ट्रेड यूनियन क्या होती है? भारत में पहली ट्रेड यूनियन कब गठित हुई?

फटी बनियाइन, चेहरे पर पसीना और माथे पर परिवार के भरण पोषण की चिंता लिए फैक्ट्रियों, मिलों में खटते श्रमिक आपने खूब देखे होंगे। कंपनी को मुनाफे के बावजूद इन श्रमिकों की जिंदगी का ढर्रा नहीं बदलता। वे अकेले अपनी आवाज उठाते हैं तो कोई सुनने वाला भी नहीं होता। लेकिन जब ये मजदूर संगठित होकर अपने हक की आवाज उठाते हैं तो हर कोई सुनने पर मजबूर हो जाता है। इस लड़ाई के पीछे असल ताकत ट्रेड यूनियन की होती है।

अब आप कहेंगे कि यह ट्रेड यूनियन क्या होती है? तो इसका जवाब पाने के लिए आपको यह पोस्ट पढ़नी होगी। इसमें हम आपको ट्रेड यूनियन के हर पहलू से रूबरू कराएंगे। जैसे ट्रे यूनियन क्या होती है? भारत में पहली ट्रेड यूनियन कब गठित हुई? ट्रेड यूनियन बनाने के क्या उद्देश्य हैं? ट्रेड यूनियन का रजिस्ट्रेशन कराने की क्या प्रक्रिया है? आदि आइए, शुरू करते हैं-

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यूनियन क्या होती है? (What is a union?)

मित्रों, सबसे पहले जान लेते हैं कि यूनियन क्या होती है? (What is a union?) सबसे पहली बात- इसे हिंदी में संगठन अथवा संघ भी पुकारा जाता है। विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे मजदूरों/कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न यूनियनें बनाई हुई हैं, जैसे बैंक कर्मचारी यूनियन, डेयरी कर्मचारी यूनियन आदि।

यूनियन कौन बना सकता है? (Who can make a union?)

दोस्तों, अब सवाल उठता है कि यूनियन कौन बना सकता है। सामान्य तौर पर हमारे देश का संविधान (constitution) इसकी इजाजत देता है। संविधान के अनुच्छेद 38 में सीधे-सीधे संगठन बनाने का अधिकार प्रदान किया गया है। इसके अंतर्गत नैतिकता अथवा सार्वजनिक व्यवस्था (public system) के हित में कानून द्वारा लगाए गए किसी भी उचित प्रतिबंध या दायरे के तहत प्रत्येक नागरिक को संघ यानी यूनियन (union) बनाने का अधिकार है।

ट्रेड यूनियन क्या होती है? (What is a trade union?)

दोस्तों, अब ट्रेड यूनियन की बात पर आते हैं। सामान्य रूप से किसी व्यापार से जुड़े श्रमिकों के संघ को अंग्रेजी में ट्रेड यूनियन (trade union) पुकारा जाता है। लेकिन यदि इसकी परिभाषा की बात करें दोस्तों तो यह कहा जा सकता है कि ट्रेड यूनियन श्रमिकों/मजदूरों का एक संगठित समूह होता है। यह समूह सदस्यता पर आधारित होता है तथा अपने सदस्यों के सामाजिक-आर्थिक अधिकारों एवं हितों के लिए काम करता है। इन मुद्दों पर लड़ाई लड़ता है।

एक ट्रेड यूनियन किसी भी बड़ी कंपनी, व्यापार आदि में काम कर रहे श्रमिकों एवं मालिकों के बीच संबंधों को सुधारने, वेतन, कार्य सुविधा आदि जैसे विभिन्न मुद्दों पर श्रमिक हितों के लिए सौदेबाजी करने एवं दोनों पक्षों में संतुलन बनाए रखने का काम करती है।

ट्रेड यूनियन बनाने का क्या उद्देश्य होता है? (What is the objective behind forming a trade union?)

