|| पैतृक संपत्ति में हिस्सा क्या कहलाता है, पैतृक संपत्ति की वसीयत की जा सकती है, पैतृक संपत्ति में बेटी का अधिकार, पैतृक संपत्ति 2023 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले, पैतृक संपत्ति कानून, पुत्र पिता की पैतृक संपत्ति का दावा कर सकते जब पिता जीवित है ||
संपत्ति को लेकर झगड़ा तकरीबन हर तीसरे परिवार में देखने को मिलता है। किसी किसी जगह यह बगैर कानून के हस्तक्षेप के हल हो जाता है तो कहीं बात कोर्ट कचहरी से ही बनती है। संपत्ति पर कब्जे की मंशा बहुत से लोगाें को इस कदर अंधा कर देती है कि वे बाप-बेटे के रिश्ते को भी कलंकित कर देते हैं।
बहुत से उत्तराधिकारी उनके कानूनी हिस्से से वंचित रह जाते हैं। यदि किसी को उनके दादा, पिता व भाई पैतृक संपत्ति में हिस्सा नहीं देते तो वह क्या कर सकता है आज इस पोस्ट में हम आपको इसी विषय में जानकारी देंगे-
संपत्ति यदि पैतृक है तो दादा, पिता, भाई संग आपका भी हिस्सा बनता है?
सबसे पहली बात यदि दादा, पिता एवं भाई पैतृक संपत्ति में हिस्सेदार हैं तो आपको भी पैतृक संपत्ति में हिस्सा अवश्य दिया जाना चाहिए। पैतृक संपत्ति में हिस्से का अधिकार पैदा होते ही मिल जाता है। यदि पैतृक संपत्ति का बंटवारा होता है अथवा उस संपत्ति को बेचा जाता है तो बेटियों को भी उसमें बराबर अधिकार मिलता है।
पैतृक संपत्ति को बगैर उत्तराधिकारियों से राय मशविरे के नहीं बेचा जा सकता। ये वह प्रापर्टी होती है, जिसका हिंदू संयुक्त परिवार (Hindu joint family) के सदस्यों के बीच बंटवारा नहीं हुआ।
यदि दादा, पिता व भाई पैतृक संपत्ति में हिस्सा देने से मना करें तो क्या करें?
यदि दादा, पिता व भाई पैतृक संपत्ति में हिस्सा देने से इन्कार कर दें तो आप अपने अधिकार के लिए कानूनी नोटिस (legal notice) भेज सकते हैं। आप संपत्ति पर अपना दावा पेश करते हुए सिविल कोर्ट में मुकदमा दायर कर सकते हैं। मामले के विचाराधीन होने के दौरान प्रापर्टी को बेचा न जाए यह सुनिश्चित करने के लिए आप उस मामले में कोर्ट से रोक लगाने की मांग कर सकते हैं।
यदि आपकी सहमति के बगैर ही संपत्ति बेच दी गई है, तो आपको उस खरीदार को केस में पार्टी के तौर पर जोड़कर अपने हिस्से का दावा ठोकना होगा।

पैतृक संपत्ति क्या होती है?
