झूठ बोलने में कौन सी धारा लगती है? | Which section is imposed on telling a lie?

|| झूठ बोलने में कौन सी धारा लगती है? (Which section is imposed on telling a lie? | क्या झूठ बोलना हमेशा बुरा या नुकसानदेह होता है? | क्या अदालत में झूठ बोलना/गलत बयानी अपराध है? | शपथ पत्र में झूठी जानकारी देना किस एक्ट का उल्लंघन है? ||

हमारे समाज में सच बोलने को एक अच्छा संस्कार माना जाता है। यद्यपि हम सभी अपनी जरूरत के अनुसार कभी ना कभी झूठ अवश्य बोलते हैं। दिक्कत तब होती है जब इस झूठ से किसी का अनिष्ट हो जाए। जहां तक अदालत की बात है तो वहां झूठ बोलना अपराध है। जो लोग पवित्र ग्रंथ की शपथ लेकर झूठा बयान देते हैं अथवा अपने शपथ पत्र में झूठी जानकारी देते हैं, उनके लिए बाकायदा कानून में प्रावधान किया गया है। आज इस पोस्ट में हम आपको यही बताएंगे कि झूठ बोलने में कौन सी धारा लगती है। आइए शुरू करते हैं-

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झूठ की क्या परिभाषा है? (What is the definition of a lie?)

दोस्तों, आइए सबसे पहले इस बात पर चर्चा करते हैं कि झूठ क्या होता है? झूठ का क्या अर्थ है? यदि परिभाषा की बात करें तो झूठ का अर्थ कुछ ऐसा कहने से होता है, जो व्यक्ति जानता है कि गलत है। लेकिन उसे इस इरादे से कहा जाता है कि व्यक्ति उसे सत्य मानेगा। मित्रों, आपको बता दें कि झूठा व्यक्ति न केवल सच्ची जानकारी को छुपाता है, बल्कि वह गलत जानकारी को इस अंदाज में पेश करता है, मानो वह सच हो।

कोई व्यक्ति झूठ क्यों बोलता है? (Why a person tells lie?)

दोस्तों, कोई व्यक्ति झूठ क्यों बोलता है? इसका कोई एक कारण नहीं, बल्कि इसके पीछे कई कारण होते हैं। जैसे-कई लोग किसी को नीचा दिखाने के लिए झूठ बोलते हैं तो कई लोग किसी चीज का फायदा उठाने के लिए झूठ बोलते हैं। कोई अपनी किसी कमी को छुपाने के लिए झूठ बोलता है तो कोई दूसरे को नुकसान पहुंचाने के लिए झूठ बोलता है।

इनमें सबसे ज्यादा संख्या उन लोगों की है, जो अपने किसी छोटे-मोटे लाभ के लिए झूठ बोलने से परहेज नहीं करते। यद्यपि मनोवैज्ञानिकों (psychologists) की मानें तो बहुत से लोग आदतन (habitually) भी झूठ बोलते हैं। यह वह लोग होते हैं, जिन्हें अपनी बात बढ़ा चढ़ाकर कहने में आनंद आता है। इसके अतिरिक्त कई बार असत्य को भी सत्य के आवरण में लपेट कर पेश किया जाता है, जो कि नुकसानदेह साबित होता है।

जैसे-महाभारत के युद्ध के दौरान हमेशा सत्यवादी रहे युधिष्ठिर ने भी असत्य को सत्य के आवरण में लपेट कर पेश किया। जैसे उन्होंने कहा- ‘अश्वत्थामा मारा गया’, लेकिन धीरे से कहा ‘किंतु हाथी’। जिसका युद्ध पर बड़ा असर पड़ा। दोस्तों, इस के अतिरिक्त कई लोग व्यक्तित्व के विकारों (abnormalities of personality) की वजह से भी झूठ बोलते हैं। यहां तक कि वे अपने झूठ को सच ठहराने के लिए कई तरह की दलीलों, फर्जी दस्तावेजों और अन्य लोगों का सहारा लेने से भी नहीं चूकते।

झूठ बोलने में कौन सी धारा लगती है? | Which section is imposed on telling a lie?

झूठ बोलने से क्या होता है? (What happenes to a liar person?)

कोई व्यक्ति जितना अधिक झूठ बोलता है लोग उस पर उतना ही कम भरोसा या विश्वास (believe) करते हैं। मुख्य रूप से झूठ बोलने से किसी व्यक्ति को यह नुकसान होते हैं-

  • समाज में ऐसे लोगों की इज्जत कम हो जाती है।
  • झूठे लोगों को अविश्वास की नजर से देखा जाता है।
  • लोग उनके सामने अपनी कोई भी बात बताने से बचते हैं।
  • झूठे व्यक्ति के प्रति लोगों की करुणा और सहानुभूति कम हो जाती है।

क्या झूठ बोलना हमेशा बुरा या नुकसानदेह होता है? (Is it always harmful to tell a lie?)

