भारतीय यातायात नियम 2023 | Traffic Rules In Hindi

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जब भी हम घर से बाहर निकलते हैं और सड़क पर चलते हैं या कोई वाहन दौड़ते हैं तब हमें वहां के नियम मानने (Traffic ke niyam in Hindi) पड़ते हैं। इन्हें ही ट्रैफिक रूल्स या यातायात के नियम कहा जाता हैं। यदि हम इनका पालन (Yatayat ke niyam) नही करेंगे तो हमारे ऊपर भारतीय यातायात नियम के अंतर्गत कठोर कार्यवाही हो सकती हैं।

ऐसे में यदि आप भी भारतीय यातायत नियमों के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो आज हम आपको इस लेख के माध्यम से भारतीय यातायात नियमों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। साथ ही उन नियमों के उल्लंघन करने पर आपको क्या क्या सजा हो सकती हैं (Yatayat niyam in Hindi), इसके बारे में भी विस्तार से जानकारी दी जाएगी। आइए जाने भारतीय यातायात के नियम।

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भारतीय यातायात नियम हिंदी में (Indian traffic rules in Hindi)

यदि आप भर्तोया यातायात नियम के बारे में विस्तार से जानने को इच्छुक हैं तो सबसे पहले आपको यह जानना आवश्यक हैं कि आखिरकार यह नियम होते क्या हैं और इन्हें बनाया क्यों जाता हैं। जब आप इन्हें अच्छे से जान जाएंगे तभी आपको पता चलेगा कि (Traffic rules in Hindi) आखिर क्यों इन नियमों को बनाकर और उनका पालन नही करने पर एक दंड का प्रावधान किया गया हैं। इसलिए आइए जाने कि भारतीय यातायात नियम होते क्या हैं।

भारतीय यातायात नियम 2023 | Traffic Rules In Hindi

यातायात नियम क्या होते हैं (Traffic rules kya hai)

एक समय में आज के आधुनिक वाहन नही होते थे और व्यक्तियों को यदि एक जगह से दूरी जगह जाना होता था तब वह या तो प्दिदल या पशुओं के द्वारा चलने वाले वाहनों का प्रयोग करता था। वह वाहन ना तो ज्यादा तेज चल सकते थे और ना ही उनमे टक्कर होने की संभावना (Yatayat niyam kya hai) रहती थी। ऐसे में जान माल की हानि ना के बराबर होती थी।

किंतु समय के साथ मनुष्य ने तरक्की की और साइकिल से लेकर मोटर साइकिल, कार से लेकर रेलगाड़ी तक का सफर तय किया। इनकी गति भी तेज (Traffic ke niyam hindi mein) हुई और मनुष्य एक स्थान से दूसरे स्थान पर बहुत ही तेज गति से पहुंचने लगा। लेकिन कहते हैं ना कि हर अच्छी चीज़ अपने साथ कुछ दुष्प्रभाव भी लेकर आती हैं या फिर किसी भी चीज़ को लाने के बाद उसके लिए एक नियम होते हैं।

उदाहरण के तौर पर हम जब भी कोई नया उत्पाद खरीदते हैं तो उसको इस्तेमाल करने के लिए एक दिशा निर्देश लिखे होते हैं। यदि हम उन दिशा निर्देशों (Traffic law kya hai) का पालन नही करेंगे तो वह उत्पाद सही से काम नही करेगा, या जल्दी ख़राब हो जाएगा या फिर हमारे साथ ही कोई दुर्घटना घटित हो जाएगी।

ठीक इसी प्रकार सड़क पर वाहन चलाने के लिए नियमों को बनाया गया जिनका पालन करना हर उस व्यक्ति का कर्तव्य हिता है जो उस सड़क पर वाहन दौड़ा रहा हैं। इन्हीं नियमो (Yatayat niyam par nibandh) को यातायात के नियम कहकर संबोधित किया गया। एक तरह से सड़क पर वाहन चलाने या चलने से संबंधित हर नियम यातायात के नियमों के अंतर्गत आता हैं।

यातायात नियम किन पर लागू होते हैं

अब आपका अगला प्रश्न होगा कि क्या यह यातायात के नियम हर उस व्यक्ति पर लागू होते हैं जो किसी ना किसी तरह का वाहन चला रहा हैं। फिर चाहे वह रेलगाड़ी या हवाई जहाज ही क्यों ना हो। यदि आप यातायात के नियमों को किसी भी वाहन के चलाने से संबंध के तौर पर देख रहे हैं तो आप सर्वथा गलत हैं।

दरअसल यातायात के नियम किसी वाहन इत्यादि से संबंधित ना होकर सड़क से संबंधित होते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि कोई व्यक्ति सड़क पर पैदल भी चल रहा हैं तो उस पर यातायात के नियम लागू होंगे। ऐसे में कोई पटरी पर रेलगाड़ी चला रहा हैं या हवा में हवाई जहाज उदा रहा हैं या फिर पानी में नाव चला रहा हैं तो उनके लिए अलग तरह के नियम निर्धारित होते हैं।