ट्रेड यूनियन क्या होती है? भारत में पहली ट्रेड यूनियन कब गठित हुई?

दोस्तों, ट्रेड यूनियन का अर्थ हम जान चुके हैं। अब बारी आती है कि वे कौन से उद्देश्य हैं, जिनके लिए ट्रेड यूनियन का गठन किया जाता है? इन उद्देश्यों की संक्षिप्त जानकारी इस प्रकार से है-

  • श्रमिकों/मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी का प्रावधान कराना।
  • रोजगार से संबंधित शर्तों का निर्धारण कराना।
  • श्रमिकों/मजदूरों को समय समय बोनस की सुविधा दिलाना।
  • श्रमिकों/मजदूरों के लिए उचित अवकाश का प्रावधान कराना।
  • नियोक्ताओं द्वारा श्रमिकों के हित में निर्णय सुनिश्चित करना।
  • श्रमिकों को कार्यस्थल पर शोषण के खिलाफ संरक्षण प्रदान करना।
  • श्रमिकों/मजदूरों को समय-समय पर पदोन्नति का लाभ दिलाना।
  • श्रमिकों/मजदूरों के जीवन स्तर में सुधार लाने का कार्य करना।
  • श्रमिकों के सेवाकाल को सुरक्षित रखने का प्रयास करना।
  • श्रमिकों के कार्य-वातावरण में सुधार सुनिश्चित करना।
  • श्रमिकों को शैक्षिक एवं मनोरंजक सुविधा प्रदान करने पर कार्य करना।
  • श्रमिकों/मजदूरों एवं नियोक्ता के बीच संबंधों में सुधार एवं संतुलन कायम रखना।

भारत में ट्रेड यूनियन की स्थापना का आधार क्या था? (What was the basis of formation of trade union in india?)

दोस्तों, अब थोड़ा भारत में ट्रेड यूनियन के आधार पर भी बात कर लेते हैं। दरअसल, 19वीं शताब्दी का उत्तरार्द्ध चल रहा था, जब बंबई (अब मुंबई), कलकत्ता (अब कोलकाता ), मद्रास (अब चेन्नई ) एवं सूरत (गुजरात) जैसे बंदरगाह वाले शहरों के आसपास कपड़ा मिलों की स्थापना हुई थी। इनमें बड़ी संख्या में श्रमिक/मजदूर कार्यरत थे। आप जानते ही हैं कि नियोक्ताओं द्वारा श्रमिकों के शोषण का इतिहास पुराना है। इस दौरान श्रमिकों द्वारा हड़ताल एवं विरोध की कई घटनाएं दर्ज की गईं।

ऐसे में नियोक्ता एवं श्रमिकों के बीच सेतु का कार्य करने एवं श्रमिकों की आवाज उठाने के लिए एक संघ की आवश्यकता महसूस की गई। 1890 में भारतीय श्रमिकों का पहला अनौपचारिक संघ एनएम लोखंडे द्वारा स्थापित किया गया, जिसका नाम था- बॉम्बे मिल-हैंड्स एसोसिएशन (Bombay mill-hands association)। आपको बता दें कि इससे ठीक नौ वर्ष पूर्व यानी सन् 1881 में तत्कालीन ब्रिटिश सरकार (British government) द्वारा पहला कारखाना अधिनियम (factory act) पारित किया गया था, जिसके बाद कई ट्रेड यूनियनों का गठन हुआ।

भारत में पहली बार ट्रेड यूनियन की स्थापना कब हुई? (When Trade union was formed very first in india?)

