|| क्या काॅल रिकाॅर्डिंग अपराध है?, Is call recording a crime?, क्या कोर्ट में ऑडियो रिकॉर्डिंग मान्य है, कोर्ट में इलेक्ट्रॉनिक सबूत मान्य है या नहीं, आईटी कानून के तहत कितनी एजेंसी के पास टेलीफोन बातचीत टाइप करने का अधिकार है, कॉल रिकॉर्ड अपराध ||
इन दिनों अधिकांश लोगों के हाथ में स्मार्ट फोन हैं। इनमें से अधिकांश में काॅल रिकाॅर्डिंग का इन बिल्ट फीचर आता है। बहुत सारे लोग इस फीचर का बेजा इस्तेमाल करते देखे जाते हैं। वे किसी व्यक्ति की काॅल रिकाॅर्डिंग सार्वजनिक कर देते हैं। उसे दूसरों को सुनाते हैं।
कई बार फोन पर कहे गए विपरीत वाक्यों से उसकी इमेज तो खराब होती है तो कभी वह व्यक्ति सार्वजनिक रूप से उपहास का पात्र बनता है। साफ है कि यह सब संबंधित व्यक्ति की अनुमति लेकर नहीं किया जाता।
क्या ऐसा करना एवं काॅल रिकाॅर्ड करना अपराध है? आज हम आपको इसी विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे। आइए, शुरू करते हैं-
काॅल रिकाॅर्डिंग अपराध है, निजता के अधिकार का उल्लंघन है
इसमें कोई दो-राय नहीं। निश्चित रूप से बगैर अनुमति किसी की काॅल रिकाॅर्डिंग अपराध है। ऐसा करना भारतीय संविधान के अनुच्छेद- 21 के अंतर्गत दिए गए निजता के मूल अधिकार के उल्लंघन की श्रेणी में आता है।
आपको बता दें कि निजता का अधिकार भारतीय संविधान द्वारा अपने नागरिकों को दिए गए प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता के अधिकार में सम्मिलित है। इस संबंध में पीपुल्स यूनियन फाॅर सिविल लिबर्टीज वर्सेस यूनियन आफ इंडिया के वाद का उदाहरण दिया जा सकता है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने टेलीफोन टेप करने को व्यक्ति के निजता के अधिकार में सीधा हस्तक्षेप करार दिया था।

पत्नी की माता-पिता एवं दोस्तों से की गई बातचीत रिकाॅर्ड करना भी अपराध
आपको बेशक यह सुनकर आश्चर्य हो रहा होगा, लेकिन यह सच है। कोर्ट ने पत्नी की माता-पिता एवं उसके दोस्तों की गई बातचीत को टेप करना अथवा काॅल रिकाॅर्डिंग अपराध माना है। उसने इसे भी निजता अथवा एकांतता के अधिकार का उल्लंघन करार दिया है।
रचाला एम भुवनेश्वरी वर्सेस नाफंदर रचाला का मामला उदाहरण के तौर पर देखा जा सकता है। इस मामले में पति की ओर से एक विवाह विच्छेद याचिका दायर की गई थी। इसमें पति ने अपने मामले को प्रमाणित करने के लिए कोर्ट में पत्नी की उसके माता-पिता एवं दोस्त की बातचीत से संबंधित काॅल रिकाॅर्डिंग पेश की थी। कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद- 21 के अंतर्गत इसे पत्नी के निजता के अधिकार का उल्लंघन माना।
किन स्थितियों में काॅल रिकाॅर्डिंग अपराध नहीं
कुछ विशेष मामलों में काॅल रिकाॅर्डिंग अपराध नहीं माना गया है। ऐसा उन स्थितियों में है, जहां यदि सार्वजनिक आपात अथवा लोकसुरक्षा के लिए काॅल रिकाॅर्ड किया जाना आवश्यक हो। ऐसी स्थिति में इसे अपराध नहीं माना गया है। किंतु ऐसा करने के लिए सक्षम संस्था की अनुमति आवश्यक है।
कई विशेष मामलों में सरकार को काॅल रिकाॅर्ड का अधिकार
काॅल रिकाॅर्डिंग अपराध है एवं निजता के अधिकार का उल्लंघन है। लेकिन केंद्र एवं राज्य सरकारों के पास कुछ विशेष मामलों में काॅल रिकाॅर्ड का अधिकार है। यह अधिकार उन्हें इंडियन टेलीग्राफ एक्ट -1885 के सेक्शन 5 (2) में प्रदान किया गया है।
इसके तहत यदि किसी सरकारी विभाग मसलन पुलिस अथवा आयकर विभाग आदि को लगता है कि कानून का उल्लंघन हो रहा है। अथवा उन्हें ऐसा लगता है कि जन सुरक्षा एवं राज्य के हित में किसी की बातचीत को गोपनीय तरीके से रिकाॅर्ड करने की आवश्यकता है तो वे ऐसा कर सकते हैं।
कानूनी रूप से काॅल रिकाॅर्डिंग कैसे की सकती है?