ऐसे में सड़क पर चलने वाला हर वाहन व व्यक्ति यातायात के नियमों के अंतर्गत आता है। इनमे जो लोग आते हैं, वे हैं:

  • पैदल चलने वाले व्यक्ति।
  • साइकिल चलाने वाले।
  • दुपहिया वाहन चलाने वाले जैसे कि स्कूटी, बाइक, स्कूटर इत्यादि।
  • तीन पहिया वाहन चलाने वाले जैसे कि ऑटो रिक्शा, सामान्य रिक्शा, इलेक्ट्रॉनिक रिक्शा इत्यादि।
  • चार पहिया वाहन जैसे कि कार, जीप, बस, ट्रक, वैन इत्यादि।

इस तरह जो भी व्यक्ति सड़क पर किसी भी तरह का वाहन चला रहा हैं या फिर स्वयं चल रहा हैं तो उस पर यातायात नियम लागू होते हैं और उनका पालन (Traffic ke niyam) करना उसका दायित्व हैं।

यातायात नियम क्यों हैं जरुरी (Traffic rules importance in Hindi)

अब हम बात करेंगे कि आखिरकार यह यातायात नियम जरुरी क्यों होते हैं। दरअसल जब भी किसी चीज़ को लेकर नियम बनाए जाते हैं तो वे ना केवल आपके लिए बल्कि सभी के लिए बनाए जाते हैं। अर्थात उन नियमों का पालन करना केवल आपका ही दायित्व होता हैं जबकि हर वह व्यक्ति जो उस सड़क पर वाहन चला रहा हैं, उसका पालन करता हैं।

ऐसे में आपके मन में यह प्रश्न उठेगा कि अब यह आप पर निर्भर करता हैं कि आप कैसे चलेंगे या कैसे अपना वाहन चलाएंगे, कोई ओर इसके लिए नियम कैसे बना सकता हैं। तो इसका हम आपको दो तर्कों के आधार पर देंगे ताकि आप इसको विस्तार से समझ सके कि आखिरकार ट्रैफिक रूल्स क्यों आवश्यक होते हैं।

पहले तर्क के अनुसार की वाहन अवश्य ही आपका होगा और आप चाहे तो उसको तोड़े, जलाए या उसको आग लगा दे, इससे किसी को कोई अंतर नही पड़ता और ना ही यातायात का कोई नियम उस पर लागू होता है। लेकिन यदि आप वही वाहनलेकर सड़क पर निकलेंगे तो वह आपकी संपत्ति ना होकर सार्वजनिक संपत्ति हैं। ऐसे में सार्वजनिक तौर पर यदि आप यात्रा करेंगे या चलेंगे तो आपको सरकार के द्वारा नियमों का पालन करना होगा।

वही यदि आपका घर बहुत बड़ा हैं, या आप किसी जमीन या खेत, मैदान इत्यादि के मेल हैं तो आप अपनी उस जगह पर कैसे भी वाहन चलाये, कैसे भी उसे दौडाए, आप पर यातायात नियम लागू नही होंगे। लेकिन जैसे ही आप उसे सार्वजनिक संपत्ति अर्थात सड़क पर लेकर आ जाएंगे तो आपको उन नियमों का पालन करना होगा।

दूसरा तर्क हैं कि यातायात के नियम ना केवल हमारी सुरक्षा के लिए बनाए जातवे हैं बल्कि यह सभी की सुरक्षा के लिए होते हैं। ऐसे में यदि आप यातायात नियमों की अनदेखी कर उनका पालन सही से नही करेंगे तो ना केवल आप अपने जीवन को बल्कि दूसरों के जीवन को भी संकट में डाल देंगे। ऐसी स्थिति में यातायात नियम बहुत आवश्यक हो जाते हैं जिनका पालन करना हर व्यक्ति का उत्तर्दातित्व होता हैं।

यातायात नियमों की अनदेखी पर दंड (Traffic rules fine in India)

इसके साथ ही आपका यह जानना भी आवश्यक हैं कि यातायात के नियम केवल यूँ ही नही बनाए गए हैं। अर्थात यह आप पर नही छोड़ दिया गया हैं या यह केवल एक दिशा निर्देश ही नही हैं कि आप्कोया पालन करना हैं तो कीजिए अन्यथा छोड़ दीजिए। कहने का अर्थ यह हुआ कि यह केवल आपको सूचित करने या अलर्ट करने के उद्देश्य से ही नही बनाये गए हैं।

यातायात नियम अर्थात संविधान के अनुसार कानून। यदि किसी भी यातायात नियम की अनदेखी या अवहेलना की जाती हैं या उनका पालन नही किया जाता हैं तो संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध भारतीय यातायात नियम के अंतर्गत कार्यवाही भी की जा सकती हैं।

इसके अनुसार उस व्यक्ति पर जुर्माना या कारावास या दोनों दंड देने का प्रावधान हैं। साथ ही यदि इन नियमों की अनदेखी करने पर किसी अन्य व्यक्ति के जीवन पर संकट आता हैं या वह घायल हो जाता हैं या उसकी मृत्यु हो जाती हैं तो उक्त व्यक्ति पर ना केवल भारतीय यातायात नियम बल्कि अन्य धाराओं में भी केस होता हैं।

