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महिलाओं के बारे में हमारे देश मे एक कहावत प्रचलित है-यत्र नार्यस्तु पूज्यंते, रमंते तत्र देवता। अर्थात जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं। किंतु वास्तविकता की बात करें स्थिति इसके ठीक उलट है। कहीं नारी का रेप हो रहा है तो कहीं उस पर अपमानजनक टिप्पणियां की जाती हैं।
घरेलू हिंसा भी उसके प्रति कम नहीं। महिलाओं को इस तरह की घटनाओं से बचाने के लिए एवं उनको संविधान प्रदत्त अधिकारों की रक्षा के लिए देश में राष्ट्रीय महिला आयोग का गठन किया गया था। इस पोस्ट में हम आपको राष्ट्रीय महिला आयोग के बारे में जानकारी देंगे। साथ ही बताएंगे कि आप आयोग में शिकायत कैसे दर्ज कर सकते हैं-
राष्ट्रीय महिला आयोग की स्थापना कब हुई?
महिलाओं के अधिकारों की रक्षा, उनका हनन होने से रोकने एवं महिलाओं की स्थिति सुधारने के लिए सलाह देने के विशेष उद्देश्य से राष्ट्रीय महिला आयोग की स्थापना आज से करीब 30 वर्ष पूर्व राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम अर्थात national women commission act-1990 के अंतर्गत सन् 1992 में हुई थी।
31 जनवरी, 1992 को पहले महिला आयोग का गठन हुआ था, जिसकी अध्यक्ष जानकी पटनायक थीं। दूसरे राष्ट्रीय महिला आयोग का गठन जुलाई, 1995 में किया गया। इसकी अध्यक्ष डा मोहिनी गिरी थीं।
राष्ट्रीय महिला आयोग की स्थापना के उद्देश्य [Objectives of setting up National Commission for Women] –
अब एक नजर में देख लेते हैं कि राष्ट्रीय महिला आयोग की स्थापना के उद्देश्य क्या हैं-
- महिलाओं के लिए संवैधानिक एवं विधायी सुरक्षा उपायों की समीक्षा करना।
- उपचारी विधायी उपायों की सिफारिश करना
- शिकायतों के निवारण को सुगम बनाना
- महिलाओं को प्रभावित करने वाले सभी नीतिगत मामलों पर सरकार को सलाह देना।
राष्ट्रीय महिला आयोग के कार्य [Functions of National Commission for Women] –

यह हम आपको बता चुके हैं कि राष्ट्रीय महिला आयोग की स्थापना विशेष रूप से महिला अधिकारों के हनन को रोकने एवं उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर देने के इरादे से किया गया था। राष्ट्रीय महिला आयोग निम्न कार्य करता है-
- महिलाओं के अधिकारों के हनन से संबंधित शिकायतों की जांच करना अथवा स्वतः संज्ञान से कार्रवाई करना।
- महिलाओं के खिलाफ भेद एवं अत्याचार से जुड़ी स्थितियों की जांच एवं उन्हें दूर करने की सिफारिश।
- महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक विकास की योजना प्रक्रिया में हिस्सा लेकर उन पर सलाह देना।
- केंद्र अथवा राज्य के अधीन महिलाओं के विकास प्रगति का मूल्यांकन करना।
- बहुसंख्यक महिलाओं को प्रभावित करने वाले प्रश्नों से संबंधित मुकदमों के लिए धन उपलब्ध कराना।
- महिलाओं से संबंधित उन कठिनाईयों के विषय में जिनके अंतर्गत महिलाएं काम करती हैं, सरकार को समय समय पर रिपोर्ट देना।
- किसी जेल, सुधार गृह, महिलाओं की संस्था अथवा अभिरक्षा के स्थान, जहां महिलाओं को बंदी के रूप में अथवा अन्यथा रखा गया हो निरीक्षण करना अथवा करवाना। यदि आवश्यक हो तो संबंधित पदाधिकारियों से बातचीत।
- महिलाओं को सभी क्षेत्रों में समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के उपाय करना।
- महिलाओं की उन्नति में अड़चन डालने वाले कारणों का पता लगाना जैसे कि आवास, बुनियादी सेवाओं की प्राप्ति में कमी आदि।
राष्ट्रीय महिला आयोग में आनलाइन शिकायत कैसे करें?