साथियों, हम आपको बता ही चुके हैं कि भारत में श्रमिकों/मजदूरों के मिल मालिकों या फैक्ट्री मालिकों द्वारा शोषण का इतिहास कोई नया नहीं है। ऐसे में उन्हें एक संगठित आवाज की आवश्यकता हमेशा से थी। मित्रों, यदि भारत की बात की जाए तो यहां पहली संगठित ट्रेड यूनियन का गठन आज से करीब 105 वर्ष पूर्व सन् 1918 में मद्रास श्रमिक संघ यानी मद्रास लेबर यूनियन (Madras labour union) के नाम से हुआ। इसका गठन तत्कालीन बकिंघम एवं कर्नाटक मिल्स (Karnataka mills) के कार्यकर्ताओं द्वारा 27 अप्रैल, 1918 में मद्रास के पेरंबूर में किया गया था।

भारत में ट्रेड यूनियन किस एक्ट के अंतर्गत पंजीकृत होती हैं? (Under which act trade union is registered in india?)

मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि भारत में ट्रेड यूनियन ट्रेड यूनियन एक्ट (trade union act)-1926 के अंतर्गत पंजीकृत (registered) होती हैं। आपको यह भी बता दें कि इसी एक्ट के तहत ट्रेड यूनियन को सालाना रिटर्न भी फाइल (annual return file) करना होता है। भारत में हर साल ट्रेड यूनियनों से संबंधित आंकड़े एकत्र करने का काम सेंट्रल लेबर ब्यूरो (labour bureau) करता है। अब जान लेते हैं कि यह एक्ट अस्तित्व में कैसे आया।

आपको बता दें कि दोस्तों कि नियोक्ताओं (employees) द्वारा कर्मचारियों के लगातार शोषण (exploitation) का नतीजा ही इस एक्ट के रूप में सामने आया। श्रमिकों के हितों की रक्षा एवं वास्तविक मांगों को पूरा करने के लिए 1926 में ट्रेड यूनियन एक्ट लाया गया। इसी एक्ट ने यूनियन बनाने एवं संगठित होने के अधिकार को वैध (valid) बनाया। इसी के जरिए कर्मचारियों को ट्रेड यूनियन बनाने की इजाजत मिली।

वर्तमान में भारत में कितनी ट्रेड यूनियन कार्यरत हैं? (How many trade unions are mainly working in india?)

वर्तमान में भारत में नौ ट्रेड यूनियन मुख्य तौर पर काम कर रही हैं। इनमें इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (indian trade union congress) यानी इंटक (intuc) 33.3 मिलियन की सदस्यता के साथ इन सेंट्रल ट्रेड यूनियनों (Central trade unions) में सबसे बड़ा यूनियन है। इन तमाम ट्रेड यूनियनों की सूची इस प्रकार से है-

ट्रेड यूनियन का नामराष्ट्रीय संबद्धतासदस्य (मिलियन में)
आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक)920 भाजपा – 14.2
इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक)1947 कांग्रेस-33.8
भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस)1955भाजपा 17.1
सेंटर फाॅर इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) 1970-सीपीएम 5.7
हिंद मजदूर सभा (एचएमएस)1948समाजवादी 9.1
अखिल भारतीय व्यापार संघ केंद्र1958सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर आफ इंडिया (मार्क्सवादी)- 4.7
स्व नियोजित महिला संघ सेवा- 19721.3
आल इंडिया सेंट्रल कौंसिल आफ ट्रेड यूनियन1989सीपीआईएमएल 2.5
ट्रेड यूनियन कोआर्डिनेशन सेंटर 1970एआईएफबी 1.6

ट्रेड यूनियन बनाने के लिए आवश्यक शर्तें क्या हैं? (What are the necessary conditions to form a trade union?)

