यदि कोई मर्जी के बिना घर में घुस आए तो क्या उस पर एफआईआर (FIR) दर्ज कराई जा सकती है, धारा 442 इन हिंदी, बिना मर्जी घर में घुसने पर कौन सी धारा लगती है? IPC Section 442 in Hindi
यदि आपकी इजाजत नहीं तो कोई सामान्य व्यक्ति तो क्या पुलिस भी आपके घर में नहीं घुस सकती। समस्या यह है कि आम लोगों को इस संबंध में कोई जागरूकता ही नहीं। उन्हें यह बेहद सामान्य सी बात लगती है कि कोई मना करने के बावजूद उनके घर में घुस जाए। जबकि कानून की नजर में यह अपराध है और वह भी संज्ञेय अपराध।
आप संबंधित व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करा सकते हैं। यदि कोई आपके घर में बगैर अनुमति घुसता है तो इस संबंध में किस धारा में एफआईआर करा सकते हैं? उसे कितनी सजा होगी? यह संज्ञेय अपराध है कि नहीं? आदि बिंदुओं पर हम आपको इस पोस्ट में जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं-
किसी के घर बगैर मर्जी घुसना आईपीसी (IPC)- 1860 की धारा 442 के तहत अपराध
यदि कोई आपकी अथवा आपके परिवार के किसी सदस्य की मर्जी के बगैर घर में घुस आए तो वह व्यक्ति भारतीय दंड संहिता यानी Indian penal code (IPC)-1860 की धारा 442 के तहत अपराधी होगा। इस धारा के अंतर्गत इन कार्यों को अपराध की श्रेणी में रखा गया है-
- किसी व्यक्ति के घर में जबरदस्ती घुसना, मारपीट अथवा अतिचार करना।
- स्कूल-काॅलेज अथवा शासकीय वेटिंग रूम में घुसकर उत्पात मचाना, अतिचार करना।
- बगैर इजाजत किसी के घर अथवा उसके मकान की छत पर जाना।
एक साल की जेल अथवा एक हजार जुर्माना अथवा दोनों सजा साथ
दोस्तों, आपको बता दें कि आईपीसी, 1860 की धारा 442 के तहत दोषी करार दिए गए व्यक्ति को एक साल की जेल अथवा एक हजार जुर्माना हो सकता है। यदि मजिस्ट्रेट मानते हैं कि अपराधी दोनों सजाओं का हकदार है तो दोषी पर यह दोनों सजाएं साथ साथ भी चल सकती हैं।

यह अपराध संज्ञेय एवं जमानती
मित्रों, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि किसी के घर में बगैर इजाजत घुसने का अपराध संज्ञेय है, लेकिन यह जमानती अपराध की श्रेणी में रखा गया है। इस अपराध की सुनवाई के लिए प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट की बाध्यता नहीं है। इस मामले में कोई भी मजिस्ट्रेट सुनवाई कर सकता है एवं अपना फेसला सुना सकता है।
उड़ीसा का मामला इस धारा के तहत अपराध की मिसाल
इस तरह के मामलों के कई उदाहरण है। मंगराज बरिक बनाम उड़ीसा प्रदेश का मामला इस मामले में मिसाल के तौर पर देखा जा सकता है। मामले के अनुसार उड़ीसा के एक स्कूल में एग्जाम चल रहा था। उसी वक्त कुछ लोगों ने स्कूल के मेन गेट पर उपद्रव किया।
वे स्कूल कैंपस में घुसकर एग्जाम हाॅल पहुंचे तथा वहां परीक्षार्थियों से उत्तर पुस्तिकाओं को छीनकर उन्हें फाड़ डाला। कोर्ट ने उन्हें धारा 442 के तहत अतिचार के अपराध का दोषी ठहराया एवं सजा सुनाई।
किसी के घर में जबरन घुसकर गंभीर अपराध करने की स्थिति में किस धारा में मामला दर्ज होगा
मित्रों, हमने अभी आपको बताया कि किसी के घर में बगैर अनुमति घुसने, सामान्य अतिचार की स्थिति में आईपीसी की धारा 442 के तहत कार्रवाई होती है। लेकिन अब हम आपको बताएंगे कि यदि कोई जबरन घर में घुसकर जान से मारने की धमकी दे, चोरी करे अथवा घर की महिला से छेड़छाड करे, नाबालिग लड़की से रेप जैसा घोर अपराध करे तो फिर धारा बदल जाएगी। इन सभी मामलों में आईपीसी की धारा 1860 के अंतर्गत तीन धाराओं में मुकदमा दर्ज हो सकता है-
धारा 449
यदि कोई व्यक्ति ऐसे किसी अपराध को करने के मकसद से घुसे, जिसकी सजा मृत्यु है, वह इस धारा के तहत अपराधी होगा। मसलन-हत्या आदि।
