कारण बताओ नोटिस क्या है? यह कैसे लिखा जाता है? (What is show cause notice? How it is written?) कारण बताओ नोटिस क्या है (what is show cause notice)
दोस्तों, आपको बता दें कि कारण बताओ नोटिस को अंग्रेजी में शो काॅज नोटिस (show cause notice) भी पुकारा जाता है। यह किसी भी सक्षम प्राधिकारी, संगठन अथवा कोर्ट द्वारा जारी एक आदेश होता है।
यह आदेश किसी व्यक्ति अथवा समूह को लिखित रूप में किसी गलती, कदाचार, गलत कार्य, प्रदर्शन, अनुपस्थिति, लापरवाही, समय पर कार्यालय न आने, संतोषजनक कार्य न करने आदि से संबंधित किसी घटना का कारण बताने अथवा समझाने के लिए भेजा जाता है कि क्यों न अमुक व्यक्ति अथवा समूह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
इसे आप एक उदाहरण से भी समझ सकते हैं। जैसे-मोहन एक सरकारी कार्यालय में क्लर्क है, लेकिन वह बगैर किसी सूचना के कार्यालय से गायब रहता है। ऐसे में उसके उच्च अधिकारी उसे कारण बताओ नोटिस जारी कर ऐसा करने का स्पष्टीकरण मांग सकते हैं। मोहन को एक निर्धारित अवधि में अपने सूचना दिए बगैर गायब रहने का कारण बताना होगा।
कारण बताओ नोटिस किन किन बातों के लिए जारी किया जा सकता है? (for what show cause notice is given)
दोस्तों, अब आपको जानकारी देते हैं कि मोटा-मोटी किन किन बातों के लिए कोई प्राधिकरण, कोर्ट, सरकारी अथवा निजी कार्यालय कारण बताओ नोटिस जारी कर सकता है। ये वजहें इस प्रकार से हैं-
- किसी जिम्मेदारी के निर्वहन में लापरवाही बरतने पर।
- किसी आवश्यक कार्य से अनुपस्थित पाए जाने पर।
- किसी सरकारी अथवा निजी कार्यालय में नियम-कायदों का उल्लंघन करने पर।
- किसी कार्यालय अथवा प्राधिकरण की अनुशासन प्रक्रिया का उल्लंघन करने पर।
- सरकार द्वारा जारी किसी व्यवस्था के लिए जारी प्रक्रिया के उल्लंघन पर।
- किसी सरकारी अथवा निजी उच्चाधिकारी के आदेश के उल्लंघन पर।
- दी गई जिम्मेदारी अथवा कार्य का निष्पादन संतोषजनक तरीके से न करने पर।
- इसके अतिरिक्त अन्य कई ऐसी वजहें हो सकती हैं, जिनके आधार पर किसी भी व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के समूह को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा सकता है।
कारण बताओ नोटिस कैसे जारी किया जाता है? (how show cause notice is given)
मित्रों, यह सवाल आपके मन में जरूर उठ रहा होगा कि कारण बताओ नोटिस कैसे जारी किया जाता है। तो दोस्तों, हम आपको इसकी प्रक्रिया एक उदाहरण के जरिए समझाते हैं। मान लीजिए कि सरकार (government) ने किसी कार्य के लिए कोई टेंडर (tender) निकाला है। इसके लिए सरकार ने कोई प्रक्रिया (process) निर्धारित की है, जिसका टेंडर लेने वाली कंपनी को पालन करना है।

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लेकिन यदि संबंधित कंपनी इस प्रक्रिया का पालन नहीं करती तो ऐसी स्थिति में सरकार कंपनी के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी कर सकती है। इसके पश्चात संबंधित कंपनी को नोटिस के जवाब में अपना स्पष्टीकरण पेश करना होगा। यदि सरकार उसके स्पष्टीकरण से सहमत होगी तो ठीक, अन्यथा संबंधित कंपनी का टेंडर निरस्त कर सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई के आदेश देती है।
स्पष्टीकरण क्या होता है? (what is clarification)
साथियों, उम्मीद है कि आप कारण बताओ नोटिस क्या है, यह अच्छे से समझ गए होंगे। आइए, अब आपको जानकारी दे दें कि स्पष्टीकरण से क्या तात्पर्य है।
आपको बता दें कि कारण बताओ नोटिस प्राप्त करने वाला व्यक्ति कारण बताओ नोटिस के जवाब में जब इसमें दी गई निर्धारित समयावधि के भीतर लिखित में अपना पक्ष प्रस्तुत करता है, तो इसे स्पष्टीकरण यानी clarification पुकारा जाता है। वस्तुतः कारण बताओ नोटिस के माध्यम से स्पष्टीकरण ही मांगा जाता है।