यातायात नियमों का पालन कौन करवाता हैं (Traffic police rules in Hindi)

अब आपका अगला प्रश्न होगा कि आखिरकार इन ट्रैफिक रूल्स या यातायात के नियमों का पालन कौन करवाता हैं। क्या यह काम पुलिस का हैं या सरकारी अधिकारी का या किसी अन्य संस्था का। दरअसल जिस तरह हमारे देश की सीमाओं की रक्षा सेना करती हैं, भारतीय संविधान का पालन पुलिस करवाती हैं, ठीक उसी तरह यातायात के नियमों का पालन एक अलग तरह की पुलिस करवाती हैं जिसको हम ट्रैफिक पुलिस या यातायात पुलिस कह सकते हैं।

ट्रैफिक पुलिस की वर्दी का रंग सफेद होता हैं या यह आपको चौराहों, बड़ी या चौड़ी सडकों, हाईवे, पुल, इत्यादि कहीं भी खड़ी मिल सकती हैं। यदि कोई व्यक्ति सड़क पर वाहन चलते समय यातायात के नियमों की अनदेखी करते हुए पाया जाता हैं तो ट्रैफिक पुलिस को पूरा (Traffic police kise kahate hain) अधिकार हैं कि वह उस जुर्म के लिए उसे उचित दंड दे।

भारतीय यातायात के नियम (Traffic rules in Hindi)

अब जब आपने यह जान लिया हैं कि यातायात न्कियम क्यों बनाए जाते हैं व इनका पालन करना क्यों आवश्यक होता हैं तो आपको यह भी जानना होगा कि आखिरकार यह यातायात नियम कौन कौन से हैं। इनको जानकर आप यह पता कर सकते हैं कि आखिरकार किस वाहन के चलाने पर क्या नियम हैं और इनकी अनदेखी करने पर किस तरह का जुर्माना हो सकता हैं।

दरअसल हर तरह का वाहन चलाने के अलग अलग नियम निर्धारित हैं। साथ ही सभी के लिए कुछ सामान्य यातायात नियम भी हैं जो हर किसी के लिए अनिवार्य हैं। हालाँकि इन नियमों में पैदल चलने वाले या मोटर वाहन नही चलाने वाले नही आते हैं। उनके लिए कुछ सामान्य दिशा निर्देश होते हैं जिनका पालन करना आवश्यक होता हैं। आइए एक एक करके सभी के बारे में जाने।

पैदल चलने वालों के लिए यातायात नियम (Traffic rules for pedestrians in India)

वैसे तो यदि आप सड़क पर पैदल चल रहे हैं या दौड़ रहे हैं तो आपको भारतीय यातायात के नियमों के अनुसार किसी प्रकार का दंड या जुर्माना नही लगाया जा सकता हैं। फिर भी आपकी सुरक्षा के लिए कुछ निर्देश दिए गए हैं जिनका पालन करना किसी भी पैदल चलने वाले व्यक्ति के लिए अनिवार्य नही हैं। हालाँकि यदि वह इन नियमो का पालन करेगा तो उसकी सुरक्षा के (Traffic rules for walking in India) लिए सही रहेगा।

  • कभी भी सड़क के बीच में गलत रास्ते पर ना चले। हमेशा पैदल चलने वालों के लिए बनाए गए फुटपाथ पर ही चले।
  • सड़क पर चलते समय कानो में इअर फोन या हेड फोन ना लगाए क्योंकि इससे अपने पीछे आ रहे वाहन की आवाज नही आती और ना ही उनका हॉर्न सुनाई देता है।
  • सड़क पार करते समय हमेशा अपने दाई ओर और बाई ओर देख ले। साथ ही यदि पैदल चलने वालों के लिए सड़क पार करने का रास्ता बना रखा हैं तो उसका ही उपयोग करें।
  • यदि किसी सड़क को क्रॉस करने के लिए कोई पुल या ब्रिज की व्यवस्था हैं तो उसका उपयोग करें।
  • पैदल चलते समय नीचे ना देखे और ना ही कुछ पढ़ें। अपना ध्यान हमेशा सामने चलने की दिशा में रखें।

उसके अलावा भी पैदल चलने वाले लोगों को अपनी सुरक्षा की दृष्टि से हर नियम का पालन करना चाहिए ताकि उसकी किसी वाहन से टक्कर ना हो जाए या कोई उसकी वजह से चोटिल ना हो।

साइकिल चलाने वालों के लिए यातायात के नियम (Traffic rules for cycle in India)

यदि आप सड़क पर साइकिल या ऐसा कोई वाहन चला रहे हैं जो मोटर से नही चलता हैं तो भी आपको कुकबातों का ध्यान रखने की आवश्यकता हैं। इसके लिए भी आपके ऊपर जुर्माना या दंड तो नही लगता हैं लेकिन फिर भी आपको अपनी व बाकियों की सुरक्षा के लिए कुछ नियमों का पालन हर हाल में करना चाहिए।