साथियों, ट्रेड यूनियन कोई भी यूं ही नहीं बना सकता है। इसके लिए कुछ आवश्यक शर्तों को भी पूरा करना होगा। आइए अब जान लेते हैं कि भारत में ट्रेड यूनियन बनाने के लिए आवश्यक शर्तें क्या हैं-

  • ट्रेड यूनियन गठित करने के लिए किसी भी संगठन में 10 प्रतिशत अथवा 100 कर्मचारी (जो भी कम हो) की आवश्यकता होती है।
  • किसी भी यूनियन में सदस्यों की संख्या 7 से कम न हो।
  • कम से कम 5 सदस्य या एक तिहाई (जो भी कम हों), उसी कंपनी/संगठन के कर्मचारी हों।
  • ये सदस्य पहले से ही किसी ऐसे व्यापार संघ के सदस्य न हों।
  • ट्रेड यूनियन के लिए 12 रूपए वार्षिक योगदान देय होगा।

ट्रेड यूनियन के रजिस्ट्रेशन के लिए किन किन नियमों का पालन करना आवश्यक है? (What rules to be followed to register a trade union?)

आइए, अब उन नियमों की बात कर लेते हैं, जिनका पालन एक ट्रेड यूनियन के रजिस्ट्रेशन (trade union registration) के लिए आवश्यक है। ये इस प्रकार से हैं-

  • श्रमिक संघ यानी ट्रेड यूनियन का एक नाम हो। यह पहले से इस्तेमाल में न हो।
  • यह यूनियन उन सभी उद्देश्यों का पालन करे, जिनके लिए इस यूनियन के धन का इस्तेमाल होना है।
  • ट्रेड यूनियन के सदस्यों एवं अन्य पदाधिकारियों का कार्यकाल तीन वर्ष से अधिक नहीं हो सकता।
  • ट्रेड यूनियन को धन का सालाना हिसाब-किताब यानी आडिट कराना होगा।
  • ट्रेड यूनियन की बही खातों को पदाधिकारयों एवं सदस्यों को सुलभ कराना होगा।
  • ट्रेड यूनियन के सभी सदस्यों की लिस्ट तैयार की जाएगी ताकि यूनियन के पदाधिकारियों द्वारा इसका निरीक्षण किया जा सके।
  • ट्रेड यूनियन एक्ट की धारा 22 के अंतर्गत साधारण, अवैतनिक एवं अस्थाई सदस्यों के प्रवेश का प्रावधान करना होगा।
  • ट्रेड यूनियन के सदस्यों पर लगने वाले किसी भी प्रकार के जुर्माने की शर्तें स्पष्ट करनी होंगी।
  • ट्रेड यूनियन की वह शर्तें स्पष्ट करनी होंगी, जिनके तहत इसके सदस्यों को किसी भी प्रकार के लाभ का आश्वासन दिया गया हो।
  • यदि यूनियन के नियमों, शर्तों में किसी भी प्रकार का संशोधन (amendment), परिवर्तन (change) अथवा निरस्तीकरण (cancellation) किया जाएगा तो उसकी क्या प्रक्रिया (process) होगी।
  • ट्रेड यूनियन की कार्यकारिणी के सदस्यों एवं अन्य पदाधिकारियों की नियुक्ति एवं बर्खास्तगी की क्या प्रक्रिया होगी। इसका उल्लेख करना होगा।
  • ट्रेड यूनियन किस तरीके से समाप्त किया जा सकता है, इस प्रक्रिया का भी स्पष्ट उल्लेख हो।

ट्रेड यूनियन के रजिस्ट्रेशन की क्या प्रक्रिया है? (What is the process of Trade union registration?)

मित्रों, आपको बता दें कि ट्रेड यूनियन एक्ट-1926 की धारा 4 के अंतर्गत ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रेशन (trade union registration) का प्रावधान है। इसके अंतर्गत कोई भी सात अथवा इससे अधिक सदस्य मिलकर ट्रेड यूनियन पंजीकरण (trade union registration) कराने के लिए अर्ह होते हैं। यदि आप भी रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं तो आपको यह कदम उठाने होंगे-