यह तो आप जानते ही होंगे, कि जो संपत्ति अथवा जमीन बुजुर्ग छोड़कर जाते हैं, उसे पैतृक संपत्ति कहा जाता है। कानूनी भाषा की बात करें तो पुरूषों की चार पीढ़ी तक जो संपत्ति विरासत में मिलती है, उसे पैतृक संपत्ति कहा जाता है। पैतृक संपत्ति में अधिकार जन्म के समय ही मिल जाता है।
पिता, जो पैतृक संपत्ति का मौजूदा मालिक हो जाता है एवं उसके बेटे का पैतृक संपत्ति पर बराबर का हक होता है। पहली पीढ़ी यानी पिता एवं उनके भाई-बहन का पैतृक संपत्ति में हिस्सा पहले तय होता है। इसके बाद की पीढ़ी को बुजुर्गों से मिले हिस्से को बांटना पड़ता है।
बेटे का माता-पिता द्वारा कमाई संपत्ति पर कानूनी हक नहीं
आज से छह वर्ष पूर्व अर्थात 2016 में दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High court) ने एक ऐतिहासिक निर्णय दिया था। इस फैसले में उसने कहा था कि माता-पिता द्वारा कमाई गई/अर्जित की गई संपत्ति पर बेटे का कोई कानूनी अधिकार नहीं है।
यदि घर माता-पिता द्वारा बनाया गया है तो उस घर में रहने का बेटे को, चाहे वह शादीशुदा हो या कुंवारा, कोई हक नहीं है। जब तक माता-पिता चाहे बेटा उनकी दया पर ही उनके घर में रह सकता है।
हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) कानून में बेटियों को भी पैतृक संपत्ति में हिस्सा
हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) कानून, 2005 पैतृक संपत्ति में बेटों के साथ ही बेटियों को भी बराबर अधिकार दिया गया है। आपको जानकारी दे दें कि कानून में संशोधन से पूर्व केवल परिवार के पुरूषों को ही उत्तराधिकारी का दर्जा दिया जाता था।
बेटियों को भी उत्तराधिकारी का दर्जा दिए जाने के लिए आज से करीब 17 वर्ष पूर्व हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम -1956 के प्रावधान- 6 में संशोधन किया गया था।
व्यक्तिगत संपत्ति कौन सी होती है?
किसी व्यक्ति को उसके पिता, दादा अथवा परदादा से मिली संपत्ति को छोड़कर खुद अर्जित अथवा किसी से विरासत में मिली संपत्ति को व्यक्तिगत संपत्ति पुकारा जाता है। आप अपनी व्यक्तिगत संपत्ति को बेचने के हकदार हैं।
जिस प्रकार से आप चाहते हैं, ठीक वैसे। इसके लिए आपको अपने मां-बाप अथवा बच्चों समेत किसी से भी सहमति लेने की कोई आवश्यकता नहीं है।
पैतृक संपत्ति के मामले में एचयूएफ की क्या अवधारणा है?
यह तो हम आपको बता ही चुके हैं कि पैतृक संपत्ति कोई भी हिंदू व्यक्ति अपने पिता, दादा अथवा परदादा से हासिल करता है। यह संपत्ति उसकी पारिवारिक संपत्ति कहलाती है। यह एचयूएफ (HUF) अर्थात गैर विभाजित हिंदू परिवार की अवधारणा पर आधारित होती है।
विरासत में संपत्ति को एचयूएफ की संपत्ति माना जाता है। इसमें बिक्री के अधिकार को लेकर कुछ प्रतिबंध लागू हैं। जैसे पिता, जो एचयूएफ का कर्ता होता है, वह प्रापर्टी से जुड़ी कोई डील करते हुए प्रत्येक बार बच्चों समेत परिवार के अन्य उन सदस्यों की मंजूरी लेता है, जो पैतृक संपत्ति में हिस्सेदार हैं। कर्ता होने के नाते पारिवारिक संपत्ति को लेकर पिता के पास अतिरिक्त अधिकार होते हैं।
बेटे को अपनी संपत्ति से बेदखल कैसे कर सकते हैं?
बहुत से ऐसे माता पिता हैं, जिन्हें बेटे से सिवाय दुत्कार के कुछ नहीं मिलता। बेटे बाप की संपत्ति पर अपना अधिकार मानकर चलते हैं। जबकि बाप ऐसे बेटे को अपनी संपत्ति नहीं सौंपना चाहता, क्योंकि उसे लगता है कि बेटा उनकी अमानत सहेजकर नहीं रखेगा।
यदि बाप अपने बेटे को संपत्ति से बेदखल करना चाहता है तो वह इसके लिए वसीयत कर सकता है। इसके लिए वह वकील की सलाह ले सकता है। उसके माध्यम से एक पब्लिक नोटिस (public notice) बनवाकर उसे स्थानीय समाचार पत्र में प्रकाशित भी करा सकता है।
पिता की कमाई संपत्ति में बेटा कैसे अधिकार ले सकता है?