कानूनी तौर पर किसी व्यक्ति की काॅल को सर्विलांस (servillance) पर रखने के दो रास्ते हैं। पहला सक्षम संस्था की अनुमति से मोबाइल माॅनिटरिंग सिस्टम एवं दूसरा कमरे में काॅल रिकाॅर्डिंग के उपकरण लगाकर। पहले आपको मोबाइल माॅनिटरिंग सिस्टम की जानकारी देते हैं।
इसमें मौसम की स्थिति के मुताबिक किसी भी नंबर को डिटेक्ट एवं इंटरसेप्ट किया जा सकता है, जो डिवाइस से दो किलोमीटर की दूरी पर है। इस तरीके से डिवाइस को एक कार में रखा जाता है। जिस इलाके का फोन सर्विलांस पर रखना होता है, इस कार को उस इलाके में घुमाया जाता है।
काॅल डिटेक्ट होने पर खास मोबाइल नंबर डिवाइस की मेमोरी में चला जाता है। इसके पश्चात डिवाइस उस नंबर से की जाने वाली अथवा उस नंबर पर की जाने वाली काॅल का ट्रैक रिकाॅर्ड रखना आरंभ कर देता है। अब बात कमरे में फिक्स उपकरणों की। इसके लिए एक खास कमरे को काॅल रिकाॅर्डिंग के प्रयुक्त किया जाता है।
यह सीसीटीवी की निगरानी में होता है। इसमें तीन-चार वर्कस्टेशन, डेस्कटाॅप, एक माॅनिटर एवं हेड फोन होते हैं। साथ ही एसी के साइज के एक-दो सर्वर अथवा रिकाॅर्डिंग डिवाइस होते हैं। इन्हें टेलीकाॅम सर्विस प्रोवाइडर की ओर से उपलब्ध कराए केबल्स से बांधा जाता है। इस कमरे में खास अफसरों को ही प्रवेश की अनुमति होती है। कमरे में आने से पहले उन्हें भी बायो मेट्रिक (bio metric) कराना पड़ता है।
क्या काॅल रिकाॅर्डिंग को सुबूत के तौर पर कोर्ट में पेश किया जा सकता है
जी हां, काॅल रिकाॅर्डिंग को सुबूत के तौर पर कोर्ट में पेश किया जा सकता है। किंतु उससे पहले ऐसी रिकाॅर्डिंग की साइबर लैब में जांच की जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि कि रिकाॅर्डिंग में छेड़छाड़ होना संभव है। आपने ऐसा कई बार देखा होगा कि रिकाॅर्डेड बयान की स्थिति में लोग उनके डाक्टर्ड होने अर्थात उससे छेड़छाड़ होने का आरोप लगाते हैं।
जिन लोगों की रिकाॅर्डिंग में आवाज है, उनके सैंपल लेकर रिकाॅर्डिंग से मिलान किया जाता है। कई सेलिब्रिटीज की आवाज के सैंपल उनके टीवी से भी ले लिए जाते हैं। खास बात यह है कि सैंपल लेने से पूर्व भी कुछ कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करना आवश्यक होता है। तभी यह जांच संभव हो पाती है।
एक बात और वीडियो रिकाॅर्डिंग में तथ्यों को अधिक मजबूती से रखना संभव है। आडियो में कई बार अपनी बात प्रमाणित करना मुश्किल हो जाता है। आपको यह जानकारी भी दें कि एविडेंस एक्ट (evidence act) की धारा- 61 में दो तरह के सुबूतों का जिक्र किया गया है। फर्स्ट एविडेंस एवं सेकंडरी एविडेंस। धारा- 62 में फर्स्ट एविडेंस का जिक्र किया गया है। इलेक्ट्रानिक, मोबाइल अथवा किसी अन्य प्रकार की डिवाइस द्वारा की गई रिकाॅर्डिंग फर्स्ट एविडेंस की श्रेणी में आते हैं।
यदि आपकी काॅल भी रिकाॅर्ड की जा रही है तो क्या कर सकते हैं?
