैकिंग, वायरस डालना, किसी की व्यक्तिगत या ऑफिशियल जानकारी को प्राप्त करना, किसी के अकाउंट पर नजर रखना। यह सारे क्राइम के अंतर्गत आते हैं। साइबर क्राइम करने वाले अपना काम चालाकी से करते हैं और उनके बारे में कुछ पता भी नहीं चलता है।

Types of cybercrime – साइबर क्राइम के प्रकार
इंटरनेट के माध्यम से बहुत सारे अपराध कर लिए जाते हैं जिनका पता हमें बाद में चलता है
हैंकिग – Hanking
यह अपराध गैरकानूनी है, जिसमें किसी दूसरे के पर्सनल बातें या डाटा को बाहर लाने का कार्य किया जाता है। इसके लिए अलग प्रकार का सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किया जाता है और आसानी से अपना काम कर लेते हैं। जिसमें उस इंसान को इस अपराध के बारे में पता नहीं चलता, जिनके साथ यह हुआ है।
थेफ्ट – Theft
यह अपराध कॉपीराइट नियम के तहत होता है। कॉपीराइट का उल्लंघन करके कोई भी फिल्म, गेम, म्यूजिक को डाउनलोड कर लिया जाता है। फिल्मों की होने वाली पायरेसी भी इसी माध्यम से होती है, यह कानूनन अपराध है।
साइबर स्टाकिंग – Cyber stalking
जब किसी व्यक्ति को ऑनलाइन मैसेज या मेल करके परेशान किया जाता है, तो यह साइबरस्टॉकिंग के अंतर्गत आता है। यह काम बड़े और बच्चों सबके साथ हो सकता है। इसमें किसी प्रकार की फोटो, मैसेज प्राप्त कर ब्लैकमेल कर बुरी तरीके से परेशान किया जाता है।
आइडेन्टीफाई थेफ्ट – Identity theft
यह अपराध बैंक संबंधित होता है, जिसमें किसी व्यक्ति का अकाउंट नंबर, क्रेडिट कार्ड नंबर, डेबिट कार्ड नंबर या व्यक्तिगत जानकारी को पता कर अपने फायदे के लिए उपयोग किया जाता है। इसकी वजह से टारगेट किसी व्यक्ति का भारी नुकसान होता है। इसके लिए कानून में सजा का भी प्रावधान है।
चाइल्ड पोर**ग्राफी – CP
यह अपराध बच्चों को डराने के लिए किया जाता है, इसमें अपनी पहचान छिपाकर माइनर के साथ बात करते हैं। बच्चों को डरा धमका कर ब्लैकमेल किया जाता है, जिससे बच्चे डरने लगते हैं।
इन सभी तरीकों के साइबर अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं, जिसके सरकार ने भी कठोर कदम उठाए हैं।
ऑनलाइन अपनी शिकायत दर्ज करने से पहले निम्न साक्ष्य/ सबूत तैयार रखें –
CP / RGR शिकायत की रिपोर्ट करने के लिए, आपको निम्नलिखित जानकारी के साथ सबूत देने होगें –
यदि आपको एसएमएस पर सीपी / आरजीआर संबंधित सामग्री प्राप्त हुई है तो –
- एसएमएस का स्क्रीनशॉट लें जिसमे आपत्तिजनक सामग्री को दर्शाती हो, और भेजने वाले का विवरण जैसे – नाम, आईडी पोर्टल पर उपलब्ध कराना होगा।
- जब आप पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज करें, तो उस समय और समय पर ध्यान दें जब आपको एसएमएस प्राप्त हुआ हो आपको वाही डेट टाइम पोर्टल पर भरना होगा।
यदि आपको CP / RGR से संबंधित सामग्री से संबंधित ईमेल प्राप्त हुआ है तो
- प्राप्त ई-मेल को पीडीऍफ़ में सेव करें। या प्राप्त ई-मेल का स्क्रीनशॉट लें। और उसी को प्रमाण के रूप में पोर्टल में अपलोड करना होगा।
- यदि प्राप्त ई-मेल में कोई डॉक्यूमेंट जुड़ा था, तो पोर्टल पर सबूत के रूप में अपलोड करने के लिए अपने डेस्कटॉप / डिवाइस पर डॉक्यूमेंट को तैयार रखें।
अगर आपको मैसेजिंग प्लेटफॉर्म जैसे व्हाट्सएप, हाइक, स्काइप आदि पर क्राइम से संबंधित सामग्री मिली है:
- पोर्टल पर साक्ष्य के रूप में अपलोड करने के लिए दिनांक और समय के साथ भेजने वाले का मोबाइल नंबर के साथ आपत्तिजनक सामग्री को दर्शाते हुए चैट का स्क्रीनशॉट लें।
अगर आपको सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म / फ़ोरम / ब्लॉग / वेबसाइट जैसे कि YouTube, Facebook, WordPress, आदि पर CP / RGR से संबंधित सामग्री मिली है।
- उस URL को नोट करें (अपने डिवाइस / डेस्कटॉप पर) जहां आपने ऐसी सामग्री देखी है।
- उस पेज का स्क्रीनशॉट लें लें या पोर्टल पर सबूत के रूप में अपलोड करने के लिए अपने डिवाइस / डेस्कटॉप पर अपमानजनक सामग्री दिखाने वाले पेज को .pdf) फॉर्मेट में सेव कर लें।
जब भी कभी साइबर क्राइम होता है, तो पहले हमें इस बारे में पता ही नहीं चलता। जब तक पता चलता है, तो थोड़ी देर हो चुकी होती है। साइबर क्राइम की शिकायत के लिए अब परेशान होने की जरूरत नहीं है। साइबर क्राइम को दूर करने के लिए शिकायत ऑनलाइन भी की जा सकती है।
ऑनलाइन साइबर क्राइम की शिकायत कैसे करें? How to report cybercrime online?
मोबाइल के माध्यम से ऑनलाइन साइबर क्राइम से संबंधित शिकायत की जा सकती है उसके बाद शिकायत को लेकर पुलिस के पास भेजा जाता है। शिकायत किसी भी राज्य से की जा सकती है इसके लिए अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर, कंप्यूटर का आईपी का डिटेल होना जरूरी है।
- केंद्रीय गृह मंत्रालय ने https://cybercrime.gov.in/ की वेबसाइट लॉन्च की है। इस वेबसाइट पर जाने पर दो विकल्प खुलते हैं – महिला / बाल संबंधित अपराध रिपोर्ट करें और अन्य साइबर अपराध रिपोर्ट करें।