कारण बताओ नोटिस कैसे लिखा जाता है? (how show cause notice is written)
दोस्तों, अब हम आपको बताएंगे कि कारण बताओ नोटिस कैसे लिखा जाता है। यूं तो इसका कोई तय फाॅर्मेट नहीं, लेकिन आम तौर पर प्रयोग किए जाने वाले फाॅर्मेट के आधार पर हम आपको बताएंगे कि आप इसे कैसे लिख सकते हैं-
- लेटर हेड पर सर्वप्रथम आपको क्रमांक एवं दिनांक लिखना होगा।
- इसके पश्चात आपको जिसे कारण बताओ नोटिस भेजना है उसका संबोधन यानी नाम पद आदि लिखें।
- इसके पश्चात आपको विषय का उल्लेख करना होगा कि नोटिस किस लिए भेजा जा रहा है।
- इसके पश्चात आपको साफ साफ शब्दों में उस घटना, लापरवाही, गलती का ब्योरा लिखना होगा, जिसके लिए नोटिस भेजा जा रहा है।
- इसके पश्चात आपको टाइम पीरियड मेंशन (Time period mention) करना होगा। आपको बताना होगा कि इस नोटिस का स्पष्टीकरण कितने दिनों में देय है।
- इतना करने के बाद नीचे अपने हस्ताक्षर, नाम, पद एवं दिनांक उल्लिखित कर दें।
- यदि कारण बताओ नोटिस की काॅपी कई लोगों को भेजी जानी है तो बाईं ओर उन लोगों के नाम, पद एवं स्थान का उल्लेख करें।
स्पष्टीकरण पत्र प्रारूप हिंदी में – (understand from an example, how show cause notice is written)
दोस्तों, अब हम आपको उदाहरण देकर समझाएंगे कि एक कारण बताओ नोटिस कैसे लिखा जाता है। मान लीजिए कि कई सारे स्कूलों के टीचर समय से उपस्थित नहीं होते एवं सीडीईओ (cdeo) उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजते हैं तो वह यूं लिखा होगा-
कार्यालय मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी…..
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कारण बताओ नोटिस
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संस्था प्रधान,
1-जीजीआईसी….
2-जीआईसी….
3-रामावि….
विषय: अध्यापकों के विद्यालय में समय पर उपस्थित न होने के क्रम में कारण बताओ नोटिस
उपर्युक्त विषयक आपको अवगत कराना है कि दिनांक…. को आपके विद्यालय का पूरा स्टाफ समय पर उपस्थित नहीं पाया गया। इसके संबंध में दिनांक…. को लिखित में स्पष्टीकरण दें अन्यथा उच्चाधिकारियों को अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु लिखा जाएगा।
मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी…..
दिनांक….
प्रतिलिपि-
1…..
2…..
3…..
मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी…….
दिनांक…….
कारण बताओ नोटिस में कौन से तत्व होने आवश्यक हैं? (what elements are necessary in a show cause notice)
मित्रों, आपको बता दें कि कारण बताओ नोटिस किसी भी संस्था की अनुशासन प्रक्रिया का एक हिस्सा होता है। किसी भी लापरवाही की स्थिति में संगठन का मुखिया कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस जारी कर उससे स्पष्टीकरण मांग सकता है।
यह तो हम आपको बता ही चुके हैं कि स्पष्टीकरण में संबंधित कर्मचारी अपना पक्ष रख सकता है। संबंधित लापरवाही के पीछे के अपने कारण अथवा मजबूरी को गिना सकता है। यह सब एक प्रक्रिया के तहत होता है। मुख्यतः एक कारण बताओ नोटिस में निम्न तत्व आवश्यक रूप से होने चाहिए-
- कारण बताओ नोटिस में प्रस्तावित कार्रवाई का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए।
- कारण बताओ नोटिस टू-द-प्वाइंट लिखा जाए।
- कारण बताओ नोटिस जारी करते समय प्राधिकरण को अपने संवैधानिक अधिकारों के इस्तेमाल में ईमानदारी रखनी चाहिए।
- कारण बताओ नोटिस की भाषाशैली मर्यादापूर्ण होनी चाहिए।
- कारण बताओ नोटिस में स्पष्टीकरण की अवधि स्पष्ट लिखी जानी चाहिए।
कोर्ट कारण बताओ नोटिस जारी करती है तो क्या होता है?(what happens if court sent show cause notice)