  • हर हाल में साइकिल चलाने वाले मार्ग पर ही चले। यदि उस सड़क पर अलग से साइकिल चलाने के लिए मार्ग दिया हुआ हैं तो उस पर ही चले और सड़क के बीच में ना आये।
  • यदि किसी सड़क पर साइकिल चलाने के लिए अलग से मार्ग नही दिया हुआ हैं तो यह सुनिश्चित करें कि आप सड़क की साइड में ही अपनी साइकिल चलाये। ना कि सड़क के बीच में या किसी ओर साइड। दरअसल साइकिल अन्य मोटर वाहनों की अपेक्षा धीरे चलती हैं, इसलिए उसे सड़क पर चलते समय साइड में रखना चाहिए।
  • ट्रैफिक लाइट पार करते समय हमेशा लाल, हरी व पीली बत्ती का ध्यान रखें। हालाँकि इसका उल्लंघन करने पर आपके ऊपर कोई दंड तो नही लगेगा लेकिन फिर भी आपकी किसी वाहन से टक्कर हो सकती हैं या फिर आपकी सड़क पर किसी से लड़ाई भी हो सकती हैं। ऐसे में ट्रैफिक नियमों का पालन करना आपका भी कर्तव्य हैं।
  • रेल फाटक बंद होने पर उसे नीचे से क्रॉस कर पार करने का प्रयास ना करें। दरअसल रेलगाड़ी की गति आम वाहनों की तुलना में बहुत अधिक होती हैं और वह देखते ही देखते एकदम हमारे नजदीक आ सकती हैं। इसलिए रेल फाटक खुलने की प्रतीक्षा करें और उसके बाद ही उसे पार करें।
  • साइकिल चलते समय भी ड्रिंक एंड ड्राइव ना करें। यदि आप पीकर साइकिल चलाएंगे तो आप पर जुर्माना तो नही लगेगा लेकिन इससे दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाएगी। इससे अच्छा होगा कि आप साइकिल से उतर कर पैदल ही उसे अपने घर ले जाए।
  • साइकिल चलते समय भी कानों में हेड फोन या कोई अन्य यंत्र ना लगाए। यदि आप इसे लगाते भी हैं तो इसकी आवाज को इतना धीमे रखे कि आपको पीछे के हॉर्न इत्यादि आराम से सुन जाए।
  • साइकिल चलते समय अपने मोबाइल का इस्तेमाल ना करें और ही कुछ पढ़ें इत्यादि। हमेशा सामने की ओर देखकर अपनी साइकिल चलाये।

इसी के साथ किसी भी साइकिल चालक को अपनी सुरक्षा की दृष्टि से सभी ट्रैफिक रूल्स का पालन करना चाहिए जो अन्य दुपहिया मोटर वाहन के लिए बनाए गए हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि साइकिल भी वैसे ही चलती हैं जैसे मोटर वाहन चलता हैं, बस साइकिल की स्पीड अपेक्षाकृत कम होती हैं।

मोटर वाहन के लिए भारतीय यातायात नियम (Traffic rules for motor vehicles)

अब बात करते हैं असली भारतीय यातायात नियमो की। दरअसल अभी तक जो आपने यातायात के नियम पढ़ें वे केवल पैदल चलने वालों या साइकिल वालों के लिए हैं। इनका पालन नही करने पर किसी तरह का दंड नही दिया जा सकता हैं। यह बस उनकी सुरक्षा की दृष्टि से उन्हें दी गयी सलाह होती हैं।

अब जिन नियमों की हम बात करेंगे उनका पालन नही करने पर भारतीय यातायात नियम के अंतर्गत अलग अलग दंड का प्रावधान हैं। साथ ही इनका पालन करना हर मोटर वाहन वाले के लिए फिर चाहे वह दुपहिया वाहन चला रहा हो या चार पहिया वाहन, हर किसी के लिए आवश्यक हैं। हालाँकि इनके लिए भी कुछ नियम अलग अलग हैं लेकिन पहले हम मोटर वाहन के लिए सामान्य नियमों की बात करेंगे जो सभी पर लागू होते हैं।

लाइसेंस हो आवश्यक (Driving licence)

यदि आप सड़क पर किसी भी तरह का वाहन चलते हैं तो इसके लिए आपके पास निर्धारित रूप से ड्राइविंग लाइसेंस का होना आवश्यक हैं। यह ड्राइविंग लाइसेंस तीन तरह के होते हैं। पहले वाले के अनुसार केवल दुपहिया वाहन चलाने की अनुमति होती हैं तो दूसरे के अनुसार चार पहिया वाहन चलाने की और तीसरे के अनुसार किसी भी तरह के वाहन चलाने की अनुमति।