धारा 450
यदि कोई व्यक्ति किसी ऐसे अपराध को करने के मकसद से घर में घुसता है, जिसकी सजा आजीवन कारावास है। तब वह इस धारा के तहत दंडनीय होगा। जैसे-रेप, सामूहिक दुष्कर्म आदि।
धारा 451
यदि कोई व्यक्ति ऐसे अपराध के लिए घर में घुसता है, जिसकी सजा जेल है। तब वह इस धारा के अंतर्गत दंडनीय होगा। जैसे -चोरी, लूटपाट आदि।
इन धाराओं के तहत दंड का प्रावधान
आइए, अब आपको बताते हैं कि इन धाराओं के तहत दंड का क्या-क्या प्रावधान है-
- 1. मित्रों, आपको बता दें कि धारा 449 के तहत अपराध संज्ञेय एवं गैर जमानती हैं। इनकी सुनवाई सेशन कोर्ट (session court) करती है। इस तरह के मामलों में आजीवन कारावास अथवा दस साल का कठोर कारावास एवं जुर्माना हो सकता है।
- 2. अब बात धारा 450 की। आपको बता दें कि इस धारा के अंतर्गत अपराध में दस साल की जेल एवं जुर्माने की सजा होती है।
- 3. अब धारा 451 की बात करते हैं। आपको बता दें कि इस धारा के तहत अपराध संज्ञेय एवं जमानतीय अपराध है। कोई भी मजिस्ट्रेट इस तरह के मामलों की सुनवाई कर सकता है। यदि अपराध चोरी का है तब यह अपराध गैर जमानतीय होता है। इसें सात साल की सजा एवं जुर्माने की सजा हो सकती है।
धारा 452 के तहत किन मामलों में एफआईआर होगी?
यदि कोई व्यक्ति बगैर इजाजत किसी के घर में घुसने, हमले की तैयारी कर उसे चोट पहुंचाने अथवा किसी व्यक्ति पर गलत तरीके से दबाव बनाता है तो उस पर धारा 452 के तहत एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है। इस अपराध के लिए किसी व्यक्ति को एक साल से सात साल तक की सजा हो सकती है।
साथ ही उस पर आर्थिक दंड भी लगाया जा सकता है। आपको बता दें कि यह गैर जमानती, संज्ञेय अपराध है। यह समझौता योग्य अपराध नहीं है। यह अलग बात है कि इस मामले की सुनवाई कोई भी मजिस्ट्रेट कर सकता है।
व्यक्ति विवाद, वैमनस्य की स्थिति में ही बगैर इजाजत दूसरे के घर घुसता है
मित्रों, यह माना जाता है कि बगैर इजाजत अथवा जबरन किसी के भी घर में घुसने का कार्य कोई व्यक्ति तभी करता है, जबकि उसका संबंधित व्यक्ति से किसी प्रकार का कोई विवाद हो, वैमनस्य हो, वह उसे सबक सिखाना चाहता हो। यदि आपसी समझदारी सहमति है तो फिर एक दूसरे के घर बगैर रोक टोक जाने का एक अनकहा हक होता है। इसे ऐसे भी समझ सकते हैं, जैसे-
हम पड़ोसी के घर एवं पड़ोसी हमारे घर बगैर रोक टोक आते जाते हैं। दोनों एक दूसरे के घरों की छतों पर जाते हैं। लेकिन यदि कोई विवाद अथवा झगड़ा होता है तो एक दूसरे के घर आने जाने में झगड़ा, विवाद का खतरा होता है। जबरन इसकी कोशिश करने पर वह अपराध की श्रेणी में आता है।
बिना अनुमति घर में घुसे शराबी व्यक्ति को पेड़ से बांधा
साथियों, आपको बता दें कि बिना अनुमति किसी के घर में घुसकर ज्यादती करने के कई मामले सामने आ चुके हैं। इस संदर्भ में राजस्थान के सीकर जिले का मामला देखा जा सकता है। सीकर के गांव देवलाजाड़ा चारण का बास, जो कि गांव बाजौर से पिपराली जाने के रास्ते पर है, में एक छोटेलाल नाम का व्यक्ति शराब के नशे में झूम रहा था।
इसी बीच वह नाहरमल नाम के एक व्यक्ति के घर में घुस गया। यहां वह महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार करने लगा। उसे समझाया गया कि घर में कोई आदमी नहीं है, वह बगैर पूछे घर में क्यों घुसा तो वह गाली देने लगा। आखिर दो दबंग महिलाओं ने घर में घुसे शराबी को दबोचकर पेड़ से बांध दिया।