आपको हम बता चुके हैं कि कोर्ट यह कह चुका है कि पिता की कमाई संपत्ति पर बेटे का कोई अधिकार नहीं होता। ऐसे में बेटा उस संपत्ति पर अपना अधिकार कैसे जता सकता है? इसका रास्ता केवल यह है कि बेटा कोर्ट में यह साबित करे कि पिता ने जो संपत्ति कमाई अथवा अर्जित की है, उसे बनाने में उसका भी योगदान रहा है।
इसके उसे पर्याप्त प्रमाण कोर्ट में प्रस्तुत करने होंगे। केवल किसी व्यक्ति के कह देने भर से पिता की संपत्ति पर उसका अधिकार साबित नहीं होगा।
यदि जमीन जिन सदस्यों के नाम है, उनमें से एक की भी न हो तो क्या होगा
यदि जमीन जिन सदस्यों के नाम है, उनमें से एक की भी न हुई तो इस जमीन का बंटवारा नहीं हो सकेगा। इससे यह स्पष्ट है, कि जमीन जितने सदस्यों के नाम है, उसका बंटवारा अथवा बिक्री सभी सदस्यों की सहमति से ही संभव है। किसी एक के मुकरने पर भी डील रूक जाएगी।
क्या संपत्ति का अधिकार एक मौलिक अधिकार है
बहुत सारे लोग संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार मानकर चलते हैं। लेकिन वे इससे जुड़े कानूनी पहलू से अंजान रहते हैं। आपको जानकारी दे दें कि पूर्व में संपत्ति का अधिकार भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों में शामिल था, लेकिन 1978 में हुए 44वें संशोधन द्वारा इसे मौलिक अधिकारों की सूची से हटा दिया गया।
वर्तमान में इसकी स्थिति पर बात करें तो यह अनुच्छेद 300-क के अधीन एक विधिक अधिकार है। अब साथ ही साथ आपको सह स्वामित्व अथवा संयुक्त स्वामित्व का अर्थ भी समझा दें। जब दो या दो अधिक व्यक्ति एक ही संपत्ति के लिए शीर्षक रखते हैं तो उसे सह-स्वामित्व कहा जाता है।
उत्तराखंड पहला ऐसा राज्य है, जहां पत्नी को पति के साथ संपत्ति में सह-स्वामित्व का हक दिया गया है। यह इस राज्य की महिलाओं की एक पुरानी मांग थी, जिसे वहां की भाजपा सरकार ने पूरा किया।
प्रापर्टी को लेकर सबसे अधिक विवाद हुए हैं –
आप किसी भी कचहरी के आंकड़ों में दर्ज मामले देख लीजिए, सबसे अधिक विवाद प्रापर्टी को लेकर हुए हैं। लोगों में संपत्ति की लालसा इतनी अधिक है कि अपना जायज हक मिलने के बावजूद दूसरे के हक पर कब्जे की प्रवृत्ति नहीं जाती। संपत्ति को लेकर एक भाई दूसरे भाई के खून का प्यासा हो जाता है।
खास तौर ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति के लिए हत्या तक हो जाने जैसी खबरें सामने आती हैं। अपने भाई भतीजों की छोड़ दें तो भी दूसरे लोगों की जमीन जहां तक अपने कब्जे में आती लगती हैं, उस पर अपना अधिकार जमाने से लोग बाज नहीं आते। यदि किसी के पास अत्यधिक जमीन होती है तो वह भी लोगों की आंखों में खटकता है।
स्वयं की अर्जित की गई जमीन पर भी कई बार लोग कुंडली मारकर बैठ जाते हैं। वह धमकाकर, डराकर अथवा किसी अन्य तरीके से इस जमीन अथवा मकान के कागजों पर जमीन मालिक के दस्तखत करा उसे अपने नाम करना चाहते हैं।
पैतृक संपत्ति किसे कहते हैं?
