गांजा पर कानूनी प्रावधान क्या हैं? | What are the legal provisions on cannabis? | गांजा को किन नशीले पदार्थों की श्रेणी में रखा गया है? | गांजा की छोटी अथवा कम मात्रा से क्या अभिप्राय है? | एनडीपीएस एक्ट क्या है? | What is NDPS act? ||
गांजे का नाम लेते ही आपकी आंखों के आगे भी चिलम लेकर धुआं उड़ाते, झूमते लोगों का दृश्य घूम जाता होगा। हमारे देश में शिवरात्रि के पावन अवसर पर भी शिवभक्त लोग भांग, गांजा आदि का जमकर सेवन करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि न केवल गांजे की खरीद बिक्री, बल्कि इसे अपने पास रखना तक अपराध है? यदि नहीं तो जरूरत है कि आप इस संबंध में कानून के विभिन्न प्रावधानों को जान लें। गांजा पर आपकी जानकारी समृद्ध करने के लिए आज हम आपको इस पोस्ट में बताएंगे कि गांजा को लेकर कानूनी प्रावधान क्या हैं? आइए, शुरू करते हैं-
गांजा क्या होता है? (What is cannabis?)
दोस्तों, इससे पूर्व कि हम गांजा पर कानून की बात करें सबसे पहले हमें यह जानना आवश्यक है कि गांजा क्या है? (What is cannabis?) दोस्तों, इसे मारिजुआना (marijuana) भी पुकारा जाता है। आपको बता दें कि यह मूल रूप से एक मादक पदार्थ है, जो भांग के पौधे से विभिन्न प्रकार की विधियों से बनाया जाता है।

गांजा को किन नशीले पदार्थों की श्रेणी में रखा गया है? (In which category these narcotics are taken?)
दोस्तों, जैसा कि हम आपको बता चुके हैं कि यह एक मादक यानी नशीला पदार्थ है तो यह भी जान लीजिए कि इसे नशीले पदार्थों की किस श्रेणी में रखा गया है। दोस्तों, दरअसल, केंद्र सरकार के एनडीपीएस एक्ट के तहत दो प्रकार के नशीले पदार्थ आते हैं नारकोटिक (narcotic) एवं साइकोट्रोपिक (psychotropic)। इनमें से कुछ का उत्पादन चिकित्सीय (medical) आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए होता है। इनमें कुछ दवाएं ऐसी हैं, जो नेचुरल (natural) यानी प्राकृतिक चीजों से बनती हैं। गांजा इन्हीं में एक है।
गांजा पीने से क्या मुश्किलें होती हैं? (What difficulty one can have after having cannabis?)
मित्रों, अभी हमने आपको जानकारी दी कि गांजा किसे कहते हैं? आइए, अब आपको बता देते हैं कि गांजा पीने से क्या क्या मुश्किलें होती हैं? आपको बता दें दोस्तों कि प्रमुख तौर पर इसके सेवन से यह मुश्किलें पैदा हो सकती हैं-
- इसे लेने से फेफडे (lungs), गर्दन अथवा सिर का कैंसर (cancer) हो सकता है।
- इसके अतिरिक्त लंबे समय तक इसके सेवन से सांस संबंधी रोग हो सकते हैं।
- इसके सेवन से व्यक्ति की याददाश्त (memory) प्रभावित हो सकती है।
- किशोरों का आईक्यू लेवल (IQ level) कम हो सकता है।
- इसके अत्यधिक सेवन से डिप्रेशन (depression) एवं चिंता (worry) बढ़ सकती है।
- इससे शारीरिक क्षमता (physical efficiency) प्रभावित होती है।
- यदि गर्भवती महिला (pregnant women) इसका सेवन करती है तो बच्चे का जन्म समय से पूर्व हो सकता है या उसका वजन (weight) कम हो सकता है।
गांजा पर कानूनी प्रावधान क्या हैं? (What are the legal provisions on cannabis?)
