Single Use Plastic Ban: सिंगल यूज प्लास्टिक कौन कौन सी है? इसके इस्तेमाल पर कितना जुर्माना लगेगा?

|| सिंगल यूज प्लास्टिक कौन कौन सी है? इसके इस्तेमाल पर कितना जुर्माना लगेगा? Which types of single-use plastic are there? How many penalties will be imposed on the use of it? सिंगल यूज प्लास्टिक कौन कौन सी है, जिस पर सरकार ने बैन लगाया है? ||

इन दिनों घर हो अथवा बाजार चारों ओर प्लास्टिक का साम्राज्य देखने को मिलता है। कोई भोज हो अथवा खरीदारी का मौका, हर हाथ में प्लास्टिक की प्लेट, कप, चम्मच या प्लास्टिक बैग नजर आते हैं। लेकिन अब यह बीते जमाने की बात हो जाएगा।

क्योंकि केंद्र सरकार ने देश में सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। सिंगल यूज प्लास्टिक कौन कौन सी है? इसके इस्तेमाल पर कितना जुर्माना लगेगा? जैसे कई बिंदुओं पर आज हम आपको इस पोस्ट में जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं-

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सिंगल यूज प्लास्टिक क्या है? (What is single use plastic?)

दोस्तों, आइए सबसे पहले जान लेते हैं कि आखिर सिंगल यूज प्लास्टिक क्या है (what is single use plastic), जिसके इस्तेमाल को लेकर सरकार बेहद चिंतित है वह इस पर बैन जैसा कदम उठाया है। मित्रों, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है सिंगल यूज प्लास्टिक को केवल एक बार ही इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके पश्चात इसे फेंक दिया जाता है। यह न तो डिकंपोज (decompose) होती है, न ही इसे जलाया जा सकता है। यही असल चिंता की वजह है।

Single Use Plastic Ban: सिंगल यूज प्लास्टिक कौन कौन सी है? इसके इस्तेमाल पर कितना जुर्माना लगेगा?

सिंगल यूज प्लास्टिक पर कब से बैन लगाया गया है? (From when single use plastic is ban?)

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से 1 जुलाई, 2023 को सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादन, आयात, भंडारण, बिक्री एवं इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। ऐसा पर्यावरण संरक्षण अधिनियम (environment protection act) के अंतर्गत किया गया है।

इस संबंध में बीते साल ही प्रस्ताव पारित हो चुका था। सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक के साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक के जब्तीकरण एवं जुर्माना की कार्रवाई स्थानीय निकायों द्वारा आरंभ कर दी गई है।

सिंगल यूज प्लास्टिक कौन कौन सी है, जिस पर सरकार ने बैन लगाया है? (Government has banned which 19 items made of single use plastic?)

मित्रों, आइए अब आपको जानकारी देते हैं कि सरकार ने सिंगल प्लास्टिक से बनी किन चीजों पर बैन लगाया है? ये इस प्रकार से हैं-

1. स्टिक वाले ईयर बड्स।
2. गुब्बारों की प्लास्टिक स्टिक।
3. प्लास्टिक के झंडे।
4. कैंडी स्टिक।
5. आइसक्रीम स्टिक।
6. थर्माकोल से बनी सामग्री।
7. प्लास्टिक की प्लेट।
8. प्लास्टिक के बने कप।
9. प्लास्टिक निर्मित गिलास।
10. प्लास्टिक फोर्क (कांटेदार चम्मच)।
11. प्लास्टिक के चम्मच।
12. प्लास्टिक चाकू।
13. प्लास्टिक स्ट्रॉ।
14. प्लास्टिक ट्रे।
15. मिठाई के डिब्बों को रैप अथवा पैक करने वाली प्लास्टिक फिल्म।
16. इन्विटेशन कार्ड।
17. सिगरेट के पैकेट।
18. 100 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक अथवा पीवीसी बैनर।
19. स्टिकर।

सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक को केंद्र सरकार ने क्या निर्देश दिए हैं? (What instructions has been given by central government to stop the use of single use plastic?)