किसी व्यक्ति को उनके परदादा, दादा, पिता से मिली संपत्ति को पैतृक संपत्ति कहा जाता है।
यदि दादा, पिता, भाई कानूनी पैतृक संपत्ति में हिस्सा न दे तो क्या कर सकते हैं?
यदि दादा, पिता अथवा भाई पैतृक संपत्ति में हिस्सा देने से मना करे तो आप उसे कानूनी नोटिस भेज सकते है। संपत्ति पर अपना दावा ठोंक मुकदमा कर सकते हैं।
एचयूएफ किसे कहते हैं?
एचयूएफ की फुल फार्म हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (hindu undivided family) होती है। इसे हिंदी में हिंदू अविभाजित परिवार भी पुकारा जाता है।
व्यक्तिगत संपत्ति किसे कहते हैं?
परदादा, दादा अथवा पिता को छोड़कर किसी व्यक्ति की खुद अर्जित की अथवा विरासत में मिली संपत्ति को व्यक्तिगत संपत्ति पुकारा जाता है।
क्या पिता की संपत्ति में बेटियों को भी हिस्सा मिलता है?
जी हां, हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम -2005 में पिता की संपत्ति में बेटियों को भी हिस्सा दिया गया है।
हमने आपको इस पोस्ट में बताया कि यदि दादा, पिता अथवा भाई आपको पैतृक संपत्ति में हिस्सा देने से मना करे तो आप क्या उपाय कर सकते हैं। उम्मीद है कि यह पोस्ट आपको पसंद आई होगी। यदि आप अथवा आपका कोई मित्र, परिचित इस तरह की समस्या से दो चार हो रहा है तो उसके साथ यह पोस्ट शेयर करना न भूलें। धन्यवाद।
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Sir
aapki post bohat achi lagti hai or aapki har ek baat bohat ache se samjh aati hai me hamesha aapke side pe hi aake koi bhi legal jankari padhti or samjhti hu
धन्यवाद
Sir please help me me aaj bohat pareshani me hu or me umid karti hu ki aaj aap sach me meri madat karenge sir me ek hindu pariwar se hu meri umar 22 saal hai or mere mata pita ab nahi hai Bhai bhabhi hai jo ki mujhe bohat pareshan karte hai naa khane ke liye khana aaj tak pucha naa pani naa padhai likhai ke liye upar se pure gali me bolte hai ki me boyfriend ke sath ghumti hu ladko ke sath rehti hu or mujhe mere hi mata pita dwara kharidi gayi sampati se bahar kar diya gaya hai mujhe jhuta jhuta bolte hai ki me unke bache ko marti hu abhi unka 1 saal ka bacha hai bas or mujhe bolti hai meri bhabhi ki agar tum humare ghar me rahogi toh chori ka naam laga dungi ki mere gehne chura ke or aapne boyfriend ko de aayi hamara tin manjil ka ghar hai baki sab me vo kiraye dar rakh rakhi hai purane kirayedar ko sabko ulta sidha bol bol kar bhaga di or ab sabko naye naye rakhi hai har jagha se paise aate hai or gaon ki sari jameen se bhi yaha ka bhi sara ration wagera bechti hai jabki ration card meri mummy ke naam me hai or unko mare 7 saal ho gaye hai or yaha ka bhi sara rent leti hai upar se meri ijat ko bhi uchalti hai pure gali me beth kar sar me bohat jada pareshan hu mere ko koi rasta nahi samjh aata mere pass suside karne ke siwa ab lagta hai kuch bacha hi nahi hai please sir meri help karo aap meri akhri umid ho 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
यह आपका पारिवारिक मामला हैं. कोई गलत कदम उठाना ठीक नहीं है. बेहतर होगा की आप अपने करीबी रिस्तेदारो के साथ बातचीत करके इस मामले को सुलझाने की कोशिश करें। अगर आपका बातचीत से कोई भी सुलह नहीं हो रही है तो आप पुलिस का सहारा भी ले सकती है.