आपको बता दें दोस्तों कि सन् 1985 से पूर्व हमारे देश में गांजे के इस्तेमाल पर कोई पाबंदी नहीं थी, लेकिन इसके पश्चात कांग्रेस (congress) की तत्कालीन राजीव गांधी सरकार (Rajiv Gandhi government) ने इस पर रोक लगा दी। इसे एनडीपीएस एक्ट (NDPS act) के अंतर्गत बैन कर दिया गया। गांजा के बेचने, रखने व सेवन को लेकर इसमें तीन बार संशोधन (ammendment) हो चुके हैं।
पहला संशोधन सन् 1988 में, दूसरा सन् 2001 में एवं तीसरा संशोधन सन् 2014 में। मित्रों, जान लीजिए कि एनडीपीएस एक्ट की धारा 20 के मुताबिक थोड़ी मात्रा में गांजा रखने पर एक वर्ष तक के कठोर कारावास अथवा 10 हजार रुपए का जुर्माना लग सकता है अथवा दोनों सजा साथ हो सकती हैं।
यदि आप गांजा की अधिक यानी कामर्शियल मात्रा एवं कम मात्रा के बीच की मात्रा के साथ पकड़े जाते हैं तो आपको 10 वर्ष तक सजा अथवा एक लाख रूपए तक का जुर्माना अथवा दोनों सजा साथ हो सकती हैं। अधिक मात्रा के साथ पकड़े जाने पर संबंधित व्यक्ति को 10 साल से लेकर 20 साल तक का कठोर कारावास अथवा एक से लेकर दो लाख तक जुर्माना अथवा दोनों सजा-साथ साथ हो सकती हैं।
गांजा की छोटी अथवा कम मात्रा से क्या अभिप्राय है? What is the meaning of cannabis small
दोस्तों, अब आप यह जरूर सोच रहे होंगे कि कम मात्रा से क्या अर्थ है? इसका निर्धारण कैसे किया जाता है? तो मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि गांजे की एक किलोग्राम तक की मात्रा को छोटी मात्रा माना जाता है। वहीं, 20 किलोग्राम से अधिक की मात्रा कामर्शियल (commercial) मात्रा कहलाती है। यदि आप कम मात्रा के साथ पकड़े जाते हैं तो आपको जमानत (bail) मिल जाती है.
लेकिन यदि आप बार- बार इस कार्य में पकड़े जा रहे हैं तो जमानत मिलना मुश्किल हो जाता है। यहां यह भी जान लीजिए कि यदि कोई कामर्शियल मात्रा के साथ पकड़ा जाता है तो उसे जमानत नहीं मिलती। दोस्तों, यदि कोई अधिकतम एवं कम के बीच की मात्रा में पकड़ा जाता है तो ऐसे में आरोपी को जमानत मिलना न मिलना पकड़े गए नशीले पदार्थ एवं पुलिस की धाराओं पर निर्भर करता है।
आपको बता दें दोस्तों कि हमारे देश में एनसीबी (NCB) यानी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (narcotics control bureau) नशीले पदार्थों से संबंधित मामलों में कार्यवाही करने वाली सबसे बड़ी जांच एजेंसी (investigative agency) है, जो देश में कहीं भी जांच कर सकती है।
क्या गांजे का इस्तेमाल औषधि के रूप में भी किया जाता है? (Does cannabis have medicinal value too?)
बहुत से लोगों को यह नहीं पता कि गांजे का इस्तेमाल औषधि के रूप में होता है या नहीं। वे इसके इस्तेमाल को लेकर भी कन्फ्यूज रहते हैं। यदि आप भी उन्हीं लोगों में हैं तो भ्रमित होने की आवश्यकता नहीं। जी हां दोस्तों, गांजा को साइकोएक्टिव ड्रग्स की श्रेणी में रखा जाता है। इसका इस्तेमाल मिर्गी, कैंसर जैसे रोगों के इलाज में किया जाता है। इसके अतिरिक्त अन्य कई प्रकार की दवाओं में इसका इस्तेमाल होता है।
एनडीपीएस एक्ट क्या है? (What is NDPS act?)
मित्रों, हमने आपको बताया कि गांजा को एनडीपीएस एक्ट (NDPS act) के तहत बैन (ban) किया गया है। अब आप जानना चाहते होंगे कि इसकी फुल फार्म क्या है? दोस्तों, आपको जानकारी दे दें कि नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रापिक सब्सटेंस (narcotic drugs and psychotropic substance act) यानी एनडीपीएस एक्ट सन् 1986 में लागू किया गया। यह एक केंद्रीय कानून (Central law) है, जो कैनबिस से संबंधित है।
एनडीपीएस एक्ट की धारा 41 के अंतर्गत सरकार को गांजा का सेवन करने वाले की पहचान, इलाज एवं पुनर्वास केंद्र की स्थापना का अधिकार है। वहीं, इस एक्ट की धारा 42 के अंतर्गत जांच अधिकारी बगैर किसी वारंट (warrant) या अधिकार पत्र (authority letter) के तलाशी ले सकता है। मादक पदार्थ जब्त कर सकता है, एवं गिरफ्तार कर सकता है। बेशक यह एक केंद्रीय कानून है, लेकिन इस एक्ट के तहत राज्य की पुलिस (state police) भी कार्रवाई कर सकती है।
आपको बता दें दोस्तों कि भारत के विभिन्न राज्यों में खरपतवार अथवा मारिजुआना के उपभोग, कब्जे एवं खरीद-बिक्री से संबंधित कानून है। मसलन उत्तराखंड राज्य द्वारा गांजा की व्यावसायिक खेती (commercial farming) की इजाजत दी गई है। कैनबिस सैटिवा पौधे की प्रजातियों के इस प्रकार से विभिन्न प्रकार के उत्पाद बनाए जाते हैं, जिनका औद्योगिक इस्तेमाल (industrial use) होता है।
क्या भांग एवं गांजे में कोई अंतर है?