यदि आप महिला आयोग में किसी समस्या को लेकर शिकायत करना चाहतें हैं, तो आप नीचे बताये जा रहे आसान से स्टेप्स को फॉलो करके शिकायत कर सकतें हैं –
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राष्ट्रीय महिला आयोग के पोर्टल पार जाएँ –
सबसे पहले राष्ट्रीय महिला आयोग की वेबसाइट https://ncwapps.nic.in/onlinecomplaintsv2/ पर जाएं। यहां होम पेज पर click here to register a complaint के आप्शन पर क्लिक करें।
शिकायत फॉर्म भरें –

अब आपके सामने कंप्लेंट्स रजिस्ट्रेशन फार्म (complaints registration form) खुल जाएगा। यहां आपको निम्न विवरण देना होगा- शिकायतकर्ता का विवरण – शिकायतकर्ता का नाम, पता, राज्य, जिला, पिनकोड, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, लिंग जैसी जानकारी देनी होगी। पीड़िता का विवरण – आपसे हां/न में पूछा जाएगा कि क्या शिकायतकर्ता ही पीड़ित है? यदि नहीं तो पीड़ित के नाम, पता, राज्य, जिला, पिनकोड, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, लिंग, जन्म तिथि, धर्म, जाति जैसी जानकारी भरनी होगी।
घटना का विवरण भरें –

3. प्रतिवादी का विवरण – इसके पश्चात प्रतिवादी का विवरण भरना होगा। जैसे उसका नाम, पता, राज्य, जिला, पिनकोड, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, लिंग।
4. शिकायत का विवरण – अब आपको शिकायत का विवरण देना होगा। इसमें आपको निम्न जानकारी देनी होगी-
प्रतिवादी का विभाग (यदि लागू हो) घटना की तिथि क्या आपका मामला किसी कोर्ट के समक्ष लंबित है? आपको इस जवाब हां या न में देना होगा। यदि हां तो परिवाद संख्या (case number) का उल्लेख करें। क्या आपका मामला किसी राज्य महिला आयोग के समक्ष लंबित है? हां की स्थिति में परिवाद संख्या का उल्लेख करें।
शिकायत सबमिट करें –

5. घटना की पूरी जानकारी लिखें -अब आपको घटना की पूरी जानकारी लिखनी होगी। यानी आपके साथ कब, कहां, क्या हुआ? इसके पश्चात कैप्चा कोड (captcha code) डालें। एवं सबमिट (submit) के आप्शन पर क्लिक कर दें।
रसीद सेव करें –
फार्म भरने के पश्चात आपको एक रसीद (receipt) संख्या आवंटित की जाएगी। इसे आप future reference के लिए सुरक्षित रख लें। इसके बाद complaints and investigation cell of commission इस प्रकार प्राप्त सभी शिकायतों को प्रोसेस करता है।
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महिला आयोग शिकायत स्टेटस कैसे जानें-
यदि आपकी अर्जी राष्ट्रीय महिला आयोग के अधिकार क्षेत्र में आती है तो 10 दिन पश्चात आपको अर्जी का फाइल नंबर (file number), यूजर आईडी (user id) एवं पासवर्ड (password) दी गई रसीद संख्या के इस्तेमाल से प्राप्त करना होगा।
- इसके पश्चात अपनी शिकायत का status जानने के लिए आपको सबसे पहले वेबसाइट https://ncwapps.nic.in/onlinecomplaintsv2/ पर जाना होगा। यहां होमपेज पर आपको अपना शिकायत स्टेटस जानें का आप्शन दिखेगा।

- यहां आप अपना username एवं password डालने के बाद सिक्योरिटी कोड (security code) डालें एवं साइन इन (sign in) कर लें।
- इसके बाद रसीद संख्या एवं ई-मेल आईडी डालकर check registration status के आप्शन पर क्लिक कर लें।
- आपका complaint status आपके सामने आ जाएगा।
महिला आयोग शिकायत नंबर पर शिकायत कैसे करें?