श्रीमान जी नमस्कार
मेरी उम्र 29 साल है, मेरी 2 बहनें हैं और हम तीनों भाई बहनों का विवाह 10 साल पहले 2012 में हुआ था। मेरे पिता को शराब पीने की आदत है जो मैं बचपन से देखता आ रहा हूं। उनको मैंने बचपन से मेरे दादा दादी और मेरी मां के साथ से मारपीट करते देखा है और हर शाम को हम उनके खाना खाकर सोने तक डरकर दुबक कर रहते थे, मेरे दादा भी शाम को उनसे छिपकर ही रहते थे। मेरे दादा हमारी शादी से छह महीने पहले ही गुजर गये थे इसलिए उनके हिस्से की जमीन मेरे पिता और मेरी दादी के नाम हो गई थी जिस पर मेरे पिता जी ने kcc भी बनवा लिया था। हमारी शादी के बाद भी वो झगड़ा करने से बाज नहीं आ रहे थे और मुझसे मेरी मां के साथ मारपीट और गाली गलौज सहन नहीं हो रहा था इसलिए एक दिन मेरे साथ भी उनका झगड़ा हो गया। इस पर उन्होंने हम सब को घर से निकाल दिया और तब से लेकर आज तक हम अलग रह रहे हैं और हमें खेतीबाड़ी वाली जमीन में भी हक नहीं दिया। हमने और अन्य रिश्तेदारों ने भी उनको मनाने की भरपूर कोशिश कर के देख ली लेकिन वो साथ में रहने को तैयार नहीं है । हमने बहुत गरीबी में रहकर परिवार को संभाला है और बड़ी मुश्किल से अच्छी हालत में आए हैं और अब मेरे पिता जी जो खेती बाड़ी की जमीन खुद ही लिए हुए हैं उसको बेचने की धमकी दे रहे हैं। क्या हम इस जमीन में अपने हिस्से की मांग कर सकते हैं या उनको बेचने से रोक सकते हैं? कृपया रिप्लाई करें
paitrik sampatti ko bechane se bhi rok skte hai aur apna hissa bhi mang sakte hai. lekin jo unki khud ki kharidi hui ho ya kamai hui sampatti ho usme kuch nhi kar sakte hai. iske liye kisi achhe vakeel se help lijiye.
श्रीमान प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद
हमारी पैतृक संपत्ति है और पिता जिंदा है और मेरी मां शौतेली है वो मुझे हिस्सा नहीं देते हैं तो इसमे मुझे कानूनी रूप से हिस्सा मिल सकता है या नहीं।
कृपया मेरी मदद कीजिए
यदि आप जी सर प्रॉपर्टी की बात कर रहे हैं वह प्रॉपर्टी आपके मां या पिता द्वारा खुद नहीं अर्जित की गई है बल्कि आपके बाबा या पर बाबा द्वारा मिली है तो पैतृक संपत्ति में आप कानूनी रूप से हिस्सेदारी ले सकते हैं । लेकिन यदि कोई प्रॉपर्टी किसी व्यक्ति द्वारा स्वयं अर्जित की गई है तो उस प्रॉपर्टी में जब तक हुआ व्यक्ति हिस्सेदारी नहीं देना चाहता है तब तक आपको कोई हिस्सेदारी नहीं ले ।
आबादी क्षेत्र में स्थित पुश्तैनी जमीन में अपना हिस्सा कैसे प्राप्त करें ।
आप बताएंगे तरीके से अपने हिस्से के लिए दावा पेश कर सकते हैं ।
Sir, muje apne father ki property me hissa chahiye toh uske liye muje procedure bataye.
सभी जानकारी आर्टिकल में दी गयी है आप दी गयी जानकारी को ध्यानपूर्वक पढ़ें।