  • 1. आपको ट्रेड यूनियन की धारा 5 के अनुसार रजिस्ट्रार आफिस (registrar office) में एक प्रार्थना पत्र (application letter) देना होगा। इसके साथ ट्रेड यूनियन के नियम व शर्तों (rules and regulations) की एक काॅपी (copy) के साथ ही यह ब्योरा देना होगा-
  • -प्रार्थना पत्र देने वाले सभी लोगों के नाम, आवास एवं व्यवसाय का स्पष्ट व पूरा ब्योरा।
  • – ट्रेड यूनियन का नाम, पता, मुख्यालय का पूरा नाम व स्पष्ट पता।
  • -ट्रेड यूनियन के पदाधिकारियों के नाम, उम्र, पते, पदनाम एवं व्यवसाय का ब्योरा।
  • -सभी आवेदकों के नाम के साथ ही उनके हस्ताक्षर।
  • 2. यदि ट्रेड यूनियन एक्ट की धारा 8 के अंतर्गत रजिस्ट्रार इस बात से संतुष्ट हो जाता है कि ट्रेड यूनियन ने एक्ट में बताई गई रजिस्ट्रेशन संबंधी सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं तो वह ट्रेड यूनियन का रजिस्ट्रेशन कर यूनियन का नाम स्पेशल रजिस्टर (special register) में अंकित कर लेगा।
  • 3. ट्रेड यूनियन एक्ट की धारा 8 के तहत रजिस्ट्री (registry) के पश्चात धारा 9 के अंतर्गत रजिस्ट्रार यूनियन को रजिस्ट्रेशन संबंधित प्रमाण पत्र (registration certificate) जारी कर देगा। यह प्रमाण पत्र ही इस बात का प्रूफ (proof) होगा कि ट्रेड यूनियन को टेड यूनियन एक्ट के तहत विधिवत रूप से रजिस्ट्रर्ड कर लिया गया है।

यदि ट्रेड यूनियन पहले से मौजूद है तो रजिस्ट्रेशन के लिए कैसे आवेदन करना होगा? (How to apply for registration if trade union is already existed?

कई बार यह भी होता है कि ट्रेड यूनियन बना ली जाती है, लेकिन रजिस्ट्रेशन बाद में कराया जाता है। आपको बता दें दोस्तों कि ऐसे में रजिस्ट्रेशन के लिए प्रार्थना पत्र पेश करने पर अन्य सभी सूचनाओं/ब्योरे (information/details) के साथ रजिस्ट्रार को ट्रेड यूनियन की प्रापर्टी (property) एवं अन्य देनदारियों का ब्योरा एक निर्धारित फार्मेट (set format) में देना होगा। यह फार्मेट रजिस्ट्रार कार्यालय से आसानी से मिल जाएगा

क्या रजिस्ट्रार ट्रेड यूनियन का रजिस्ट्रेशन करने से मना कर सकता है? यदि हां तो किन स्थितियों में? (Can registrar denied to register the trade union? If yes, in which conditions?)

मित्रों, आपको बता दें कि ट्रेड यूनियन के रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई करने का अर्थ ट्रेड यूनियन का रजिस्ट्रेशन हो जाना नहीं होता। कई बार रजिस्ट्रार इसका रजिस्ट्रेशन करने के लिए मना भी कर सकता है। ऐसा वह इन स्थितियों में कर सकता है-

ट्रेड यूनियन एक्ट की धारा 7 के तहत रजिस्ट्रार रजिस्ट्रेशन के लिए अतिरिक्त ब्योरा (extra details) मांग सकता है या बदलाव (change) का आदेश दे सकता है। यदि उसे संबंधित जानकारी नहीं दी जाती तो वह यूनियन का रजिस्ट्रेशन करने से इंकार कर सकता है।

यदि किसी ट्रेड यूनियन का प्रस्तावित नाम किसी वर्तमान ट्रेड यूनियन से मिलता-जुलता है, जिससे आम जनता अथवा संबंधित ट्रेड यूनियन के सदस्य धोखे या भ्रम में पड़ सकते हैं तो रजिस्ट्रार फिलहाल रजिस्ट्रेशन से इंकार कर पहले प्रस्तावित नाम (proposed name) में बदलाव को कह सकता है।

क्या रजिस्ट्रार किसी ट्रेड यूनियन का रजिस्ट्रेशन रद्द भी कर सकता है? (Can a registrar cancel the registration of trade union?)