साथियों, यह भी जानते हैं कि झूठ बोलना हमारे समाज में कभी अच्छा नहीं माना जाता। और इसके कई नुकसान भी हैं, जो कि हमने आपको ऊपर पोस्ट में बताए हैं। लेकिन अब आपके दिमाग में सवाल उठ रहा होगा कि क्या झूठ बोलना हमेशा नुकसानदेह ही होता है? तो आपको बता दें दोस्तों कि यह हमेशा नुकसानदेह (harmful) नहीं होता। ऐसी कई परिस्थितियां (conditions) हैं, जिनमें व्यक्ति झूठ बोलता है और यह आवश्यक भी होता है। इसमें कोई बुराई भी नहीं समझी जाती ये परिस्थितियां इस प्रकार से हैं-

  • यदि किसी के प्राण संकट में हों।
  • यदि किसी की प्रतिष्ठा दांव पर हो।
  • प्रेम प्रसंग में (कहा भी जाता है, मुहब्बत और जंग में सब जायज है।)
  • यदि वैवाहिक संबंधों में आंच आ रही हो।

क्या अदालत में झूठ बोलना/गलत बयानी अपराध है? (Is it crime to tell a lie or giving false statement?)

जी हां, दोस्तों सामान्य जीवन (general life) में आप कितना भी झूठ बोले, लेकिन यदि आप अदालत में झूठ बोलते हैं तो यह अपराध (crime) की श्रेणी (category) में आता है और सीआरपीसी (CRPC) में इसके लिए सजा एवं जुर्माने का प्रावधान किया गया है। ऐसे बहुत से लोग हैं जिन पर अदालत (court) में झूठ बोलने के लिए अब तक कार्रवाई (action) की जा चुकी है। अच्छा खासा दंड दिया जा चुका है।

झूठ बोलने पर कौन सी धारा लगती है? (Which section is imposed on telling a lie?)

दोस्तों, अब बात करते हैं झूठ बोलते पकड़े जाने पर लगने वाली धारा की। आपको बता दें कि यदि कोई व्यक्ति अदालत में झूठ बोलते पकड़ा जाता है तो ऐसे लोगों के लिए सजा का प्रावधान (provision) है। झूठ बोलने वाले व्यक्ति को सबसे पहले सीआरपीसी (CRPC) की धारा (section)-344 के तहत नोटिस (notice) जारी किया जाता है। इसके पश्चात इस पर सुनवाई (hearing) होती है।

यदि संबंधित व्यक्ति पर झूठ साबित होता है तो उसे 6 महीने की कैद के साथ ही उस पर 500 रुपए से लेकर 1,000 रुपए तक का जुर्माना (penalty) किया जा सकता है। वहीं, यदि किसी ने अपने शपथ पत्र (affidavit) में झूठी जानकारी दी है तो उस पर सीआरपीसी (CRPC) की धारा (section)- 340 के तहत केस दर्ज किया जाता है। झूठा शपथ पत्र (false affidavit) देने के मामले में यदि दोष सिद्ध (prove) होने पर 7 वर्ष की सजा (punishment) का प्रावधान (provision) किया गया है।

शपथ पत्र में झूठी जानकारी देना किस एक्ट का उल्लंघन है? (A false affidavit is the disobey of which act?)

साथियों, आपको बता दें कि यदि आपसे आपके एफिडेविट (affidavit) अथवा शपथ पत्र में गलती से कोई झूठी जानकारी चली जाती है अथवा आप जानबूझ कर इसमें कोई गलत जानकारी देते हैं तो यह ओथ एक्ट (oath act)-1969 का उल्लंघन होता है। इस एक्ट के मुताबिक यह माना जाता है कि एफिडेविट में बयान देने वाले ने जो कुछ भी कहा है, वो सच है। लिहाजा, इसके लिए जिम्मेदार एवं दंड का हिस्सेदार वह खुद है।

दुनिया का सबसे बड़ा झूठ क्या है? (What is the biggest lie of this world?)