बहुत से लोगों को मोबाइल में मिलने वाले फ्री एप की वजह से दूसरे लोगों के काॅल रिकाॅर्ड करने की आदत हो जाती है। वे कई बार इसे दूसरों को सुनाकर मजा भी करते हैं। यह तो हमने आपको बताया है कि ऐसा करना गैर कानूनी है। किंतु यदि कोई आपकी काॅल रिकाॅर्ड कर रहा है तो आप क्या कर सकते हैं? यह हम आपको बताएंगे।
पहली बात तो यह कि इससे आपके निजता के अधिकार का उल्लंघन हुआ है, ऐसे में आप सीधे मानवाधिकार आयोग से शिकायत कर सकते हैं। आगे की कार्रवाई आयोग करेगा। इसके अतिरिक्त जिस व्यक्ति पर आपको रिकाॅर्डिंग का शक है अथवा उसने आपकी बातचीत रिकाॅर्ड की है तो आप उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा सकते हैं।
यदि केंद्र अथवा राज्य सरकार के निर्देश पर कोई अधिकारी आपकी काॅल रिकाॅर्ड कर रहा है अथवा किसी ऐसे व्यक्ति को लीक कर रहा है, जिसे नहीं किया जाना चाहिए तो आप संबंधित अफसर के खिलाफ कार्रवाई को स्वतंत्र है। आप उसके खिलाफ इंडियन टेलीग्राफ एक्ट -1885 के सेक्शन 26 (बी) के अंतर्गत आरोपी पर मुकदमा करा सकते हैं।
कॉल रिकॉर्डिंग कैसे करें? गूगल प्ले स्टोर पर काॅल रिकाॅर्ड करने वाले कई मोबाइल एप
जिन मोबाइल में काॅल रिकाॅर्डिंग का फीचर इन बिल्ट नहीं होता ऐसे फोन रखने वाले गूगल प्ले स्टोर से काॅल रिकाॅर्डिंग का एप डाउनलोड कर अपने फोन में इस फीचर को एक्टिव कर लेते हैं। इस तरह के कई एप इन दिनों उपलब्ध हैं। इसके बाद ये हर काॅल को रिकाॅर्ड करने लगते हैं।
जाहिर सी बात है कि इसके लिए इन्हें किसी की इजाजत लेने का ख्याल नहीं आता। सच कहें तो इनमें से अधिकांश लोगों को यह भी नहीं पता होता कि ऐसा करना गैर कानूनी है एवं इसके लिए उन्हें मुकदमा तक झेलना पड़ सकता है।
कुछ थर्ड पार्टी कॉल रिकॉर्डिंग एप्स की जानकारी नीचे दी गई है आप इन में से किसी भी ऐप का उपयोग कर सकते हैं –
Call Recorder ACR

थर्ड पार्टी कॉल रिकॉर्डिंग एप्स में यह नंबर एक पर आने वाला ऐप है । इस ऐप के माध्यम से आप इनकमिंग एवं आउटगोइंग कॉल को ऑटोमेटिक रिकॉर्ड कर सकते हैं । जैसे ही कोई कॉल शुरू होगी यह ऑटोमेटिक रिकॉर्डिंग करना शुरू कर देगा । इस ऐप के माध्यम से रिकॉर्डिंग होने वाली कॉल कुछ समय के लिए आपके मोबाइल में स्टोर रहती हैं ।
आप जिनको ज्यादा इंपॉर्टेंट समझते हैं, उनको अलग से सेव कर सकते हैं । 100 कॉल्स लिमिट के बाद पुरानी कार ऑटोमेटिक डिलीट होती जाती हैं । इसलिए जरूरी का रिकॉर्डिंग आपको सेव करके रखने होंगे ।
Automatic Call Recorder

कॉल रिकॉर्डिंग करने में सबसे ज्यादा उपयोग किए जाने वाला यह मोबाइल एप्लीकेशन है । जो एंड्राइड मोबाइल में काफी फेमस है । इस ऐप के माध्यम से आप किसी भी इनकमिंग एवं आउटगोइंग कॉल को ऑटोमेटिक रिकॉर्ड कर सकते हैं साथ ही रिकॉर्ड की गई कॉल्स को आप अपने क्लाउड अकाउंट या गूगल ड्राइव में अपलोड भी कर सकते हैं । जिससे आप जब भी जरूरत पड़े इन रिकॉर्ड की गई काल को आप उपयोग कर सकते हैं।
Call Recorder – Automatic