जी हां, दोस्तों रजिस्ट्रार को यह शक्ति है कि वह किसी ट्रेड यूनियन का रजिस्ट्रेशन रद्द कर सकता है अथवा उसे वापस ले सकता है। लेकिन ऐसा करने से पूर्व रजिस्ट्रार को न्यूनतम (minimum) दो माह पहले यूनियन के सचिव (secretary) अथवा अन्य पदाधिकारियों को इस संबंध में लिखित नोटिस (written notice) भेजना होगा। इसमें उसे ट्रेड यूनियन का रजिस्ट्रेशन रद्द करने अथवा वापस लेने का पर्याप्त आधार बताना होगा। ये आधार इस प्रकार हो सकते हैं-

  • ट्रेड यूनियन का अस्तित्व समाप्त हो गया है।
  • ट्रेड यूनियन द्वारा जानबूझकर ट्रेड यूनियन एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया हो।
  • ट्रेड यूनियन द्वारा रजिस्ट्रेशन रद्द करने के लिए आवेदन दिया गया हो। ऐसे में रजिस्ट्रार द्वारा निर्धारित तरीके से आवेदन को की जांच कर कार्रवाई करेगा।
  • यदि रजिस्ट्रार इस संबंध में आश्वस्त है कि ट्रेड यूनियन द्वारा रजिस्ट्रेशन का सर्टिफिकेट धोखे अथवा गलती से प्राप्त किया गया है।
  • ट्रेड यूनियन द्वारा रजिस्ट्रार के यूनियन की नियमावली में बदलाव के आदेश को न माना गया हो।
  • यदि ट्रेड यूनियन में सदस्यों की निर्धारित संख्या में कमी आ गई हो।
  • ट्रेड यूनियन की धारा 6 के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन के लिए अनिवार्य नियमों में से किसी को भी तोडा गया हो।

क्या रजिस्ट्रार के फ़ैसले के खिलाफ अपील भी की जा सकती है? (Can one appeal against the decision of registrar?)

जी हां, दोस्तों, रजिस्ट्रार के फैसले के खिलाफ ट्रेड यूनियन द्वारा ट्रेड यूनियन एक्ट (trade union act) की धारा 11 के तहत चुनौती भी दी जा सकती है। ऐसा ट्रेड यूनियन (trade union) दो आधार पर कर सकती है-

  • यदि रजिस्ट्रार द्वारा ट्रेड यूनियन के रजिस्ट्रेशन के आवेदन पत्र को अस्वीकार कर दिया जाए।
  • यदि ट्रेड यूनियन के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट को वापस ले लिया गया हो अथवा रद्द कर दिया गया हो।

दुनिया की सबसे बड़ी ट्रेड यूनियन कौन सी है? (Which is the biggest trade union of the world?)

मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संघ परिसंघ (international trade union confederation) यानी आईटीयूसी (ITUC) दुनिया की सबसे बड़ी ट्रेड यूनियन है। यह दुनिया भर के व्यापार संघों, परिसंघों का प्रतिनिधित्व (representation) करती है। उनके हितों की बात उठाती है और उनके अधिकारों की रक्षा करती है। आपको बता दें दोस्तों कि आईटीयूसी की स्थापना आज से करीब 17 वर्ष पूर्व एक नवंबर, 2006 में हुई थी। इसका हेडक्वार्टर (headquarter) बुसेल्स, बेल्जियम (Belgium) में है। सन् 2018 तक 207 मिलियन श्रमिक इसके सदस्य थे।

ट्रेड यूनियन का क्या अर्थ है?