- नीचे आपको “File a Complaint” आप्शन मिलेगा। आपको इस “File a Complaint” पर क्लिक करें।
- अगले पेज पर कुछ टर्म और कंडीशन बताये जायेगें। जिन्हें पढ़कर “I Accept” चेकबॉक्स पर क्लीक करके आगे बढ़ें।
- अगले पेज पर महिलाओं / बच्चों से संबंधित साइबर अपराध, “Report anonymously” पर क्लिक करें। यह सुविधा “होम” पेज पर भी दी गई है।

- ड्रॉप-डाउन से “शिकायत की श्रेणी” का चयन करें। (ड्रॉप-डाउन में तीन विकल्प उपलब्ध हैं – 1. बाल पोर**ग्राफी (सीपी) – बाल यौ*न शोषण सामग्री (CSAM), 2. बलात्कार (RGR) ) – यौ**न रूप से अपमानजनक सामग्री, और 3. यौ**न रूप से स्पष्ट सामग्री।

- “राज्य / केंद्र शासित प्रदेशों” का चयन करें – यदि ज्ञात या जहां यह घटना हुई है, तो पीड़ित के स्थान का चयन करें।
- यदि कोई हो तो साक्ष्य अपलोड करें।

- आगे बढ़ने के लिए Save & Next पर क्लिक करें। अगले पेज पर आपको अपराधी की जानकारी देनी है।

- शिकायत प्रस्तुत करने से पहले आपके द्वारा दी गई जानकारी की समीक्षा करने के लिए “Preview & Submit” बटन पर क्लिक करें।

- यदि आप भरी हुई जानकारी को संपादित करना चाहते हैं, तो “बैक” पर क्लिक करें, या शिकायत सबमिट करने के लिए “Confirm & Submit” पर क्लिक करें।
- Confirm & Submit बटन पर क्लीक करने पर आपकी शिकायत दर्ज हो जाएगी और आपको इसकी एक स्लिप भी मिल जाएगी जिसे आपक अपने पास सुरक्षित रख सकतें हैं।