महिलाएं राष्ट्रीय महिला आयोग के शिकायत प्रकोष्ठ की ईमेल आईडी complaintcell-ncw@nic.in पर अपनी शिकायत लिखकर भेज सकती हैं। इसके अतिरिक्त 91-11 26944880, 91-11 26944883 फोन नंबरों पर भी संपर्क कर अपनी शिकायत कह सकती हैं। यदि आप आयोग से संबंधित किसी भी प्रकार की अन्य जानकारी चाहते है तो भी इन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं।
कौन सी शिकायत महिला आयोग में कर सकतें हैं?
अब आपको जानकारी देते हैं कि राष्ट्रीय महिला आयोग कितनी श्रेणियों से संबद्ध शिकायतों को सुनता है। ये श्रेणियां निम्नवत हैं-
- रेप, रेप का प्रयास
- एसिड अटैक
- सेक्सुअल हैरेसमेंट
- महिलाओं की बिक्री, वेश्यावृत्ति
- महिलाओं का उत्पीड़न, छेड़छाड़
- महिलाओं पर अपमानजनक टिप्पणी, बर्ताव
- महिलाओं का पीछा करना, घूरना
- द्विविवाह, अधिविवाह
- महिलाओं के खिलाफ साइबर क्राइम
- पुलिस द्वारा महिला की न सुनना
- शादीशुदा महिला का उत्पीड़न
- दहेज उत्पीड़न
- दहेज मृत्यु
- घरेलू हिंसा के खिलाफ महिला को सुरक्षा
- महिला को बच्चे की कस्टडी का अधिकार/तलाक
- मनमर्जी से शादी का अधिकार, इज्जत के लिए अपराध
- गरिमा के साथ जीने का अधिकार
- कार्यस्थल पर महिलाओं का उत्पीड़न
- महिला को मातृत्व लाभ से वंचित करना
- शिक्षा एवं कार्य पर समान अधिकार के खिलाफ भेद
- महिलाओं का असमान प्रतिनिधित्व
- मादा भ्रूण हत्या
- सती प्रथा, देवदासी प्रथा जैसी परंपराओं की मुखालफत
- महिलाओं के लिए मुफ्त कानूनी सहायता।
कौन सी शिकायत महिला आयोग में नहीं कर सकतें हैं?
- सिविल विवाद
- सेवा से संबंधित मामले
- कोर्ट/ ट्रिब्यूनल में विचाराधीन मामले
- ऐसे मामले जो राज्य अथवा किसी अन्य आयोग के समक्ष लंबित हैं।
- ऐसे मामले, जिनमें किसी महिला अधिकार का हनन न हो रहा हो।
राष्ट्रीय महिला आयोग की संरचना क्या है
राष्ट्रीय महिला आयोग की संरचना क्या है? इसमें कौन कौन पदाधिकारी होते हैं, इस संबंध में हम आपको जानकारी देते हैं ये निम्नवत हैं-
अध्यक्ष (chairman) – राष्ट्रीय महिला आयोग का एक अध्यक्ष होता है। इसके अध्यक्ष को केंद्र सरकार नामित करती है। यह महिलाओं संबंधी विषय में विशेषज्ञ हो सकती हैं। अथवा अपने क्षेत्र की कोई बड़ी जानकार।
सदस्य सचिव (member secretary) – केंद्र सरकार द्वारा नामित एक सदस्य सचिव होता है। ये वह व्यक्ति होता है, जिसे प्रबंधन, संगठनात्मक संरचना अथवा सामाजिक आंदोलन के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल हो। अथवा यह एक ऐसा अधिकारी होता है, जो संघ की सिविल सेवा या अखिल भारतीय सेवा का सदस्य हो या संघ के अधीन कोई सिविल पदधारी, जिसके पास समुचित अनुभव हो।