बहुत से लोग भांग एवं गांजा को अलग-अलग मानते हैं, लेकिन दोस्तों आपको बता दें कि इनमें जो अंतर है वो बस ये है कि ये भांग एक ही प्रजाति (species) के पौधे से तैयार किए जाते हैं। इस प्रजाति को नर एवं मादा के रूप में विभक्त किया गया है। नर प्रजाति से भांग बनती है, जबकि मादा प्रजाति से गांजा बनता है। भांग के नर पौधे इसके आसपास की पत्तियों एवं तने को सुखाकर बनने वाला गांजा सबसे सामान्य है।
हाल ही में कौन हस्तियां गांजा रखने के मामले में चर्चित रही हैं? (Which personalities have been in news for keeping cannabis recently?)
दोस्तों, आपको बता दें कि हाल ही में भारतीय व्यापारी नेस वाडिया को जापान में गिरफ्तार किया गया था। उनके कब्जे से मारिजुआना बरामद की गई थी। इसके अतिरिक्त मशहूर कामेडियन (comedian) भारती के घर से भी 100 ग्राम ड्रग्स बरामद की गई थी। इस कम मात्रा के चलते इन पर बड़ा मामला नहीं बन सका।
गांजा क्या होता है?
यह एक प्रकार का मादक पदार्थ है, जिसे कैनेबिस या मारिजुआना भी पुकारा जाता है।
गांजे का सेवन एवं इसे रखना किस एक्ट के तहत अपराध है?
इसे एनडीपीएस एक्ट के तहत अपराध करार दिया गया है।
एनडीपीएस एक्ट कब आया?
एनडीपीएस एक्ट कांग्रेस नीत राजीव गांधी सरकार के समय सन् 1986 में लागू किया गया।
एनडीपीएस की फुल फाॅर्म क्या है?
एनडीपीएस की फुल फाॅर्म नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रापिक सब्सटेंस एक्ट है।
क्या गांजा का कोई चिकित्सीय इस्तेमाल भी किया जाता है?
जी हां, इसमें कुछ औषधीय गुण होने के कारण इसे चिकित्सा के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
गांजे की कम एवं अधिक मात्रा में क्या अंतर है?
गांजे की एक किलोग्राम तक की मात्रा को छोटी मात्रा माना जाता है। वहीं, 20 किलोग्राम से अधिक की मात्रा कामर्शियल मात्रा कहलाती है।
गांजे के साथ पकड़े जाने पर क्या सजा है?
सजा एवं उसकी अवधि गांजे की अलग-अलग मात्रा के साथ पकड़े जाने पर अलग-अलग है।
क्या भांग और गांजा एक ही प्रजाति के पौधे से तैयार होते हैं?
जी हां, यह दोनों एक ही प्रजाति के पौधे से तैयार होते हैं।
एनडीपीएस एक्ट की किस धारा के तहत जांच अधिकारी बिना वारंट भी तलाशी ले सकता है?
एनडीपीएस एक्ट की धारा 41 के अंतर्गत जांच अधिकारी बगैर वारंट या अधिकार पत्र भी तलाशी लेने का हक रखता है।
दोस्तों, हमने आपको इस पोस्ट (post) में गांजा पर कानूनी प्रावधान की जानकारी दी। उम्मीद है कि इस पोस्ट से गांजा पर आपका ज्ञानवर्धन अवश्य हुआ होगा। यदि इस पोस्ट को लेकर आपका कोई सवाल अथवा सुझाव है तो बेखटके नीचे दिए गए कमेंट बाक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके हमसे पूछ सकते हैं। धन्यवाद।।
१० ग्रॅम या इससे अधिक गांजा पाए जाने कानूनी कारवाई है या नहीं ?
depend on situation and background