यह लाइसेंस 18 वर्ष की उम्र हो जाने के बाद बनाया जा सकता हैं। इज्के बाद ट्रैफिक पुलिस के द्वारा आपकी परीक्षा ली जाती हैं। इसमें आपसे ट्रैफिक रूल्स से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं और आपका ड्राइविंग इतस्त भी लिया जाता हैं। इसके पश्चात ही आपको ड्राइविंग लाइसेंस प्रदान किया जाता हैं। इसलिए भारत में किसी भी सड़क पर अपना वाहन दौड़ाने के लिए आपके पास ड्राइविंग लाइसेंस का होना अनिवार्य हैं।

गाड़ी के कागजात भी हैं जरुरी

अब जो गाड़ी या वाहन आप चला रहे हैं फिर चाहे वह बाइक हो या कार या ट्रक या कोई अन्य वाहन, आपके पास उसके संपूर्ण कागज होने आवश्यक हैं। उदाहरण के तौर पर गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर, आरसी, गाड़ी किसके नाम पर हैं, गाड़ी की खरीदी के अन्य कागज, उसका बीमा इत्यादि सभी चीज़े। यदि आपके पास गाड़ी के कागज नही हैं और फिर भी आप उसे लेकर निकल पड़े हैं तो भी आपके ऊपर जुर्माना लगाया जाएगा।

गाड़ी की प्रदूषण जांच

अब हम जो भी गाड़ी सड़क पर दौड़ते हैं तो वह पेट्रोल, डीजल, गैस इत्यादि किसी से तो चलती ही होगी। कहने का अर्थ यह हुआ कि जो भी गाड़ी मोटर से चलती हैं तो वह प्रदूषण भी फैलाती होगी। ऐसे में उस गाड़ी का समय समय पर प्रदूषण जांच करवा कर उसका सर्टिफिकेट लेना भी आवश्यक होता हैं। यदि किसी गाड़ी के प्रदूषण के कागज नही हैं तो भी उस पर जुर्माना लगाया जाता हैं।

ट्रैफिक लाइट के नियम (Traffic light rules in Hindi)

अब जब भी हम सड़क पर अपने वाहन लेकर निकलते हैं तो हमें कुछ कुछ दूरी पर ट्रैफिक लाइट दिख जाती हैं। यह ट्रैफिक लाइट ज्यादातर बड़े शहरों में ज्यादा और छोटे शहरों में कम लगी होती हैं। साथ ही इन्हें किसी चौराहे पर ही लगाया जाता हैं ताकि चारों ओर के ट्रैफिक को व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ाया जा सके और यातायात की व्यवस्था को संचालित किया जा सके।

अब हमें इन ट्रैफिक लाइट में तीन रंग की लाइट दिखाई देती हैं। यह तीनो ही रंग की लाइट अलग अलह सिग्नल की प्रदर्शित करती हैं। कहने (Traffic light ka upyog) का अर्थ यह हुआ कि इन ट्रैफिक लाइट में दिख रहे रंग के आधार पर हमें दिए गए निर्देश को समझना होता हैं। आइए जाने इन तीनों रंगों के बारे में विस्तार से।

लाल बत्ती ट्रैफिक लाइट (Red traffic light)

यदि हमें हमारी ओर लाल रंग की ट्रैफिक लाइट दिखाई दे तो हमें तुरंत रुक जाना हैं। लाल रंग का मतलब हुआ कि अब हमें उस दिशा में आगे नही बढ़ना हैं। हालाँकि आप उस सड़क की साइड में या यू टर्न ले सकते हैं लेकिन उसी स्थिति में जब उस जगह की ट्रैफिक लाइट में केवल तीन तरह की ही लाइट हो। अन्यथा उसके लिए भी एक अलग लाइट लगी होगी। बेहतर यही रहेगा कि लाल बत्ती में आप आगे ना बढ़ें और जहाँ हैं वहां रुक जाए।

पीली बत्ती ट्रैफिक लाइट (Yellow traffic light)

अब यदि आपको ट्रैफिक लाइट में पीली बत्ती दिखाई दे रही हैं तो यह दो अलग तरह के संकेत देती हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि यह लाल के बाद पीली हुई हैं या फिर हरी के बाद पीली हुई हैं। इन दोनों ही दिशा में इसके संकेत अलग अलग हैं।

यदि आपकी दिशा में पहले लाइट का रंग लाल था और अब पीला हो गया हैं तो इसका अर्थ हुआ कि आप अपना वाहन आगे ले जाने के लिए तैयार हो जाए लेकिन उसे चलाने नही। बल्कि उसे शुरू कर लीजिए और पहले से ही तैयार हो जाए क्योंकि थोड़ी ही देर में आपको आगे बढ़ने का संकेत मिल जाएगा।

यदि आपकी ओर की बत्ती पहले हरी थी और अब पीली हो गयी हैं तो इसका अर्थ हुआ कि अब आपकी साइड के लोगों के रुकने का समय आ गया हैं। इसलिए अपने वाहन की गति को तुरंत धीमा कर लीजिए और धीरे धीरे करके उसे रोक लीजिए। अब आपको आगे नही बढ़ना हैं और अपने वाहन को धीरे धीरे करके रोक लेना हैं।

हरी बत्ती ट्रैफिक लाइट (Green traffic light)