मित्रों, आपको बता दें कि सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी 19 चीजों पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा सख्त गाइडलाइंस (strict guidelines) जारी की गई हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक के सभी निर्माताओं (manufacturers), स्टॉक रखने वाले (stockists), सप्लायर (suppliers) और डिस्ट्रीब्यूटर्स (distributors) को जुलाई के पहले हफ्ते तक इन 19 चीजों पर पूरी तरह से रोक लगाने को स्पष्ट कहा गया है।

चेताया गया है कि यदि जुलाई के पहले हफ्ते के बाद तक उनके यहां सिंगल यूज प्लास्टिक की इन चीजों पर पूरी तरह रोक नहीं लगती तो संबंधित संस्थानों को बंद कर दिया जाएगा। यदि कोई भी प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल करते हुए गया तो उस पर जुर्माने के साथ ही सजा का प्रावधान किया गया है।

सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर कितना जुर्माना लगेगा? (How much penalty will be imposed if someone uses single use plastic?)

मित्रों, अब बात करते हैं जुर्माने की। आपको बता दें कि नई व्यवस्था के तहत जुर्माना इस प्रकार वसूला जाएगा-

  • * यदि किसी के घर से सिंगल यूज प्लास्टिक का कचरा निकलता है, तो उस पर 500 रुपए का जुर्माना लगेगा।
  • * यदि कोई संस्थान अथवा कंपनी प्लास्टिक कचरा फैलाती पाई जाती है तो उससे 5 हजार रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा।
  • * यदि कोई सरकार द्वारा प्रतिबंधित किए गए 19 आइटम्स का अब इस्तेमाल करता है, तो उसे पर्यावरण संरक्षण अधिनियम की धारा 15 के तहत जुर्माना अथवा जेल अथवा दोनों सजा साथ हो सकती हैं। आपको बता दें दोस्तों कि धारा 15 के तहत 7 साल तक की कैद और 1 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल करने वालों से जुर्माना कौन वसूलेगा? (Who will recover fine if someone uses single use plastic?)

मित्रों, अब बात आती है कि सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल करने वालों से जुर्माना कौन वसूलेगा? तो आपको जानकारी दे दें कि जुर्माना वसूलने का कार्य राजधानी में राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (pollution control board) एवं पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (pollution control committee) करेगी।

वहीं, स्थानीय स्तर पर लोकल बॉडीज (local bodies) यानी नगर निगम, नगर पालिका आदि उन थोक विक्रेताओं (whole sallers), फुटकर विक्रेताओं (retailers) एवं अन्य लोगों से जुर्माना वसूलेगी, जो सिंगल यूज प्लास्टिक (single use plastic) का इस्तेमाल कर रहे हैं।

प्लास्टिक को पर्यावरण एवं मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए ख़तरनाक क्यों माना जा रहा है? (Why plastic is supposed to be dangerous for environment and health of people?)

साथियों, पर्यावरण विशेषज्ञ एवं वैज्ञानिक लगातार चेता रहे हैं कि प्लास्टिक पर्यावरण के साथ ही साथ मानव स्वास्थ्य के लिए भी बेहद हानिकारक है। इसकी बड़ी वजह यह है कि सिंगल यूज प्लास्टिक न तो डिकंपोज (decompose) होती है और न ही इसे जलाया जा सकता है।

इस प्लास्टिक के टुकड़े पर्यावरण (environment) में जहरीले रसायन (toxic chemicals) छोड़ते हैं। जो इंसानों और जानवरों, पेड़ पौधों आदि के लिए खतरनाक होते हैं। उन्हें सांस एवं कैंसर के रोगों के साथ ही कई अन्य बीमारियां हो जाती हैं।

इसके अतिरिक्त आपको बता दें दोस्तों कि, सिंगल यूज प्लास्टिक का कचरा बारिश के पानी को जमीन के नीचे जाने से रोकता है, जिससे भूगर्भीय जल के स्तर यानी ग्राउंड वॉटर लेवल (ground water level) में कमी आ जाती है। यह बड़ी चिंता इसलिए भी है, क्योंकि यह कहा जाता है कि तीसरा विश्व युद्ध यदि हुआ तो वह पानी के लिए होगा।

भारत में प्रतिदिन कितना प्लास्टिक कचरा निकलता है?(how much plastic waste is generated per day in india?)