यह किसी संगठन में श्रमिकों का एक संगठित समूह है, जो श्रमिक हितों के संरक्षण एवं अधिकारों के लिए काम करता है। साथ ही नियोक्ता से संबंध सुधार एवं संतुलन कायम रखता है।

भारत में ट्रेड यूनियन का रजिस्ट्रेशन किस एक्ट के तहत होता है?

भारत में ट्रेड यूनियन का रजिस्ट्रेशन ट्रेड यूनियन एक्ट-1926 के अंतर्गत किया जाता है।

भारत में पहली बार ट्रेड यूनियन कब हुआ?

भारत में पहली बार ट्रेड यूनियन का गठन सन् 1918 में हुआ था।

भारत में गठित पहली ट्रेड यूनियन का क्या नाम था?

भारत में गठित पहली ट्रेड यूनियन का नाम मद्रास लेबर यूनियन था।

भारत में संविधान के किस अनुच्छेद के तहत संगठन का अधिकार प्रदान किया गया है?

भारत में संविधान के अनुच्छेद 38 के अनुसार संगठन का अधिकार प्रदान किया गया है।

क्या रजिस्ट्रार ट्रेड यूनियन के रजिस्ट्रेशन से इनकार भी कर सकता है?

जी हां कुछ बातों के आधार पर वह ट्रेड यूनियन के रजिस्ट्रेशन से इंकार कर सकता है। इनके बारे में आप ऊपर पोस्ट में पढ़ सकते हैं।

क्या रजिस्ट्रार के फैसले के खिलाफ अपील की जा सकती है?

जी हां, रजिस्ट्रार के फैसले के खिलाफ अपील की जा सकती है।

भारत में ट्रेड यूनियनों को क्या इतिहास रहा है?

भारत में बंदरगाह शहरों में कपड़ा मिलों की स्थापना के बाद से नियोक्ता के शोषण के खिलाफ आवाज उठाने की परिस्थितियां बनीं। हड़तालें हुईं, जिसके बाद से ट्रेड यूनियनों की जरूरत जोर पकड़ गईं।

क्या रजिस्ट्रार ट्रेड यूनियंस के रजिस्ट्रेशन कैंसिल भी कर सकता है?

जी हां, यदि रजिस्ट्रार उचित आधार पाता है तो वह इन ट्रेड यूनियनों के रजिस्ट्रेशन कैंसिल भी कर सकता है।

दुनिया की सबसे बड़ी ट्रेड यूनियन कौन सी है?

दुनिया की सबसे बड़ी ट्रेड यूनियन आईटीयूसी है

आईटीयूसी की स्थापना कब हुई थी?

आईटीयूसी की स्थापना सन् 2006 में हुई थी।

भारत में ट्रेड यूनियन के रजिस्ट्रेशन की क्या प्रक्रिया है?

भारत में ट्रेड यूनियन एक्ट की धारा 4 के तहत ट्रेड यूनियन के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया होती है। इस पूरी प्रक्रिया की जानकारी हमने आपको पोस्ट में दे दी है।आप वहां से पढ़ सकते हैं।

यदि कोई ट्रेड यूनियन ट्रेड यूनियन एक्ट के किसी नियम को तोड़ती है तो क्या होता है?

ऐसे में रजिस्ट्रार ट्रेड यूनियन का रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने का अधिकार रखता है।

दोस्तों, हमने आपको अभी इस पोस्ट (post) बताया कि ट्रेड यूनियन क्या होती है? उम्मीद करते हैं कि ट्रेड यूनियन से जुड़े सभी बिंदु आपको स्पष्ट हो गए होंगे। इसके बावजूद यदि आपका इस पोस्ट को लेकर कोई सवाल है तो हिचकें नहीं, नीचे दिए गए कमेंट बाक्स (comment box) में कमेंट (comment) कर हमसे पूछ लें। हम आपको विस्तार से जानकारी देंगे।।धन्यवाद।।

प्रवेश कुमारी

मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।

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