यदि आपकी ओर की ट्रैफिक लाइट की बत्ती हरी हैं तो इसका अर्थ हुआ कि अब आपकी प्रतीक्षा समाप्त हुई और अब आप आगे बढ़ जाइये। यह हरी बत्ती भी अलग अलग तरह के संकेत करती हैं। वैसे तो इसका संकेत हमेशा आगे बढ़ना ही होता हैं लेकिन ऐसी सदके जहाँ पर ट्रैफिक साइड में मुड़ने वाला भी ज्यादा हो या ज्यादा भीडभाड रहती हो तो यह एक से ज्यादा हरी बत्ती हो सकती हैं।

इसमें जो बिना सिंगल के हरी बत्ती है उसका अर्थ हुआ कि आपको सीधा आगे बढ़ जाना हैं। वही उसके ठीक नीचे एक या दो हरी बत्ती और भी हो सकती हैं जो एक एरो या निशान के माध्यम से आपको दायी या बायीं ओर मुड़ने का इशारा करेगी। इसका अर्थ हुआ कि आप उस दिशा में भी अपने वाहन को आगे ले जा सकते हैं।

तो यह थे ट्रैफिक लाइट के नियम। हालाँकि आजकल इन्हें और आधुनिक बना दिया गया हैं खासकर बड़े शहरों में। आजकल वहां ट्रैफिक लाइट के साथ एक टाइमर भी लगा होता हैं जहाँ घटते  क्रम में समय चलता हैं। इससे आप यह अनुमान लगा सकते हैं कि आपकी और की बत्ती कब लाल से हरी होगी या कब हरी से लाल। इस स्थिति में पीली लाइट नही होती हैं।

यातायात के सामान्य नियम

अब कुछ ऐसे अन्य यातायात के नियमों की भी बात कर ली जाए जो हर मोटर वाहन पर लागू होते हैं। इनमे से कुछ प्रमुख नियम इस प्रकार हैं:

  • आप किसी भी स्थिति में ड्रिंक कर के ड्राइव नही कर सकते हैं फिर चाहे आप मोटर साइकिल चला रहे हो या कार या ट्रक इत्यादि। यदि आपने अल्होकल का सेवन किया हुआ हैं तो आपको कारावास भी हो सकता हैं और फिर भारी जुर्माना भी।
  • आजकल बहुत तेज गति से चलाने वाली गाड़ियाँ आने लगी हैं लेकिन हर सड़क पर वहां की निर्धारित गति लिखी हुई होती हैं। ऐसे में यदि आप उस गति से तेज वाहन चलाएंगे तो पुलिस के द्वारा आपका चालान काट लिया जाएगा।
  • आप अपनी गाड़ी में गाड़ी की क्षमता से अधिक व्यक्ति नही बिठा सकते हैं। जैसे कि दुपहिया वाहन के लिए 2 व्यक्ति तो एक सामान्य कार के लिए चार व्यक्ति ही उसमे बैठ सकते हैं। हालाँकि इनमे बच्चों को बिठाने की दिशा में अलग नियम हैं।
  • आप गलत दिशा में भी गाड़ी नही चला सकते हैं। अर्थात ज्यादातर सड़क को गाड़ी चलाने की दिशा में बाँट दिया जाता हैं। यदि आप अपनी दिशा से अलग दूसरे की दिशा में या रॉंग साइड में वाहन चलते हैं तो भी यह यातायात नियमों का उल्लंघन हैं।
  • किसी भी दिशा में मुड़ने से पहले इंडिकेटर देना जरुरी होता हैं ताकि आपके साथ चल रहे या पीछे चल रहे वाहन को इस बारे में पता चल जाये कि आप उस दिशा में मुड़ने वाले हैं।
  • यदि आप एक गति में वाहन चला रहे हैं तो उसे एकदम से कम या ज्यादा ना करें। इससे आपके पीछे आने वाला व्यक्ति दुर्घटना ग्रस्त हो सकता हैं।
  • यदि आप रात में वाहन चला रहे हैं तो हेड लाइट को अवश्य ऑन करके रखें अन्यथा सामने से आ रहे व्यक्ति को आपका वाहन नही दिखेगा और दुर्घटना होने की संभावना अधिक होगी।
  • सड़क पर वाहन खड़ा करते समय उसे हमेशा पार्किंग में ही खड़ा करें अन्यथा आपकी गाड़ी को उठा लिया जाएगा। कुछ देर के लिए वाहन रोकना पड़े तो उसे भी साइड में जाकर ही रोके। रात के समय साइड में वाहन रोके जाने पर दोनों ओर के इंडिकेटर भी ऑन कर दे।
  • किसी को ओवरटेक करते समय सामने से आ रहे वाहनों का ध्यान रखें। उसकी कितनी गति हैं और साथ चल रहे वाहन की कितनी गति हैं, क्या दूरी पर्याप्त हैं और आप ओवरटेक कर पाएंगे या नही, इसका पूरा ध्यान रखें।
  • यदि पीछे से कोई वाहन आपसे आगे निकलना चाहता हैं या आपको ओवरटेक करना चाहता हैं तो उसे पर्याप्त जगह दे।
  • सड़क के बीच में वाहन ना चलाये क्योंकि इससे पूरी सड़क रुक जाएगी। हमेशा सड़क की एक ओर वाहन चलाये।
  • चौराहा या मोड़ आने पर गाड़ी की गति को धीमा कर ले अन्यथा दुर्घटना होने की संभावना अधिक होती हैं।
  • सड़क पर चलते समय वहां लगे सिग्नल को ध्यान से देखें क्योंकि हर ट्रैफिक सिग्नल आपको कुछ कहता हैं। ऐसे में उनका पालन करेंगे तो सुरक्षित रहेंगे।