सदस्य (members) – केंद्र सरकार की ओर से राष्ट्रीय महिला आयोग में पांच ऐसे सदस्य नामित किए जाते हैं, जिन्हें विधि-विधान, व्यवसाय, संघ आंदोलन, उद्योग अथवा संगठन के प्रबंध, स्वैच्छिक महिला संगठन, प्रशासन, आर्थिक विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा अथवा सामाजिक कल्याण का अनुभव हो। इसमें एससी (sc) एवं एसटी (st) से भी एक-एक सदस्य होता है।
अध्यक्ष एवं सदस्य का कितने वर्ष का कार्यकाल होता है
अध्यक्ष एवं प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है। लेकिन राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम (NCW act) में व्यवस्था दी गई है कि अध्यक्ष अथवा कोई भी सदस्य केंद्र सरकार को सूचना देकर किसी भी समय अपना पद त्याग सकता है। अथवा केंद्र सरकार कुछ विशेष स्थितियों में स्वयं अध्यक्ष एवं अन्य सदस्यों को उनके पदों से हटा सकती है।
केंद्र सरकार किन स्थितियों में अध्यक्ष, सदस्यों को हटा सकती हैं?
राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्य, जिन्हें केंद्र सरकार नियुक्त करती है, वह चाहे तो उन्हें अपने पद से हटा भी सकती है। कुछ ऐसी स्थितियां हैं, जिनके आधार पर केंद्र जब चाहे राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों को हटा सकती है। ये स्थितियां निम्नवत हैं-
- यदि संबंधित व्यक्ति दिवालिया हो जाए।
- यदि उसे ऐसे किसी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया है अथवा कारावास दिया गया है, जो केंद्र सरकार की राय में नैतिक नहीं।
- यदि संबंधित व्यक्ति विकृत चित्त हो जाए।
- यदि वह कार्य करने से इन्कार करता है अथवा कार्य करने में असमर्थ हो जाता है।
- आयोग के लगातार तीन अधिवेशनों से बगैर इजाजत लिए अनुपस्थित रहता है।
- यदि केंद्र सरकार की राय में अध्यक्ष अथवा सदस्य ने अपने पद का दुरूपयोग किया है एवं उसका पद पर बने रहना जनहित में उचित नहीं। (हालांकि ऐसा करने से पहले उसे सुनवाई का पर्याप्त अवसर दिया जाता है)।
इस समय राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष कौन हैं?
इस समय राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा हैं। अध्यक्ष के रूप में उनकी नियुक्ति केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम -1990 की धारा 3 के तहत की है। उनका कार्यकाल तीन वर्ष का रहेगा। वह 65 वर्ष की उम्र तक अथवा अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, इस पद पर बनी रहेंगी।
इस समय आयोग की सदस्य सचिव गीता राजीवलोचन हैं। आयोग के सदस्यों में चंद्रमुखी देवी, श्यामला एस कुंदर, डा राजुलबेन एल देसाई शामिल हैं। इस संबंध में आपको एक रोचक जानकारी भी दें। आलोक रावत 2015 में महिला आयोग के पहले पुरूष सदस्य बने थे।
राष्ट्रीय महिला आयोग में सर्वाधिक कौन सी शिकायतें आती हैं?