दोस्तों, क्या कभी आपने सोचा है कि दुनिया का सबसे बड़ा झूठ क्या है? तो आपको बता देगी दुनिया का सबसे बड़ा झूठ वही है जो हर आदमी बोलता है। और वो ये कि वह कभी झूठ नहीं बोलता। यह आप हम और सभी जानते हैं कि हर व्यक्ति अपने जीवन में झूठ बोलता है। कोई कुछ कम बोलता है और कोई कुछ ज्यादा।

दोस्तों, अगर कोई बात बात में इस बात का दावा करे कि वह सच्चा है, वह कतई झूठ नहीं बोलता तो यकीन मानिए कि वह अन्य लोगों से ज्यादा ही झूठ बोलता होगा। मित्रों, एक सर्वे बताता है कि अधिकतर लोग दिन में तकरीबन दो बार झूठ बोलते हैं। यद्यपि सभी लोग अपने बच्चों को शुरू से ही झूठ से बचने की सलाह देते हैं।

वे नहीं चाहते कि उनके बच्चे कभी झूठे कहलाएं। भारत में झूठ बोलने को लेकर अनेक कहावतें में प्रचलित हैं। जैसे- झूठ बोले, कौआ काटे, झूठ बोलोगे तो कौआ नाक ले जाएगा आदि। यहां तक कि बालीवुड तक में ‘क्योंकि मैं झूठ नहीं बोलता…’ जैसी मूवीज बनी हैं, जो जीवन में भरे झूठ के आवरण से परिचय कराती हैं। बहुत ही कम लोग ऐसे हैं, जो झूठ से बच कर रहे हैं। ऐसे ही एक कैरेक्टर हमको किताबों में नजर आते हैं।

जैसे-राजा हरिश्चंद्र। उनको ‘सत्यवादी’ कहा गया, क्योंकि उन्होंने हमेशा सच बोला और इसके लिए अनेक बलिदान भी दिए। यही वजह है कि आज की तारीख में यदि कोई व्यक्ति सच की राह पर चलता है तो उसे ‘सत्यवादी’ का खिताब दिया जाता है। सच की राह पर चलना हमेशा कठिन माना गया है, इसीलिए लोग अपने जीवन को आसान बनाने के लिए झूठ का सहारा लेते हैं। इसका नमूना आप अक्षर कॉर्पोरेट लाइफ (corporate life) में देख सकते हैं। जैसे-

किसी कर्मचारी को छुट्टी चाहिए और उसकी सारी छुट्टियां पूरी हो चुकी हैं तो ऐसे में वह कई बार झूठ का सहारा लेता है। कभी किसी संबंध की मौत का बहाना बनाता है तो कभी किसी और बात का। इसी प्रकार के छोटे-मोटे झूठ के उदाहरण आपको जीवन के हर क्षेत्र में देखने को मिल जाते हैं।

झूठ से क्या आशय है?

झूठ का अर्थ कुछ ऐसा कहने से होता है, जो व्यक्ति जानता है कि गलत है। लेकिन उसे इस इरादे से कहा जाता है कि व्यक्ति उसे सत्य मानेगा।

कोई व्यक्ति झूठ क्यों बोलता है?

अधिकांश लोग छोटे-मोटे लाभ की आकांक्षा में झूठ बोलते हैं।

क्या अदालत में झूठ बोलना अपराध है?

जी हां अदालत में झूठ बोलना अपराध है।

झूठ बोलना कब बुरा नहीं समझा जाता?

यदि किसी के प्राण संकट में हो तो उन्हें बचाने के लिए झूठ बोलना बुरा नहीं समझा जाता।

अदालत में झूठ बोलने पर कौन सी धारा लगती है?

अदालत में झूठ बोलने पर धारा- 344 के तहत नोटिस जारी किया जाता है। इसके बाद सुनवाई पश्चात कार्यवाही होती है

शपथ पत्र में झूठी जानकारी देने पर कौन सी धारा लगती है?

शपथ पत्र में झूठी जानकारी देने पर धारा- 340 के तहत केस दर्ज होता है।

दोस्तों, हमने आपको इस पोस्ट (post) में बताया कि झूठ बोलने में कौन सी धारा लगती है। यदि अभी तक आप झूठ को किसी व्यक्ति का व्यक्तिगत मामला समझ रहे हो तो होशियार हो जाइए। इस पोस्ट के संबंध में आप अपना कोई भी सवाल हो तो सो जाओ नीचे दिए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके हम तक भेज सकते हैं। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश कुमारी

मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।

Comment (1)

  1. CHS ke Chairmen ne mere flat ke ex owner ki jhuthi death ki khabar Deputy Registrar or election officer ko di thi jisme ki unki death huyi hi nahi thi iske abej me Chairmen ko kya saja hogi kyonki woo hamare flat ko naam par nahi kar rahe thee or illegal paise vasulne ke liye aise ger kanooni khabar fela kar muje fasa rahe hey isme konsi dhara ya section lagta hey bataye it’s most serious matter urgent

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