Note – सभी तरह के साइबर क्राइम की शिकायत करने का तरीका लगभग एक ही है। ऊपर हमने CP/RGR की शिकायत के बारे में बताया है।
साइबर क्राइम से बचाव के तरीके – Ways to prevent cybercrime
साइबर क्राइम से बचने के लिए थोड़ी सतर्कता और समझदारी की आवश्यकता होती है।
- हम जब भी बैंक के लेन-देन के काम करें, तो यह ध्यान रखना चाहिए कि वह लेनदेन किसी साइबर कैफे व भीड़ वाली जगह में ना करें।
- जब भी इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल किया जाए तो अपने ही कंप्यूटर से करना उचित होगा। काम हो जाने पर लाग आउट जरूर करना चाहिए
- कभी-कभी हम कंप्यूटर में “कीप ऑनलॉगइन” या “पासवर्ड रिमेम्बर” के लिंक को देखते हैं, इन्हें क्लिक करने से बचें।
- बैंक संबंधी जानकारी अकाउंट नंबर, ओटीपी गुप्त तरीके से रखें। कहीं भी इन सभी को लिखकर ना रखें, इससे मुसीबत हो सकती हैं।
- इमेल अकाउंट के इनबॉक्स में आने वाले स्पैम मेल को ना खोलें, ना ही किसी भी फाइल अटैचमेंट को डाउनलोड करें।
- हमेशा कंप्यूटर में एंटीवायरस का उपयोग करें, जिससे वायरस से बचा जा सके।
- पासवर्ड हमेशा चेंज करते रहना चाहिए, यह आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
- कभी भी अलग अलग अकाउंट के लिए एक ही पासवर्ड का उपयोग ना करें।
- सभी महत्वपूर्ण डांटा को सुरक्षित रखें।
- अपने कंप्यूटर में ऐसे सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल कराएं जिससे साइबर क्राइम से बचा जा सके।
- अपने कंप्यूटर के पासवर्ड को सुरक्षित रखें और किसी को भी ना बताएं।
महिलाओं के खिलाफ Cybercrime – Cybercrime against women
ज्यादातर देखा जाता है कि महिलाओं को ही साइबर क्राइम का निशाना बनाया जाता है। साइबर क्राइम के जरिए महिलाओं को मानसिक प्रताड़ना दी जाती है जिसमें गाली गलौज, ब्लैकमेल, अश्लील बातें, बदनाम करना, धमकी देना, ट्रोलिंग करना आदि शामिल हैं, इसकी वजह से महिलाओं को तनाव, उच्च रक्तचाप की समस्या होने लगती है। साइबर अपराधों से महिलाओं को डरने और घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि महिलाओं को हिम्मत करके शिकायत दर्ज करवाना चाहिए।
Cybercrime पर इंडियन कानून – Indian law on cybercrime
साइबर क्राइम करने वाले चालाकी से अपने कार्य को अंजाम देते हैं। किसी भी तरह के अपराध का निशाना बनने की स्थिति में सूचना और प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के तहत धारा लगाकर मामला दर्ज किया जा सकता है
- Section 67A – धारा 67 ए —किसी व्यक्ति को गलत टिप्पणी करना, धमकाना, ब्लैकमेल करना, गलत मेल भेजना जैसा अपराध शामिल है। इसके लिए 3 साल की सजा या जुर्माना भी हो सकता है।
- धारा 66 बी —किसी भी कार्य को चोरी-छिपे करना या कंप्यूटर संसाधन का दुरुपयोग करने पर 3 साल की सजा और 100000 का जुर्माना हो सकता है।
- धारा 66 सी–चोरी से किसी के हस्ताक्षर करना, दूसरों के कंप्यूटर से पासवर्ड चुराने जैसे अपराध के लिए दंड देने का प्रावधान है।
- Section 66d – धारा 66 डी —यदि व्यक्ति को द्वारा संचार उपकरण का धोखा दिया जाए तो, जेल की सजा का प्रावधान है।
- धारा 66 इ —किसी व्यक्ति के गोपनीय क्षेत्र को सहमति के बिना प्रकाशित करना या बिना बताए प्रसारित करने के लिए 3 वर्ष की सजा और ₹200000 का जुर्माना भी हो सकता है।
- धारा 72 —किसी की गोपनीयता भंग करने पर सजा का प्रावधान है।
- Section 72a – धारा 72 a —किसी कॉन्ट्रैक्ट के खिलाफ जाकर सूचना का खुलासा करने की सजा हो सकती है
- धारा 354 d —यदि कोई व्यक्ति महिला को परेशान करें, उसका पीछा करें, उसे धमकी दे, तब इस धारा का उपयोग करके सजा का प्रावधान है।
इस प्रकार से साइबर क्राइम से ग्रसित लोग इन धाराओं के तहत शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
समाज के खिलाफ हो रहे साइबर क्राइम – Cybercrime against the society