यदि आप ऑटोमेटिक कॉल रिकॉर्ड करना चाहते हैं और एक अच्छे एप्प की तलाश में हैं तो यह है आपके लिए काफी अच्छा साबित हो सकता है । इस एप्लीकेशन में आप इनकमिंग एंड आउटगोइंग सभी प्रकार की कॉल को रिकॉर्ड कर पाएंगे । इसमें आप Manual & Auto Call Recording Option के साथ Share Option से किसी को भी Recording Share कर सकते है। तथा आप Pin के जरिये रिकॉर्डिंग को Lock भी कर सकेंगे। जिससे आपके अलावा कोई और उस Recording को Play ना कर सके।
कुछ समय पूर्व फोन टैपिंग से जुड़ा पेगासस मामला बहुत चर्चित रहा
कुछ समय पूर्व फोन टैपिंग से जुड़ा पेगासस मामला पूरे देश में छाया रहा। केंद्र सरकार पर कई बड़े नेताओं, उद्योगपतियों, मीडियाकर्मियों एवं लोगों की फोन पर जासूसी का आरोप लगा। यह मामला संसद में भी बहुत सरगर्मी के साथ उठाया गया। इसे निजता के अधिकार का उल्लंघन माना गया।
आखिर पेगासस क्या है? आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह एनएसओ ग्रुप का तैयार किया एक जासूसी साफ्टवेयर है। इसे स्पाई वेयर भी पुकारा जाता है। यह टारगेट के फोन में जाकर डाटा लेकर इसे हैकर्स तक पहुंचाता है। जैसे कैमरा, माइक, मैसेज एवं काॅल संबंधी तमाम डिटेल्स इसके जरिये हैकर तक पहुंच जाती हैं।
विशेष बात यह कि इस साफ्टवेयर के फोन में इंस्टाल होते ही फोन एक सर्विलांस डिवाइस की तरह काम करने लगता है। विशेष बात यह है कि इससे एंड्रायड एवं आईओएस दोनों तरह के फोन को निशाना बनाया जा सकता है। पेगासस का मामला इतना चर्चित रहा कि सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। किंतु चौतरफा दबाव के बावजूद केंद्र सरकार ने पेगासस जासूसी मामले में एफिडेविट दाखिल करने से इंकार कर किया।
हालांकि उसने आरोपों की जांच के लिए पैनल गठित करने की बात रखी। जहां तक पेगासस की बात है तो इजरायली कंपनी द्वारा बनाए गए इस साफ्टवेयर के माध्यम से विश्व भर में 50 हजार से भी अधिक फोन को निशाना बनाया जा चुकने की बात सामने आई है।
काॅल रिकाॅर्ड हो रही है कैसे पता करें?
यदि आपको शक है जिससे आप बात कर रहे हैं, वह आपकी काॅल रिकाॅर्ड कर रहा है या नहीं तो आपके पास कुछ तरीके हैं, जिससे आप इस संबंध में पुख्ता हो सकते हैं। इसके निम्न तरीके हैं-
- यदि काॅल करते वक्त आपको कुछ सेकंड्स के लिए बीप की आवाज सुनाई दे तो सतर्क हो जाएं। इसका अर्थ है कि आपकी काॅल रिकाॅर्ड हो रही है।
- यदि आपको काॅल करने वाला कोई व्यक्ति फोन को स्पीकर पर डाल दे तो हो सकता है कि वह किसी दूसरे फोन अथवा रिकाॅर्डर में आपकी आवाज रिकाॅर्ड कर रहा है अथवा किसी को सुना रहा है।
- ऐसे में आप संबंधित व्यक्ति से काॅल स्पीकर से हटाने को कहें। अथवा उतनी ही बात करें, जिसका सामने वाली पार्टी द्वारा भविष्य में कोई लाभ उठाया जा सकने का अंदेशा न हो।
- यदि काॅल के बीच में आपको दूसरी ओर से किसी तरह के शोर जैसी आवाज सुनाई दे तो बहुत संभव है कि दूसरी ओर आपकी काॅल रिकाॅर्ड हो रही है।
कोई काॅल रिकाॅर्डिंग के नाम से धमकाए तो क्या करें?