इसके अलावा भी यातायात के कई अन्य नियम व दिशा निर्देश हैं जिनका आपको हर स्थिति में पालन करना चाहिए। अन्यथा दुर्घटना कभी भी किसी के साथ भी हो सकती हैं।

दुपहिया वाहनों के लिए यातायात के नियम (Traffic rules for two wheeler in Hindi)

ऊपर जो यातायात के सामान्य नियम बताये गए हैं, उसका पालन करना तो दुपहिया वाहन को करना ही होता हैं। इसके अलावा भी कुछ अन्य नियम हैं जिनका बाइक, स्कूटी चलाने वालों को निश्चित तौर पर पालन करना होता हैं। इन नियमों के अनुसार:

  • यदि आप दुपहिया वाहन चला रहे हैं तो हर स्थिति में आपका हेलमेट पहनना अनिवार्य हैं। वह हेलमेट भी BSI के द्वारा मार्क होना चाहिए और उसकी स्ट्रेप बंधी हुई होनी चाहिए। यदि आप कोई ऐसा वैसा हेलमेट पहन कर गाड़ी चला रहे हैं तो आप पर जुर्माना लगा दिया जाएगा।
  • यदि आप बाइक स्कूटी कुछ भी चला रहे हैं तो आप अपने साथ केवल एक अन्य व्यक्ति को ही बिठा सकते हैं। बहुत से लोग अपनी बाइक पर तीन या चार लोगों को भी बिठा लेते हैं जो कि यातायात नियमों का उल्लंघन हैं।
  • आपकी बाइक या स्कूटी पर पीछे बैठे व्यक्ति का भी अनिवार्य रूप से हेलमेट पहनना अनिवार्य हैं अन्यथा आपका हेलमेट का चालान काट दिया जाएगा। इसलिए हेलमेट आप भी पहने और पीछे वाले को भी पहनने को कहे।
  • आपकी बाइक या स्कूटी की पूरी तरह से जांच की गयी हो और उसमे कोई खराबी ना हो। साथ ही उसके प्रदूषण के स्तर की भी जांच की गयी हो। उसकी हेड लाइट, ब्रेक इत्यादि सभी सही से काम कर रहे हो।

चार पहिया वाहन के लिए यातायात के नियम (Traffic rules for four wheeler in Hindi)

अब जब आपने दो पहिया वाहन के लिए यातायात के नियम अलग से जान लिए हैं तो चार पहिया वाहन के लिए भी कुछ नियम अलग से निर्धारित हैं जिनका पालन करना सामान्य यातायात के नियमों के जितना ही अनिवार्य होता हैं। आइए जाने चार, जीप, ट्रक इत्यादि चलाने के लिए यातायात के नियम:

  • जैसे बाइक, स्कूटी चलते समय हेलमेट का पहनना अनिवार्य होता हैं ठीक उसी प्रकार कार, जीप इत्यादि चलते समय सीट बेल्ट का पहनना अनिवार्य होता हैं। बिना सीट बेल्ट पहनने कार चलाने पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता हैं।
  • गाड़ी में भी उसके बैठने वाले लोगों की संख्या के अनुसार ही लोगों को बिठाया जाना होता हैं। यदि इससे अधिक लोग गाड़ी में बिठाये जा रहे हैं तो इस पर भी जुर्माना लगाया जा सकता हैं। जैसे कि कोई गाड़ी 4 सीटर हैं तो उस पर ड्राईवर समेत कुल 4 व्यक्ति ही बैठ सकते हैं।
  • गाड़ी चलते समय भी केवल गाड़ी चलाने वाले व्यक्ति को ही सीट बेल्ट नही पहननी होती हैं, बल्कि उसके साथ में बैठे और पीछे बैठे व्यक्तियों की भी सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य होता हैं। हालाँकि आगे वाले दोनों व्यक्तियों को सीट बेल्ट पहनना बहुत जरुरी होता हैं।
  • गाड़ी के शीशे काले रंग के नही होने चाहिए और ना ही किसी अन्य रंग के। अंदर क्या हो रहा हैं यह साफ तौर पर दिखाई देना चाहिए।
  • गाड़ी में तय आवाज से ज्यादा म्यूजिक की आवाज ना हो अन्यथा उस पर भी जुर्माना लगाया जा सकता हैं।
  • ट्रक, बस इत्यादि ओवरलोड ना हो और ना ही उसमे सवारियों के अलावा सामान ज्यादा मात्रा में हो। यह सामान वे ट्रक, बस इत्यादि के ऊपर रख देते हैं।