मित्रों, आपको बता दें कि हमारे देश भारत में प्रतिदिन 26 हजार टन प्लास्टिक कचरा (plastic waste) निकलता है। यह केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (central pollution control board) यानी सीपीसीबी (CPCB) की एक सर्वे रिपोर्ट (survey report) का आंकलन है। रिपोर्ट यह भी बताती है कि इसमें से महज 60% प्लास्टिक कचरे को ही एकत्र किया जाता है।

बाकी कचरा नदी-नालों में पड़ा रहता है। यदि प्रतिवर्ष का आंकलन करें तो भारत में 2.4 लाख टन सिंगल यूज प्लास्टिक निर्मित होता है। एक अन्य रिपोर्ट बताती है कि एक भारतीय हर साल 11 किलो प्लास्टिक का इस्तेमाल करता है। यहां तक कि गंगा नदी (Ganga river) में बहकर बड़े पैमाने पर कचरा महासागर तक पहुंचता है।

यह जानकर किसी को हैरत नहीं होनी चाहिए कि सबसे ज्यादा प्लास्टिक कचरा समंदर तक फैलाने में गंगा नदी दूसरे स्थान पर है। यह तो आप जानते ही हैं कि प्लास्टिक से बने आधे से ज्यादा प्रोडक्ट सिंगल यूज के लिए बने होते हैं। चाहे वह प्लास्टिक बैग हो अथवा प्लास्टिक बोतल। यही वजह है कि धरती पर लगातार प्लास्टिक कचरे का बोझ बढ़ता जा रहा है।

प्लास्टिक के बढ़ते बोझ से चिंतित संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations organization) ने भी एक अनुमान लगाया है। इसके अनुसार समुद्र में करीब 20 करोड़ टन प्लास्टिक कचरा जा चुका है। करीब 18 वर्ष पश्चात यानी सन् 2040 तक प्रत्येक वर्ष 3.7 करोड़ टन तक कचरा समुद्र में जाने का कयास लगाया जा रहा है। विशेषज्ञ तो यहां तक मानते हैं कि जिस तेजी से समुद्र में प्लास्टिक कचरा फैल रहा है, ऐसे में सन् 2050 तक समुद्र में मछलियों से अधिक प्लास्टिक दिखेगी।

क्या सिंगल यूज प्लास्टिक का कोई विकल्प है? (Is there any option of single use plastic?)

साथियों, केंद्र सरकार ने केवल सिंगल यूज प्लास्टिक के 19 आइटम्स पर प्रतिबंध ही नहीं लगाया है, बल्कि सिंगल यूज प्लास्टिक के विकल्प के बारे में भी बताया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार ये विकल्प इस प्रकार से हैं-

  • * प्लास्टिक बैग (plastic bag) की बजाय कॉटन बैग (cotton bag) का इस्तेमाल करें।
  • * प्लास्टिक से बनी चम्मच की जगह बैंबू स्टिक (bamboo stick) का इस्तेमाल करें।
  • * प्लास्टिक कप (plastic cup) की बजाय कुल्हड़ का इस्तेमाल करें।
  • इसके अतिरिक्त भी सिंगल यूज प्लास्टिक के स्थान पर इस्तेमाल के कई विकल्प हैं।

सिंगल यूज प्लास्टिक क्या है?

सिंगल यूज प्लास्टिक को केवल एक ही बार इस्तेमाल किया जा सकता है।

सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर कब से बैन लगाया है?

केंद्र सरकार ने 1 जुलाई, 2023 से सिंगल यूज प्लास्टिक के 19 आगटम्स को बनाने, बेचने एवं इस्तेमाल पर बैन लगाया है।

सिंगल यूज प्लास्टिक को हानिकारक क्यों माना जाता है?

इसे न तो डिकंपोज किया जा सकता है और न ही जलाया जा सकता है। लिहाजा, इसे हानिकारक माना जाता है

सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक की जिम्मेदारी किसकी है?

सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक की जिम्मेदारी राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ ही स्थानीय निकायों पर है।

सिंगल यूज प्लास्टिक के क्या विकल्प हैं?

इन विकल्पों की जानकारी हमने आपको ऊपर पोस्ट में दी है। आप वहां से पढ़ सकते हैं।

मित्रों, हमने आपको इस पोस्ट (post) में सिंगल यूज प्लास्टिक कौन कौन सी है? सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर कितना जुर्माना लगेगा? आदि बिंदुओं पर विस्तार से जानकारी दी। उम्मीद है कि यह पोस्ट आपको पसंद आई होगी। यदि इस पोस्ट को लेकर आपका कोई सवाल है तो उसे आप हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके पूछ सकते हैं। ।।धन्यवाद।।

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प्रवेश कुमारी

मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।

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