इस तरह की दिक्कत अक्सर लड़कियों को भुगतनी पड़ती हैं। वे मित्रता के नाम पर कई बार गलत रास्ते पर चली जाती है। ऐसे में उन्हें काॅल रिकाॅर्डिंग सार्वजनिक कर देने की धमकी मिलती है। ऐसे में संबंधित लड़कियों को बजाय डरने एवं धमकाने के ऐसे तत्वों के विरूद्ध अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में लिखित में शिकायत करनी चाहिए।
आरोपियों पर कानून में तय धाराओं में कार्रवाई होगी। इंडियन टेलीग्राफ एक्ट -1885 की धारा 26 (बी) की जानकारी हम आपको इस पोस्ट में ऊपर दे ही चुके हैं।
अधिकांश लोग निजता के अधिकार के प्रति जागरूक नहीं
हमारे देश में अधिकांश लोग निजता के अधिकार के प्रति जागरूक ही नहीं। जैसे पति पत्नी को ही लें। बहुत से पति पत्नी पर अपना अधिकार मानते हैं। ऐसे में वे उस पर बंदिशें लादने से भी बाज नहीं आते। जैसे कि किससे बात करें, कितनी बात करें, कैसे उठें, बोलें, क्या पहनें जैसी चीजों को भी वे ही तय करते हैं।
ऐसे में जब तब पत्नी का मोबाइल उठा लेना, मोबाइल चेक करने, वे किससे बातचीत कर रही हैं, में रिकार्ड करने जैसे काम वे जब तक करते हैं। हालांकि यहां यह भी उतना ही सच है कि मोबाइल चेक करने में, रिकाॅर्डिंग करने एवं सुनने में पत्नियां भी पीछे नहीं। ऐसे में यह दोनों लोग एक दूसरे के निजता के अधिकार का उल्लंघन कर रहे होते हैं, किंतु उन्हें भान तक नहीं होता। न तो कानूनों के प्रति हमारे देश में जागरूकता है और न ही उन्हें जानने बूझने की ललक।
इसका नतीजा यह होता है कि व्यक्ति के साथ अनाचार होता है, लेकिन उनके खिलाफ आवाज तक नहीं उठा पाता। कानून का सहारा वह उस स्थिति में लेना उचित समझता है, जब तक यह अंतिम विकल्प नहीं बचता। इस स्थिति को बदलने के लिए प्रत्येक स्तर पर प्रयास की आवश्यकता है। कई एनजीओ विधि क्लीनिक चलाते भी हैं, किंतु उनकी पहुंच सीमित है। ऐसे में भारत को अभी विधिक जागरूकता को एक लंबा रास्ता तय करना बाकी है।
क्या काॅल रिकाॅर्डिंग अपराध है?
जी हां, बगैर अनुमति किसी की भी काल रिकार्डिंग अपराध है।
बगैर अनुमति काल रिकार्ड पर दोषी के खिलाफ कौन सा मामला बनता है?
बगैर अनुमति काल रिकार्ड करने पर दोषी के खिलाफ संविधान के अनुच्छेद-21 में प्रदत्त निजता के अधिकार के उल्लंघन का मामला बनता है।
ऐसा करना किस एक्ट के तहत अपराध करार दिया गया है?
ऐसा करना इंडियन टेलीग्राफ एक्ट -1885 के तहत अपराध करार दिया गया है।
क्या काल रिकार्ड को बतौर सुबूत कोर्ट में पेश किया जा सकता है?
जी हां, परंतु इसके लिए निर्धारित कानूनी प्रक्रिया का पालन करना होगा। काल में जिनकी आवाज है उनके सैंपल साइबर लैब में भेजकर पुख्ता किया जाएगा कि आवाज संबंधित लोगों की ही है।
हाल ही में फोन टैपिंग का कौन सा मामला छाया रहा?
हाल ही में पेगासस स्पाई वेयर के जरिए फ़ोन टैपिंग का मामला छाया रहा।
क्या पत्नी की अपने माता-पिता से की गई बातचीत रिकॉर्ड करना भी अपराध है?
जी हां। यह भी पत्नी के निजता के अधिकार का उल्लंघन है एवं अपराध है।
किन स्थितियों में बगैर अनुमति काल रिकार्ड की जा सकती है?
जब ऐसा किया जाना जन सुरक्षा के लिए आवश्यक हो तो काल रिकार्ड की जा सकती है।
हमने आपको क्या काॅल रिकाॅर्डिंग अपराध है? जैसे महत्वपूर्ण विषय पर जानकारी प्रदान की। यदि आप अभी तक ऐसा करते रहे हैं तो सावधान हो जाइए। यदि आपका कोई परिचित अथवा रिश्तेदार काॅल रिकाॅर्डिंग की आदत पाले हुए है तो उसे भी आगाह करें कि वह ऐसा न करें। कई बार लेने के देने भी पड़ सकते हैं। यदि यह पोस्ट आपको पसंद आई है तो इसे अपने मित्रों, परिचितों के साथ शेयर करना न भूलें। धन्यवाद।
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