इसके अलावा भी कुछ अन्य यातायात के नियम हैं जिनका पालन कर ना हर चार पहिया वाहन के लिए अनिवार्य होता हैं। यदि वह इनका उल्लंघन करता हुआ पाया जाता हैं तो उस पर भारतीय यातायात नियमों के अंतर्गत कठोर कार्यवाही की जा सकती हैं।

भारतीय यातायात नियम के उल्लंघन पर चालान (New traffic challan rates in India)

अब हम अंत में बात करेंगे कि यदि आप इन यातायात नियमों का उल्लंघन करेंगे या इनकी अवहेलना करेंगे तो ट्रैफिक पुलिस के द्वारा आपको क्या दंड दिया जा सकता हैं या फिर उसके लिए भारतीय यातायात नियम में किस तरह के दंड का प्रावधान निश्चित हैं।

हालाँकि पहले इन नियमों की अनदेखी करने पर कम जुर्माना या कारावास का प्रावधान था लेकिन वर्तमान भारत सरकार ने इसमें संशोशन कर नए जुर्माने व कारावास का प्रावधान किया हैं। इन्हें संशोधित कर और भी कठोर कर दिया गया हैं ताकि यातायात व्यवस्था सुचारू रखी जा सके। नए प्रावधान के अनुसार:

  • बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चलाने पर एक हज़ार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा 3 माह के लिए आपका लाइसेंस भी जब्त किया जा सकता है।
  • बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाने पर 5 हज़ार तक का चालान किया जाएगा। इसके अलावा कारावास की सजा भी हो सकती है।
  • ड्रंक एंड ड्राइव के केस में या फिर अल्होकल पीकर गाड़ी चलाने पर 10 हज़ार रुपए का जुर्माना अथवा 6 माह का कारावास हो सकता है। साथ ही यदि इस नियम की अनदेखी फिर से की गयी तो 15 हज़ार का जुर्माना या 2 साल का कारावास हो सकता है।
  • तेज गति से वाहन चलाने पर दोपहिया वाहनों का एक हज़ार व चार पहिया वाहनों का 2 हज़ार का हुर्माना लगाया जाएगा।
  • ट्रैफिक लाइट तोड़ने पर भी एक हज़ार से लेकर 6 हज़ार तक का जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही 6 माह से लेकर 1 वर्ष तक का कारावास भी संभव है।
  • यदि आपकी आयु 18 वर्ष से कम हैं और आप फिर भी वाहन चला रहे हैं तो ऐसी स्थिति में 25 हज़ार का जुर्माना लगाया जाएगा, उस वहां का पंजीकरण निरस्त कर दिया जाएगा तथा वह व्यक्ति 25 वर्ष की आयु तक लाइसेंस बनवाने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।

इसके अलावा भी अलग अलग यातायात नियमों के उल्लंघन पर अलग अलग जुर्माने व कारावास के दंड का प्रावधान निर्धारित हैं। ऐसे में बेहतर यही रहेगा कि आप सड़क पर वाहन चलते समय (Traffic challan details in Hindi) यातायात के नियमों की अनदेखी ना करें और संभल कर गाड़ी चलाये। इससे ना केवल आप सुरक्षित रहेंगे बल्कि अन्य लोग भी सुरक्षित रहेंगे।

भारतीय यातायात के नियम से Related FAQs

प्रश्न: धारा 177 एमवी एक्ट क्या है?

उत्तर: धारा 177 एमवी एक्ट मोटर वाहन अधिनियाँ की एक धारा है जिसके अंतर्गत यातायात नियमों के उल्लंघन करने पर क्या दंड दिया जा सकता है व उसकी जुर्माना राशि क्या है, इत्यादि लिखित है।

प्रश्न: मोटर वाहन अधिनियम 1988 में कुल कितनी धाराएं हैं?

उत्तर: मोटर वाहन अधिनियम 1988 में कुल 223 धाराएं हैं।

प्रश्न: शराब पीकर गाड़ी चलाने पर कौन सी धारा लगती है?

उत्तर: शराब पीकर गाड़ी चलाने पर धारा 185 लगती है जिसके तहत 10 हज़ार का जुर्माना या 1 वर्ष का कारावास होता है।

प्रश्न: शराब पीकर गाड़ी क्यों नहीं चलाना चाहिए?

उत्तर: शराब पीकर गाड़ी चलाने से ना केवल आप अपने जीवन को संकट में डालते हैं बल्कि सड़क पर चल रहे अन्य लोगों के जीवन पर भी संकट पैदा करते हैं।

इस तरह से आज आपने जाना कि यातायात नियम क्या होते हैं, उनका पालन क्यों करना चाहिए, उनकी अनदेखी करने से क्या क्या होता है, किस वाहन के (Yatayat ke niyam Hindi mein) लिए कौन कौन से यातायात नियम निश्चित है और उनका उल्लंघन करने पर किस तरह का दंड मिल सकता है इत्यादि।

प्रवेश कुमारी

मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।

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