भारत में साइबर क्राइम बढ़ते ही जा रहे हैं साइबर क्राइम ज्यादा से ज्यादा बच्चों और महिलाओं को अपना शिकार बना रहे हैं। कभी-कभी यह समस्या बहुत ज्यादा बढ़ जाती है और लोग परेशान होने लगते हैं।
1) आनलाइन मैम्बलिंग
यह एक प्रकार की सट्टेबाजी है, जो मोबाइल से कंप्यूटर द्वारा की जाती है। यह प्राय किसी खेल शुरू होने के समय होती है, इससे भी समस्या उत्पन्न हो रही है।
2) स्पैमिंग –Spamming
कई बार मोबाइल में मैसेंज या मेल आते हैं, जिसमें डिस्काउंट की बात की जाती है। महंगे सामान को सस्ते में दिया जाता है, जिसे स्पैमिंग कहते हैं। यह सच्चाई नहीं होती है, ऐसा करके लोगों को फंसाने की कोशिश की जाती है।
3)सेलिंग इललिगल आर्टिकल – Selling illigal product
कई बार लोगों को ऐसे प्रोडक्ट बेचने जाते हैं, जो बैन हो चुके हैं। इनमें से प्रोडक्ट के बारे में बताया जाता है, जो अब बिल्कुल ही नहीं चलते और लोगों को बेवकूफ बनाया जाता है।
4) चाइल्ड पोर**ग्राफी – CP
यह अपराध बच्चों के खिलाफ होता है, जहां बच्चों के साथ से*क्सु*अल एक्ट किया जाता है। इंटरनेट के माध्यम से बच्चों का यौ**न शोषण भी किया जा रहा है, जिसमें कंप्यूटर और इंटरनेट से डाउनलोड कर चाइल्ड पोर**ग्राफी को बढ़ावा मिल रहा है।
साइबर क्राइम से महिलाएं कैसे बचें? How do women avoid cybercrime?
- ऐसा देखा गया है कि साइबर क्राइम से महिलाओं को ज्यादा नुकसान होता है। थोड़ी ना समझी और जागरूकता में कमी से इस अपराध में आसानी से फस जाती हैं। कुछ बातों का ध्यान रखकर साइबर क्राइम से बचा जा सकता है।
- अपने सोशल मीडिया अकाउंट में व्यक्तिगत बातें शेयर ना करें।
- अपनी निजी तस्वीरें ना डालें, अगर डालना भी है तो प्राइवेसी सेटिंग को पब्लिक ना करें।
- हमेशा ऐसे सेटिंग करें जिससे कि कोई भी अनजान आपकी फोटो ना देख पाए।
- अपने नाम फोटो को वहां से हटाए, जहां आपने डाली ही ना हो।
- अनजान लोगों से फेसबुक में दूर ही रहे और हमेशा प्राइवेसी सेटिंग करके रखें।
- किसी समस्या होने पर पुलिस को जानकारी दें।
- अपनी दिनचर्या सोशल मीडिया में बताने से बचें।
एक सूचना के अनुसार 15 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में क्षेत्रीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र स्थापित किया गया है, जहां पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज हो सकती हैं। कानून प्रवर्तन एजेंसी द्वारा कानून के अनुसार काम करके सजा दिलाया जाता है। इसे विभिन्न राज्यों में भी अपडेट किया जाएगा, जिससे समस्या का सामना ना करना पड़े।
Cybercrime helpline number –
हेल्पलाइन नंबर – 155260
सुबह 09:00 से शाम 06:00 तक
आधुनिक जीवनशैली में हमें हर तरह की सुविधा चाहिए जिनमें से एक कंप्यूटर भी है। कंप्यूटर जितना उपयोगी है, उतना नुकसानदायक भी। अगर सजगता और समझदारी दिखाई जाए, तो हम किसी भी प्रकार के क्राइम से बच सकते हैं। साइबर क्राइम दिनों दिन बढ़ता जा रहा है और इसके बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है। कई लोगों को जानकारी नहीं होती और सोशल मीडिया का उपयोग करते रहते हैं।
इसके अलावा ऐसी जानकारी भी लोगों को बता देते हैं, जो उन्हें नहीं बताना चाहिए। ऐसे समय में सही और गलत का पता होना जरूरी है, नहीं तो परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। अतः आप सतर्क रहकर ऐसे साइबरक्राइम से बच सकते हैं और अपने परिवार को भी बचा सकते हैं।
Meri shikayat suniye Ji main 7:00 baje finance limited company CEO ne mere sath dhokha karke 17000 liya tha abhi bhi ripan mang rahe ho aur bhi phone a rahe hain complaint darj karai Thi mukadma bhi darj karaya tha complaint 1930 per ki thi use per complaint Hai Nahin main shikayat kar raha hun online