दोस्तों, यदि कोर्ट की ओर से किसी को कारण बताओ नोटिस भेजा जाता है तो उस पक्ष को अथवा व्यक्ति को कोर्ट के सामने पेश होकर स्पष्टीकरण देना होता है। कोर्ट संबंधित व्यक्ति से पूछती है कि आपके खिलाफ साक्ष्य (proof) मिले हैं तो आपके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए।
ऐसे में संबंधित पक्ष को अपना जवाब कोर्ट में पेश करना होता है। यदि कोर्ट उसके जवाब से संतुष्ट दिखती है तो ठीक अन्यथा दोषी के खिलाफ कोर्ट कार्रवाई के आदेश देती हैै।
कारण बताओ नोटिस का प्रतिकूल असर पड़ता है (show cause notice makes adverse effect)
साथियों, यह तो आप जानते ही हैं कि सरकारी कार्यालयों की ही भांति निजी कार्यालयों में भी असंख्य व्यक्ति कार्य करते हैं। कार्य में लापरवाही को उनकी पदोन्नति की राह में बाधक माना जाता है।
यदि कोई व्यक्ति एक वर्ष में कई बार लापरवाही के लिए कारण बताओ नोटिस पाता है, अथवा उसे बार-बार स्पष्टीकरण देना पड़ता है तो यह माना जाता है कि संबंधित कर्मचारी कार्य करने में पूरी तरह सक्षम नहीं है। इस आधार पर उसकी क्षमता पर सवाल उठाकर उसकी पदोन्नति तक रोक ली जाती है। ऐसा कोई एक दो नहीं, बल्कि असंख्य मामलों में देखा गया है।
कारण बताओ नोटिस कितनी समयावधि के लिए जारी किया जाता है? (for what period show cause notice is given)
मित्रों, बहुत से लोगों के मन में यह प्रश्न होता है कि कारण बताओ नोटिस कितनी समयावधि के लिए जारी किया जाता है। आपको बता दें कि इसके लिए कोई निश्चित समयावधि नहीं होती, लेकिन अधिकांशतः कारण बताओ नोटिस के जरिए तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा जाता है।
वैसे यह अवधि अलग अलग संस्थान अपने यहां के नियम कानूनों के अनुसार अलग-अलग निर्धारित करते हैं। एवं कारण बताओ नोटिस में इसका साफ साफ उल्लेख भी किया जाता है।
यदि कोई व्यक्ति कारण बताओ नोटिस का उत्तर नहीं देता तो क्या होता है? (if a person does not answer show cause notice, what happens)
बहुत से लोग जानना चाहते हैं कि यदि कोई व्यक्ति कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं देता तो क्या होगा? तो दोस्तों, आपको स्पष्ट कर दें कि यदि कोई व्यक्ति कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं देता तो यह मान लिया जाता है कि उसे अपने पक्ष में कुछ नहीं कहना है।
ऐसे में उसके खिलाफ वही कार्यवाही की जाती है तो संबंधित नियम, कानून के उल्लंघन अथवा जिम्मेदारी के सही निर्वहन न करने अथवा लापरवाही की स्थिति में दोषी के लिए तय की गई होती है।
पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव को कारण बताओ नोटिस चर्चा में रहा
साथियों, आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव एवं पश्चिम बंगाल कैडर के 1987 बैच के आईएएस अलपन बंधोपाध्याय को कारण बताओ नोटिस चर्चा में रहा है। उन्हें यह नोटिस आपदा प्रबंधन एक्ट-2005 के तहत 31 मई, 2021 को तब भेजा गया, जब उनके रिटायर होने में कुछ ही घंटे शेष रह गए थे।
उन्होंने तीन माह के कार्यकाल का विस्तार केंद्र एवं राज्य सरकार की ओर से मंजूर होने के बावजूद इससे इन्कार कर दिया। उन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से कारण बताओ नोटिस भेजा गया। इसमें उनके केंद्र सरकार के आदेश का पालन न करने पर आपदा प्रबंधन एक्ट की धारा 51- बी के उल्लंघन का दोषी माना गया। उनसे तीन दिन के भीतर नोटिस का जवाब मांगा गया।
आपको बता दें कि बंदोपाध्याय 60 वर्ष की उम्र पूरी करने के पश्चात रिटायर होने वाले थे, किंतु केंद्र ने कोविड-19 महामारी के प्रबंधन में उनका काम देखते हुए पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव के रूप में उन्हें तीन माह का कार्य विस्तार दिया। इसके पश्चात केंद्र ने अकस्मात रूप से 28 मई, 2021 को उनकी सेवाएं मांग लीं एवं राज्य सरकार से उन्हें तत्काल कार्यमुक्त करने को कहा।
लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर एवं बंधोपाध्याय को रिटायर होने की अनुमति देने के पश्चात तीन साल के लिए अपना मुख्य सलाहकार नियुक्त कर लिया।
पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी आलोचना पर कारण बताओ नोटिस
मित्रों, आपको यह भी जानकारी दे दें कि हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी आलोचना पर कारण बताओ नोटिस चर्चा में रहा है। महज दो ही दिन पूर्व का मामला है और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से जुड़ा है।
उनकी अपनी ही पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने नेशनल असेंबली (national assembly) के सदस्य नूर आलम खान को कारण बताओ नोटिस जारी किया। दरअसल, नूर आलम खान ने इमरान सरकार की तीखी आलोचना की थी। जिसके बाद उन्हें यह नोटिस जारी करके उनसे पूछा गया है कि उन्होंने ऐसा क्यों किया है।
क्या कारण बताओ नोटिस सजा है? (show cause notice is not a punishment, but a pre-process)
मित्रों, कई लोग कारण बताओ नोटिस मिल जाने को भी एक सजा की तरह से ट्रीट करते हैं, जबकि ऐसा नहीं है। आपको स्पष्ट कर दें कि यह कोई सजा नहीं, बल्कि इससे पूर्व की प्रक्रिया है। कारण बताओ नोटिस मूल रूप से किसी भी व्यक्ति से उसकी लापरवाही अथवा किसी ऐसी घटना का कारण तलब करने की प्रक्रिया है, जिसके जवाब में उसे अपना पक्ष रखने का मौका मिलता है।
वह बता सकता है कि उसने संबंधित कार्य किसी दबाव में किया है, अथवा गलती किसी और की थी। यह उसके बचाव का भी तरीका हो सकता है। यदि संबंधित अधिकरण, प्राधिकरण, कोर्ट अथवा कोई संगठन उसके जवाब से संतुष्ट है तो ठीक अन्यथा कारण बताओ नोटिस के पश्चात संबंधित व्यक्ति पर कार्रवाई की जा सकती है। उसे निर्धारित प्रक्रिया के उल्लंघन के लिए तय की गई सजा भी दी जा सकती है।
कारण बताओ नोटिस क्या होता है?
यह किसी संगठन सक्षम प्राधिकारी, संगठन अथवा कोर्ट द्वरा जारी एक आदेश होता है। यह आदेश किसी व्यक्ति अथवा समूह को लिखित रूप में किसी लापरवाही, समय पर कार्यालय न आने, संतोषजनक कार्य न करने आदि के संबंध में भेजा जाता है कि क्यों न अमुक व्यक्ति अथवा समूह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
स्पष्टीकरण क्या होता है?
कारण बताओ नोटिस प्राप्तकर्ता जब निर्धारित समयावधि के भीतर इस नोटिस पर अपना पक्ष रखता है, इसका जवाब देता है, तो उसे स्पष्टीकरण कहा जाता है।
कारण बताओ नोटिस की समयावधि कितनी होती है?
इसकी कोई स्पष्ट निर्धारित अवधि नहीं होती, लेकिन विभिन्न संगठनों में इसके जरिए तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा जाता हैं।
यदि कोर्ट किसी व्यक्ति के स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं तो क्या होगा?
यदि कोर्ट किसी व्यक्ति के स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं तो वह उसके खिलाफ कार्रवाई के आदेश देगी।
यदि कोई व्यक्ति कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं देता तो क्या होगा?
यदि कोई व्यक्ति कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं देता तो माना जाता है कि उसे अपनी सफाई में कुछ नहीं कहना है, उसके खिलाफ कार्रवाई तजवीज की जाती है।
दोस्तों, हमने आपको कारण बताओ नोटिस के संबंध में आवश्यक जानकारी दी। हमें पूरी उम्मीद है कि यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी एवं इसने आपका ज्ञानवर्धन किया होगा। पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया हम तक पहुंचाना न भूलें, इसके लिए आपको नीचे दिए गए कमेंट बाक्स में कमेंट करना होगा। ।।धन्यवाद।।
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