इस बीच ग्रामीणों ने रघुनाथगढ़ चैकी को फोन कर पुलिस बुला ली। लेकिन महिलाओं ने उसे तब तक उसे बांधे रखा, जब तक कि उसका शराब का नशा उतर नहीं गया। इसके बाद अलबत्ता ग्रामीणों एवं पुलिस ने उसे चेतावनी देकर छोड़ दिया। भविष्य में उस पर मुकदमा दर्ज कर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी।
बगैर इजाजत घर में घुसने पर थूककर चाटने की शर्मनाक सजा
अब हम आपको बगैर इजाजत घर में घुसने पर दी गई शर्मनाक सजा से जुड़ा एक मामला बताएंगे। करीब चार साल पुराना यह मामला बिहार (bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृृह जिले नालंदा (nalanda) से जुड़ा है। यहां नूरसराय थाना क्षेत्र के एक गांव में 54 साल के महेश ठाकुर को न केवल जमीन पर थूककर चाटने कीसजा दी गई, बल्कि उसकी चप्पलों से भी पिटाई की गई। उसका कुसूर सिर्फ यह था कि वह अपने गांव के एक सरपंच सुरेंद्र यादव के घर बगैर दस्तक दिए भीतर चला गया।
इसके बाद पंचायत बुलाकर उनके खिलाफ तुगलकी फरमान जारी किया गया। मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर जारी होने के बाद मामला प्रशासन तक भी पहुंचा। मामले में 8 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इसके साथ ही स्पेशल टीम (special team) बनाकर कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
इस तरह के मामलों में कई बार झूठा भी फंसाया जाता है
यह तो आप जानते ही हैं कि कई बार कानून का फायदा केवल गुनाहगार को सजा दिलाने के लिए ही नहीं, बल्कि बेगुनाह को फंसाने के लिए किया जाता है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें साजिशन किसी व्यक्ति को घर बुलाकर उसे ऐसे मामलों में फंसाया जाता है। इसमें ऐसा करने वाले व्यक्ति का एकमात्र मकसद बदला लेना होता है। रेप एवं चोरी आदि के कई अपराधों में इस तरह से मिलीभगत कर लोगों को फंसाए जाने के मामले सामने आ चुके हैं।
यह तो आप जानते ही हैं कि अदालतें भावनाओं के आधार पर काम नहीं करतीं। वे अपना फैसला सुबूतों एवं गवाहों के आधार पर देती हैं। ऐसे में कई बार सुबूत न होने पर गुनाह न होते हुए भी बेकसूर को सजा भुगतने पर मजबूर होना पड़ता है। हालांकि यह भी सच है कि इन दिनों सीसीटीवी (CCTV) ने पुलिस का काम काफी हद तक आसान कर दिया है। इनके माध्यम से कई मामलों में सुबूत जुटाना बेहद आसान हो गया है।
क्या बगैर अनुमति किसी के घर घुसना अपराध की श्रेणी में आता है?
जी हां, बगैर अनुमति किसी के घर घुसना अपराध की श्रेणी में ही आता है।
इसे किस कानून के तहत अपराध की श्रेणी में रखा गया है?
इसे आईपीसी- 1860 की धारा 442 के तहत अपराध की श्रेणी में रखा गया है।
इस अपराध के लिए क्या दंड निर्धारित किया गया है?
इस अपराध के लिए आईपीसी 1860 की धारा 442 के तहत एक साल की जेल अथवा एक हजार का आर्थिक दंड निर्धारित किया गया है। यह दोनों सजाएं साथ भी चल सकती हैं।
क्या किसी के घर बगैर इजाजत घुसना संज्ञेय अपराध है?
जी हां, किसी के घर बगैर इजाजत घुसना संज्ञेय अपराध है। हालांकि यह जमानतीय अपराध है।
जी हां, कोई भी मजिस्ट्रेट इस मामले की सुनवाई कर सकता है।
दोस्तों, हमने आपको धारा 442 – बिना मर्जी घर में घुसने पर कौन सी धारा लगती है? IPC Section 442 in Hindi संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी दी। यदि आप इसी तरह के किसी अन्य रोचक विषय पर हमसे जानकारी चाहते हैं तो हमें नीचे दिए गए कमेंट बाॅक्स में कमेंट करके बता सकते हैं। आपकी प्रतिक्रियाओं का हमेशा की तरह स्वागत है। ।।धन्यवाद।।
Ghr ke malik ke Bina agr koi uske ghr me uska tala tod kr apna tala lgata h to kya saja hoti hai
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