राष्ट्रीय महिला आयोग के पास बड़ी संख्या में शिकायतें पहुंचती हैं। चाहे वह लिखित में हों अथवा एनसीडब्ल्यू एक्ट की धारा 10 के तहत स्वतः संज्ञान में ली गई हों। घरेलू हिंसा, प्रताड़ना, दहेज, उत्पीड़न, शोषण बलात्कार, एफआईआर रजिस्टर करने से मना करने, पति द्वारा कू्ररता, लिंग भेद एवं कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न से जुड़ी समस्याएं सर्वाधिक आती हैं।
महिलाओं से जुड़े कई मामलों में पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए आयोग ने स्वतः संज्ञान लेकर भी कार्रवाई करता है। बाल विवाह का मुद्दा हो अथवा कानूनी जागरूकता, पारिवारिक महिला लोक अदालतों का आयोजन हो अथवा दहेज प्रतिषेध अधिनियम-1961, प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम-1994, भारतीय दंड संहिता-1860 एवं राष्ट्रीय महिला आयोग 1990 को और सशक्त बनाने के लिए उनकी समीक्षा की।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने यह कार्य बखूबी किया है। महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए विशेषज्ञ कमेटियां गठित कीं। जेंडर जागरूकता को लेकर संगोष्ठी की। कन्या भ्रूण हत्या, महिलाओं के प्रति हिंसा आदि के खिलाफ प्रचार अभियान भी चलाया है।
यह भी बता दें कि 2016 में महिला हेल्पलाइन नंबर 1090 को राष्ट्रीय महिला आयेाग की हेल्पलाइन 181 से जोड़ने की कवायद शुरू हुई थी। इसका मकसद महिला को कम से कम समय में न्याय दिलाना था।
राष्ट्रीय महिला आयोग की स्थापना कब हुई?
राष्ट्रीय महिला आयोग की स्थापना सन् 1992 में हुई।
महिला आयोग का गठन किस अधिनियम के तहत किया गया है?
राष्ट्रीय महिला आयोग का गठन राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम-1990 के तहत किया गया है।
वर्तमान में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष कौन हैं?
वर्तमान में रेखा शर्मा राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष हैं।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है?
केंद्र सरकार राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति करती है।
राष्ट्रीय महिला आयोग में कितने सदस्य होते हैं?
राष्ट्रीय महिला आयोग में पांच सदस्य होते हैं।
क्या केंद्र सरकार जब चाहे अध्यक्ष एवं सदस्य को हटा सकती है?
जी हां, पर्याप्त आधार पर केंद्र सरकार अध्यक्ष एवं सदस्य को उसके पद से हटा सकती है।
हमने आपको इस पोस्ट के जरिये राष्ट्रीय महिला आयोग एवं आयोग में शिकायत कैसे दर्ज करें, जैसे महत्वपूर्ण विषय पर जानकारी प्रदान की। यदि आप महिला हैं अथवा आपके परिचय में कोई महिला हैं, उन्हें यह जानकारी अवश्य प्रेषित करिए। कभी वक्त जरूरत यह जानकारी उनके काम आ सकती है। यदि आपको यह पोस्ट अच्छी लगी है तो इसे शेयर करना बिल्कुल न भूलिएगा। धन्यवाद।
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Me sanju kumari me ek saal se kisi ladke ke sath hu or vo ladka shadi Karu u kr ke bs time pas hi kr rha h or mene police kes bhi Kiya pr koi mtlb nhi rha uska bhi or abhi bhi bs time hi nikal rha h or shadi nhi kr rha h
sir, hamne cort kes kar diya hai to hame koi fesla nahi mil rha hai to hum kya kare jisse hame jalldi se jaldi fesla mile
Please Mam help me
Write your case in detail.
Mam ek 376 ka case hai usmein koi sunvaee nahin ho raha hai help chahie thi mam
Madam main govt employee hun aur kuchh logon ke kehne pr mere vibhag dvara mujhe mansik rup se partadit kiya ja rha hai smjh nhi aa rha kahan jaun. Kya mahila aayog meri shikayat sunega.
ha bilkul kar sakti hai shikayat
शादीशुदा महिलाको उत्पीरण करने वाले पुरूष को सजा के लिए कानून है क्या ?
kisi bhi mahila ko torcher karne ki saja hai